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    सरकारी कंपनियों में निवेश का मिल रहा है मौका, ये कंपनी लाई नया फंड ऑफर

    By Saurabh VermaEdited By:
    Updated: Wed, 31 Aug 2022 12:15 PM (IST)

    सरकारी बैंक एक चक्र परिवर्तन के बीच में हैं जिसमें इक्विटी पर रिटर्न अभी शुरू हुआ है और बेहतर परिसंपत्ति गुणवत्ता के साथ क्रेडिट लागत कम हो गई है। रक्षा क्षेत्र के लिए सरकार ज्यादा आवंटन कर रही है और स्वदेशीकरण पर ध्यान दे रही है।

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    Photo credit - investment jagran file Photo

    नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। देश की दूसरी सबसे बड़ी म्यूचुअल फंड कंपनी आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल ने पीएसयू इक्विटी फंड को लॉन्च किया है। इस एनएफओ का उद्देश्य मुख्य रूप से सरकारी कंपनियों के इक्विटी और इक्विटी से संबंधित संसाधनों में निवेश कर लंबे समय में संपत्ति का निर्माण करना है। यह स्कीम एसएंडपी बीएसई पीएसयू इंडेक्स के शेयरों और सेक्टर में निवेश कर सकती है। स्कीम सभी मार्केट कैप जैसे लार्ज, मिड और स्माल कैप में निवेश कर सकती है। एनएफओ में 6 सितंबर, 2022 तक पैसा लगाया जा सकता है।

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    इस बारे में कंपनी के प्रोडक्ट और रणनीति प्रमुख चिंतन हरिया ने कहा कि सरकारी कंपनियां पूंजी बाजार का एक महत्वपूर्ण घटक बनाती हैं और व्यापक निवेश अवसर पेश करने वाले विभिन्न क्षेत्रों में मौजूद हैं। इसके अलावा सार्वजनिक उपक्रमों को आकर्षक रूप से मूल्यांकन के आधार पर रखा गया है और सुरक्षा के बेहतर मार्जिन की पेशकश करते हैं। अस्थिर वातावरण में उच्च लाभांश रिटर्न देने वाली कंपनियों की मांग अधिक होती है जिसके परिणामस्वरूप पूंजी में बढ़त होती है।

    सरकारी कंपनियों को आकर्षक बनाने में जो अन्य कारक होते हैं उनमें सरकार का मालिकाना हक और साथ ही सुरक्षा का बेहतर मार्जिन होता है। ज्यादातर कंपनियों में सरकार की हिस्सेदारी 60 फीसदी से ऊपर होती है। इसके अलावा इन कंपनियों का मूल्यांकन भी आकर्षक होता है।

    सरकारी कंपनियां व्यापक बाजार की तुलना में बेहतर लाभांश यील्ड देती हैं। एसएंडपी बीएसई पीएसयू इंडेक्स का पिछले 17 वर्षों में औसत लाभांश यील्ड 2.6 रहा है जबकि एसएंडपी बीएसई सेंसेक्स का 1.3 रहा है। उतार-चढ़ाव के माहौल में कंपनियां ज्यादा मांग के कारण इनके लाभांश यील्ड में भी बढ़त होती है।

    सरकारी बैंक एक चक्र परिवर्तन के बीच में हैं जिसमें इक्विटी पर रिटर्न अभी शुरू हुआ है और बेहतर परिसंपत्ति गुणवत्ता के साथ क्रेडिट लागत कम हो गई है। रक्षा क्षेत्र के लिए सरकार ज्यादा आवंटन कर रही है और स्वदेशीकरण पर ध्यान दे रही है। रक्षा क्षमताओं को बढ़ाने और उपकरणों पर विदेशी खर्च को कम करने के लिए सशस्त्र बलों के लिए 764 अरब रुपये खर्च करने का लक्ष्य है। बिजली उत्पादन में मुख्य रूप से सरकारी कंपनियों का दबदबा है। महामारी के प्रभाव के बावजूद बिजली की मांग बढ़ रही है।

    ऐतिहासिक रूप से चुनावों से पहले सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम सुधारों के साथ बेहतर प्रदर्शन करते हैं। सरकारी कंपनियां अगले दो सालों में चुनाव से पहले बेहतर प्रदर्शन कर सकती हैं। इसके अलावा भी कई कारक हैं जिसका फायदा इन कंपनियों को मिलता है। फंड का प्रबंधन मित्तुल कलावाड़िया और आनंद शर्मा करेंगे।