'इस्तीफा दो या...', पिता की सर्जरी करवा रहा था कर्मचारी, TCS ने किया कंपनी छोड़ने पर मजबूर; देना पड़ा पूरा पैसा
टीसीएस में एक कर्मचारी को, जो अपने पिता की सर्जरी करवा रहा था, कंपनी छोड़ने पर मजबूर करने का मामला सामने आया है। कर्मचारी को एचआर ने 10 महीने की सैलरी लेकर इस्तीफा देने या टर्मिनेशन स्वीकार करने का विकल्प दिया। बाद में, कर्मचारी ने लेबर ऑफिस में शिकायत की, जिसके बाद उसे ग्रेच्युटी मिली। टीसीएस ने इस साल हजारों कर्मचारियों की छंटनी की है, जिसका कारण AI और ऑटोमेशन को बताया गया है।
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पिता की सर्जरी करवा रहा था कर्मचारी, TCS ने किया कंपनी छोड़ने पर मजबूर; देना पड़ा पूरा पैसा
TCS Layoff News: एक समय था, जब रतन टाटा (Ratan Tata) अपने कर्मचारियों पर मेहरबान रहते थे। लेकिन अब स्थिति बदल गई है। उनके निधन के बाद देश की सबसे बड़ी आईटी कंपनी TCS यानी टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज के हालात बदतर होते जा रहे हैं। जहां कंपनी हजारों कर्मचारियों की छंटनी को लेक 'बदनाम' हो चुकी है तो वहीं TCS से मोस्ट वैल्यूएबल कंपनी का ताज भी छिन गया है।
इस बीच एक ऐसी खबर आई, जिसने सबको झकझोर कर रख दिया। दरअसल, टीसीएस में एक बार फिर जबरन छंटनी का मामला सामने आया है। आरोप है कि कंपनी ने मुंबई के ऐसे कर्मचारी को निकाला, जो अपने पिता की सर्जरी करवा रहा था।
आईटी कर्मचारियों के संगठन फोरम फॉर आईटी एम्प्लॉयीज (FITE) के महाराष्ट्र प्रमुख पवनजित माणे ने जागरण बिजनेस से बातचीत के दौरान बताया कि,
"कर्मचारी के पिता आईसीयू में भर्ती थे। उनके इलाज के लिए वह मेडिकल लीव पर था। उसने पिता की सर्जरी और उनकी देखभाल के लिए लीव बढ़ाने की मांग की थी। जिसके बाद कंपनी ने उसे इस्तीफा देने के लिए मजबूर किया और उसे तंग होकर रिजाइन देना पड़ा।"
एचआर ने कहा- 10 महीने की सैलरी लेकर इस्तीफा दो
पवनजित माणे के मुताबिक, इस कर्मचारी के पास कुल 14 साल का अनुभव था और टीसीएस में वह 7 साल से काम कर रहा था। एचआर ने कर्मचारी को दो विकल्प दिए- या तो 10 महीने की सैलरी लेकर इस्तीफा दे या टर्मिनेशन स्वीकार करे। खासकर तब, जब वह एक महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट पर भी काम कर रहा था।
इसे लेकर FITE ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा कि,
"सवाल यह है कि कितने कर्मचारियों को जबरन इस्तीफा देने को मजबूर किया गया? कितनों को वादे के मुताबिक मुआवजा मिला? कितने मेडिकल रूप से कमजोर कर्मचारी शिकार बने?"
पवनजित ने बताया कि यह पूरा मामला अगस्त-सितंबर 2024 का है, जो अब सामने आया है। फिलहाल वह कर्मचारी अब दूसरी कंपनी में नौकरी कर रहा है। वहीं इस पूरे मामले को लेकर FITE ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर भी पोस्ट किया है। जिसमें लिखा- "ये है टीसीएस का काला सच।"
Dark side of #TCS - Part 07 ,,,,but here TCS lost :)#EmployeesVictory over TCS’ unfair policies.
— Forum For IT Employees - FITE (@FITEMaharashtra) November 19, 2025
A Mumbai-based TCS employee with 7 years of service was forced to resign last year while he was on emergency leave, attending to his father in the ICU.
Despite having sufficient…
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कंपनी ने रोकी ग्रैच्युटी को लेबर ऑफिस पहुंचा कर्मचारी
पवनजित ने आगे बताया कि कंपनी यहीं नहीं रुकी। कर्मचारी के इस्तीफे के बाद टीसीएस ने उसे ग्रैच्युटी देने से भी मना कर दिया। जिसके बाद कर्मचारी ने लेबर ऑफिस में टीसीएस के खिलाफ शिकायत की। कर्मचारी की शिकायत पर मुंबई लेबर ऑफिस ने टीसीएस मैनेजमेंट को तलब किया।
लेबर कमिश्नर ने टीसीएस को गलत लेबर प्रैक्टिस के बारे में चेतावनी दी। साथ ही TCS को कर्मचारी की 7 साल की नौकरी लिए पूरी ग्रैच्युटी देने का भी आदेश दिया। हालांकि, सालभर तक चले मामले के बाद कर्मचारी को पूरा अमाउंट मिल गया है।
मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो इस साल टीसीएस ने हजारों कर्मचारियों की छंटनी की है। दूसरी तिमाही (Q2FY26) में कुल कर्मचारी संख्या घटकर 5,93,314 रह गई। कंपनी का कहना है कि AI और ऑटोमेशन की वजह से 12,000 के करीब कर्मचारी (लगभग 2%) प्रभावित हुए हैं।

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