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    फिलहाल ब्याज दरों में कटौती नहीं करेगा फेडरल रिजर्व, अब सितंबर में होने वाली बैठक से उम्मीदें!

    अमेरिकी फेडरल रिजर्व के चेयरमैन जेरोम पावेल ने कहा है कि राष्ट्रपति ट्रंप की ब्याज दर में कटौती की मांग पर विचार करने से पहले केंद्रीय बैंक टैरिफ वृद्धि के मुद्रास्फीति पर पड़ने वाले प्रभाव का अध्ययन करेगा। उन्होंने बताया कि टैरिफ से कीमतों में बढ़ोतरी और आर्थिक गतिविधि पर असर पड़ सकता है। पावेल के बयान के बाद निवेशक अब सितंबर में दर कटौती की उम्मीद कर रहे हैं, न कि जुलाई में। फेडरल रिजर्व ट्रंप की नई टैरिफ नीति के परिणामों को समझना चाहता है, जबकि अर्थव्यवस्था मजबूत बनी हुई है।  

    By Ashish Kushwaha Edited By: Ashish Kushwaha Updated: Tue, 24 Jun 2025 09:00 PM (IST)
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    रॉयटर, वाशिंगटन : अमेरिकी फेडरल रिजर्व के चेयरमैन जेरोम पावेल ने कहा है कि राष्ट्रपित डोनाल्ड ट्रंप द्वारा ब्याज दरों में कटौती की मांग पर विचार करने से पहले केंद्रीय बैंक को यह देखने के लिए थोड़ा समय चाहिए कि क्या टैरिफ में वृद्धि से मुद्रास्फीति बढ़ेगी। मंगलवार सुबह संसद की वित्तीय सेवा समिति के समक्ष दिए गए वक्तव्य में पावेल ने कहा, इस साल टैरिफ में वृद्धि से कीमतों में बढ़ोतरी के साथ आर्थिक गतिविधि पर असर पड़ने की संभावना है। फिलहाल, हम नीतिगत ब्याज दरों में किसी तरह का परिवर्तन करने से पहले अर्थव्यवस्था पर पड़ने वाले प्रभाव का अध्ययन करना चाहेंगे।

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    पावेल का वक्तव्य सामने आने के बाद निवेशकों ने अब यह कहना बंद कर दिया है कि केंद्रीय बैंक जुलाई में नीतिगत ब्याज दरों में कटौती कर सकता है। अब निवेशक सितंबर में होने वाली बैठक में ब्याज दरों में कटौती की उम्मीद लगा रहे हैं।

    हाल के दिनों में ट्रंप द्वारा नियुक्त फेडरल रिजर्व के दो गवर्नर ने कुछ दिनों पूर्व कहा था कि जुलाई की बैठक में दरें गिर सकती हैं, क्योंकि टैरिफ में वृद्धि के जवाब में मुद्रास्फीति अभी तक नहीं बढ़ी है। हालांकि, रिजर्व बैंक के दो प्रेसिडेंट का कहना है कि उन्हें अभी भी इस बात की ¨चता है कि वर्ष के बाकी समय में मुद्रास्फीति तेज होगी। अपने बयान में पावेल ने कहा कि अर्थव्यवस्था मजबूत स्थिति में बनी हुई है, जिसमें ना केवल बेरोजगारी दर कम है बल्कि मुद्रास्फीति भी कोरोना के समय से बहुत नीचे है। ट्रंप की व्यापार नीतियों को लेकर अभी भी अनिश्चितता है।

    दरअसल, ट्रंप द्वारा नई टैरिफ नीति पर 90 दिनों की रोक लगा दी थी, जो नौ जुलाई को खत्म हो रही है। पावेल ने कहा कि नई टैरिफ नीति को लेकर ट्रंप क्या फैसला लेते हैं और उसके क्या परिणाम होंगे, यह भी फेडरल रिजर्व के लिए समझना महत्वपूर्ण होगा।