ई-रिटर्न फाइलिंग के नियम सख्त
सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टैक्सेस [सीबीडीटी] ने करदाताओं की निगरानी बढ़ा दी है। अब ई-रिटर्न भरने से पहले मोबाइल फोन नंबर और ई-मेल आईडी का रजिस्ट्रेशन अनिवार्य होगा। इनकम टैक्स विभाग हर करदाता से सीधा संवाद करना चाहता है। साथ ही 5 लाख रुपये से ज्यादा कमाने वालों के लिए ई-फाइलिंग जरूरी कर दी गई है। मोबाइल नंबर और ई
नई दिल्ली। सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टैक्सेस [सीबीडीटी] ने करदाताओं की निगरानी बढ़ा दी है। अब ई-रिटर्न भरने से पहले मोबाइल फोन नंबर और ई-मेल आईडी का रजिस्ट्रेशन अनिवार्य होगा। इनकम टैक्स विभाग हर करदाता से सीधा संवाद करना चाहता है। साथ ही 5 लाख रुपये से ज्यादा कमाने वालों के लिए ई-फाइलिंग जरूरी कर दी गई है।
मोबाइल नंबर और ईमेल के रजिस्ट्रेशन के लिए ई-फाइलिंग पोर्टल पर अपने मोबाइल नंबर और ई-मेल आईडी डालने होंगे। इसके बाद वेरिफिकेशन के लिए इनकम टैक्स विभाग मोबाइल पर वन टाइम पासवर्ड [ओटीपी] भेजेगा। वहीं रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया पूरी करने के लिए ओटीपी डालना जरूरी होगा।
मोबाइल नंबर और ई-मेल आईडी रजिस्ट्रेशन एक ही बार कराना होगा। लेकिन, मोबाइल नंबर या ई-मेल आईडी बदलने पर दोबारा रजिस्ट्रेशन कराना होगा। एक ई-मेल आईडी या मोबाइल नंबर 4 से ज्यादा यूजर इस्तेमाल नहीं कर सकेंगे। इनकम टैक्स विभाग की सलाह है कि हर करदाता की अलग ई-मेल आईडी होना बेहतर होगा।
बताया जा रहा है कि इनकम टैक्स विभाग और करदाता के बीच बेहतर संपर्क के लिए नया नियम अमल में लाया गया है। साथ ही करदाती के ई-फाइलिंग अकाउंट की सुरक्षा के लिए नया नियम बना है। दरअसल, कई करदाता अपनी सुविधा के लिए दूसरों के ई-मेल आईडी देते हैं। दूसरों की ई-मेल आईडी की वजह से पासवर्ड रिसेट करने में भी दिक्कत आती है।
चार्टर्ड अकाउंटेंट की मनमानी पर लगाम
सीबीडीटी सूत्रों का कहना है कि नए नियम के अमल में आने के बाद करदाताओं से सहयोग नहीं करने वाले चार्टर्ड अकाउंटंटों की मनमानी पर रोक लगेगी। करदाताओं की जानकारी चार्टर्ड अकाउंटंटों के स्तर पर ही अटकी नहीं रही, इसलिए ये फैसला किया गया है। साथ ही करदाताओं के साथ होने वाली जालसाजी पर शिकंजा कसा जा सकेगा। वहीं इनकम टैक्स विभाग के पास स्क्रूटनी के लिए डाटाबेस तैयार हो सकेगा और लोगों को सीधे रिफंड करने में आसानी होगी।
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