टाटा की TCS को छंटनी से बड़ा नुकसान, 12000 कर्मचारियों को नौकरी से निकालने पर खर्च करने पड़े 1135 करोड़ रुपये
टीसीएस ने सितंबर तिमाही के नतीजे पेश करते हुए बताया कि कंपनी में कर्मचारियों की छंटनी पर उसे 1135 करोड़ रुपये खर्च करने पड़े। इस वन टाइम लॉस के चलते कंपनी का कंसोलिडेटेड नेट प्रॉफिट 12,075 करोड़ रुपये रह गया। टीसीएस ने इस वित्तीय वर्ष के दौरान अपने कंपनी से 2 फीसदी कर्मचारियों (12000) की छंटनी की है।

टीसीएस ने दूसरी तिमाही के नतीजों में थंटनी से जुड़े खर्च की जानकारी दी।
नई दिल्ली। भारत की सबसे बड़ी आईटी कंपनी, टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (TCS) कर्मचारियों की छंटनी को लेकर काफी सुर्खियों में रही। अब टीसीएस ने अपने तिमाही नतीजों में बताया है कि कंपनी को इस छंटनी और रि-स्ट्रक्चरिंग में 1135 करोड़ रुपये खर्च करने पड़े। एक्सचेंज को दी गई जानकारी में टीसीएस ने कहा कि इस रि-स्ट्रक्चरिंग खर्च के चलते कंपनी का कंसोलिडेटेड नेट प्रॉफिट 12,075 करोड़ रुपये रह गया। Q2 में कंपनी का रेवेन्यू 65,799 करोड़ रुपये रहा, जो बाज़ार के अनुमानों से थोड़ा कम है।
दरअसल, टीसीएस ने इस वित्तीय वर्ष के दौरान कंपनी से 2 फीसदी कर्मचारियों (12000) की छंटनी की है, जिसमें सीनियर से लेकर मीडिल लेवल तक के एम्पलाइज शामिल रहे। चूंकि, कर्मचारियों को नौकरी से निकालने पर कंपनी को उन्हें अग्रिम सैलरी भुगतान करना होता है इसलिए इस पूरी कवायद में कंपनी को 1135 करोड़ रुपये खर्च करने पड़े।
सिर्फ 12000 कर्मचारी या और ज्यादा?
हालांकि, कंपनी के कर्मचारियों और आईटी यूनियनों का दावा है कि नौकरी से निकाले जाने वाले कर्मचारियों की वास्तविक संख्या कहीं ज़्यादा है। यह भी आरोप लगाया गया कि आधिकारिक छंटनी की संख्या कम रखने के लिए कई लोगों से स्वेच्छा से इस्तीफ़ा देने को कहा गया।
TCS देश का सबसे बड़ा प्राइवेट एम्पलॉयर
वहीं, कंपनी के एक करीबी सूत्र ने इन दावों को खारिज करते हुए इन्हें गलत बताया। टीसीएस के एक प्रवक्ता ने कहा, छंटनी का असर हमारे कार्यबल के 2 प्रतिशत तक सीमित है। चूंकि, टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज, भारत की सबसे बड़ी प्राइवेट एम्पलॉयर है, जिसके कुल 6 लाख से ज्यादा कर्मचारी है। ऐसे में टीसीएस में छंटनी को लेकर काफी विरोध हुए।
ऑल इंडिया आईटी और आईटीईएस एम्पलॉई यूनियन, फोरम फॉर आईटी एम्प्लॉइज और यूनियन ऑफ आईटी एंड आईटीईएस एम्प्लॉइज ने "जबरन इस्तीफे" और "जबरन निकासी" के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किए और अभियान चलाए हैं।
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