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    TATA के इस वेटरन ने अपने हाथ में ली Air India की कमान, क्या अब बदलेगी खस्ताहाल एयरलाइंस की सूरत?

    Updated: Wed, 25 Jun 2025 06:06 PM (IST)

    अहमदाबाद में एयर इंडिया बोइंग 787 विमान हादसे को देखते हुए टाटा ग्रुप के चेयरमैन एन. चंद्रशेखरन ने एयर इंडिया की कमान खुद संभाल ली है। वे सीधे निगरानी कर रहे हैं, सुरक्षा, रखरखाव और कर्मचारी कल्याण पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं। सीईओ कैंपबेल विल्सन भी सक्रिय हैं। पीड़ितों के परिवारों के लिए एक ट्रस्ट बनाया जाएगा और 1 करोड़ रुपये का मुआवजा दिया जाएगा। टाटा ग्रुप की सबसे बड़ी चुनौती अब लोगों का भरोसा फिर से जीतना है।  

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    नई दिल्ली। अहमदाबाद में हुए एयर इंडिया बोइंग 787 विमान हादसे ने पूरे देश को झकझोर दिया है। इस हादसे में 241 यात्रियों और क्रू मेंबर्स की जान चली गई, साथ ही 33 लोग जमीन पर भी इसकी चपेट में आ गए। देशभर में दुख और गुस्से का माहौल है। ऐसे में टाटा ग्रुप के चेयरमैन एन. चंद्रशेखरन ने एयर इंडिया की कमान खुद संभाल ली है।

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    संकट में चेयरमैन आए आगे

    टाटा ग्रुप के भीतर जब भी कोई बड़ा संकट आया है, तब समूह के चेयरमैन ने खुद फ्रंटफुट पर आकर जिम्मेदारी उठाई है। जैसे 1989 में जेआरडी टाटा ने टाटा स्टील में लगी आग के दौरान मोर्चा संभाला था या फिर रतन टाटा ने 26/11 के समय ताज होटल की देखरेख खुद की थी। अब वही भूमिका चंद्रशेखरन निभा रहे हैं।

    इस बार फर्क बस इतना है कि संकट एक एयरलाइंस से जुड़ा है। एक ऐसी एयरलाइंस जो पहले से ही अपनी साख और संचालन को लेकर चुनौतियों का सामना कर रही थी।

    अब रोज एयर इंडिया हेडक्वार्टर से चल रही है निगरानी

    एन. चंद्रशेखरन अब एयर इंडिया के हेडक्वार्टर से सीधे ऑपरेशन्स देख रहे हैं। वो DGCA और AAIB जैसे सरकारी संस्थानों से संपर्क बनाए हुए हैं और CEO कैंपबेल विल्सन के साथ रणनीति बना रहे हैं।

    एन. चंद्रशेखरन का ध्यान इन अहम चीजों पर

    • सेफ्टी असेसमेंट (सुरक्षा समीक्षा)
    • एयरक्राफ्ट मेंटेनेंस (विमानों की मरम्मत और जांच)
    • स्टाफ वेलफेयर (कर्मचारियों की सुरक्षा और हौसला)
    • सरकारी एजेंसियों के साथ समन्वय

     

    चंद्रशेखरन ऊपर से नेतृत्व दे रहे हैं, लेकिन CEO कैंपबेल विल्सन भी पूरे एक्शन मोड में हैं। हादसे के समय वे पेरिस की यात्रा पर थे, लेकिन तुरंत अहमदाबाद लौटे और क्रू मेंबर्स के परिवारों से मिले। अब वे सेफ्टी ऑडिट करवा रहे हैं। हर डिविजन के प्रमुखों से बैठक कर रहे हैं। नेटवर्क ऑपरेशन्स को मॉनिटर कर रहे हैं। साथ ही इमरजेंसी प्रोटोकॉल पर भी काम कर रहे हैं।


    पीड़ित परिवारों के लिए ट्रस्ट बनेगा

    चंद्रशेखरन एक ट्रस्ट बनाने की प्रक्रिया में हैं, जो हादसे में जान गंवाने वालों के परिवारों की मदद करेगा। सूत्रों का कहना है कि विदेशी नागरिकों के लिए अलग ट्रस्ट बनेगा या नहीं, इस पर अभी फैसला नहीं हुआ है। एयर इंडिया ने ऐलान किया है कि हर मृतक के परिवार को ₹1 करोड़ मुआवजा दिया जाएगा। हालांकि जानकारों का मानना है कि आर्थिक मदद के साथ-साथ सबसे बड़ी जरूरत भरोसे को दोबारा बहाल करने की है।

    अब सबसे बड़ी चुनौती फिर से भरोसा पैदा करना

    इस समय टाटा ग्रुप की सबसे बड़ी चुनौती है लोगों में भरोसा फिर से पैदा करना। लोगों और अपने ही कर्मचारियों का भरोसा फिर से जीतना। एक टाटा अधिकारी ने कहा, “ये ऐसा समय है जब हर फैसला तेजी से लेना होगा और ऐसे हालात में केवल चेयरमैन की लीडरशिप ही काम आ सकती है।”

     

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