Air India को खरीदने के लिए Tata Sons ने लगाई बोली, आखिरी दौर में पहुंची विनिवेश की प्रक्रिया
सरकार ने बुधवार को यह जानकारी दी है कि उसे राष्ट्रीय विमानन कंपनी Air India को खरीदने के लिए कई कंपनियों की तरफ से बोलियां मिली हैं। इसी बीच Tata Sons के प्रवक्ता ने यह बताया है कि उसने एयरलाइन के लिए बोली लगाई है।
नई दिल्ली, पीटीआइ। सरकार ने यह बताया है कि उसे राष्ट्रीय विमानन कंपनी Air India को खरीदने के लिए कई कंपनियों की तरफ से बोलियां मिली हैं। सरकार ने बुधवार को यह जानकारी उपलब्ध कराई है। इसी बीच, Tata Sons के प्रवक्ता ने यह बताया है कि उसने एयरलाइन के लिए बोली लगाई है।
दीपम सचिव तुहिन कांता पांडे ने इस मामले पर ट्वीट करते हुए यह लिखा है कि, "एयर इंडिया के विनिवेश के लिए वित्तीय बोलियां लेनदेन सलाहकार को मिलीं है। विनिवेश प्रक्रिया अब अंतिम चरण में है।"
सरकार सरकारी स्वामित्व वाली राष्ट्रीय एयरलाइन में अपनी 100 फीसद हिस्सेदारी बेचने की कोशिश कर रही है, जिसमें एआई एक्सप्रेस लिमिटेड में एयर इंडिया की 100 फीसद हिस्सेदारी और एयर इंडिया एसएटीएस एयरपोर्ट सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड में 50 फीसद हिस्सेदारी शामिल है।
जनवरी 2020 से शुरू हुई हिस्सेदारी बिक्री प्रक्रिया में COVID-19 महामारी के कारण देरी का सामना करना पड़ा। अप्रैल 2021 में, सरकार ने संभावित बोलीदाताओं को वित्तीय बोली लगाने के लिए कहा।
सरकार एयर इंडिया में अपनी पूरी 100 फीसद हिस्सेदारी को बेच रही है। एयर इंडिया साल 2007 से ही घरेलू ऑपरेटर इंडियन एयरलाइंस के साथ विलय के बाद से घाटे में चल रही है। COVID-19 के कारण हिस्सेदारी बिक्री प्रक्रिया में देरी हुई है और सरकार ने एयरलाइन के लिए प्रारंभिक बोलियां जमा करने की समय सीमा पांच बार तक बढ़ाया भी है।
एयर इंडिया की शुरुआत 1932 में एक मेल कैरियर के तौर पर की गई थी। यह एयरलाइन सफल बोलीदाता को घरेलू हवाई अड्डों पर 4,400 घरेलू और 1,800 अंतरराष्ट्रीय लैंडिंग और पार्किंग स्लॉट के साथ-साथ विदेशों में हवाई अड्डों पर 900 स्लॉट का नियंत्रण देगी। इसके अलावा बोली लगाने वाले को कम लागत वाली एयर इंडिया एक्सप्रेस का 100 फीसद और एआईएसएटीएस का 50 फीसद मिलेगा, जो प्रमुख भारतीय हवाई अड्डों पर कार्गो और ग्राउंड हैंडलिंग सेवाएं देता है।