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    टाटा ग्रुप की ये कंपनी बनाएगी 'मेड इन इंडिया' हेलिकॉप्टर, 2027 में सेना दिखाएगी दम; कितनी होगी कीमत?

    Updated: Wed, 01 Oct 2025 07:53 PM (IST)

    Tata Group भारत का पहला प्राइवेट सेक्टर हेलिकॉप्टर असेंबली प्लांट बनाने जा रहा है। यह प्लांट कर्नाटक के वेमगल में बनेगा जहां एयरबस H125 हेलिकॉप्टर तैयार किए जाएंगे। पहली डिलीवरी 2027 की शुरुआत में होने की उम्मीद है। इस हेलिकॉप्टर की अनुमानित कीमत करीब 24 करोड़ रुपए होगी। ये हेलिकॉप्टर पूरी तरह मेड इन इंडिया होंगे।

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    टाटा ग्रुप की ये कंपनी बनाएगी 'मेड इन इंडिया' हेलिकॉप्टर, 2027 में सेना दिखाएगी दम।

    नई दिल्ली| टाटा ग्रुप (Tata Group) भारत का पहला प्राइवेट सेक्टर हेलिकॉप्टर असेंबली प्लांट बनाने जा रहा है। यह प्लांट कर्नाटक के वेमगल में बनेगा, जहां एयरबस H125 हेलिकॉप्टर तैयार किए जाएंगे। पहली डिलीवरी 2027 की शुरुआत में होने की उम्मीद है। इस हेलिकॉप्टर की अनुमानित कीमत करीब 24 करोड़ रुपए होगी।

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    टाटा एडवांस्ड सिस्टम्स लिमिटेड (TASL) इस हेलिकॉप्टर को पूरी तरह "मेड इन इंडिया" (Made in India Helicopters) मॉडल के तौर पर तैयार करेगी। कंपनी का मकसद दक्षिण एशिया के हेलिकॉप्टर मार्केट की क्षमता को पूरी तरह इस्तेमाल करना है। यह हेलिकॉप्टर नागरिक सेवाओं और पैरापब्लिक क्षेत्रों के लिए नए विकल्प खोलेंगे। इसके साथ ही भारतीय सेना की जरूरतों को भी पूरा करेंगे, खासकर हिमालय की ऊंचाई वाली सीमाओं पर।

    दक्षिण एशियाई देशों में होंगे एक्सपोर्ट

    कंपनी एयरबस H125 का मिलिट्री वर्जन H125M भी बनाएगी, जिसमें ज्यादा से ज्यादा भारतीय तकनीक और कंपोनेंट्स का इस्तेमाल होगा। इस प्लांट से हेलिकॉप्टर का एक्सपोर्ट भी दक्षिण एशिया में किया जाएगा।

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    "भारत हेलिकॉप्टर के लिए आदर्श देश"

    एयरबस इंडिया और साउथ एशिया के प्रेसिडेंट जुएर्गन वेस्टरमेयर ने कहा कि,

    "भारत हेलिकॉप्टरों के लिए आदर्श देश है। मेड इन इंडिया हेलिकॉप्टर इस बाजार को मजबूत करेंगे और राष्ट्र निर्माण में अहम भूमिका निभाएंगे।"

    मैन्युफैक्चरिंग से लेकर टेस्टिंग तक, सब TASL करेगी

    TASL हेलिकॉप्टर मैन्युफैक्चरिंग, असेंबली, इंटीग्रेशन और टेस्टिंग करेगी। डिलीवरी से पहले फाइनल फ्लाइट टेस्ट भी यहीं होंगे। यह भारत की पहली प्राइवेट कंपनी होगी जो सिविल और डिफेंस दोनों सेक्टर के लिए हेलिकॉप्टर बनाएगी। TASL के सीईओ सुकरन सिंह ने कहा कि,

    "यह एयरबस के साथ हमारी दूसरी फाइनल असेंबली लाइन (FAL) है। इससे हमारी साझेदारी और मजबूत होगी।"

    मेडिकल इमरजेंसी से लेकर कहां-कहां होगा इस्तेमाल

    एयरबस H125 का इस्तेमाल मेडिकल इमरजेंसी, डिजास्टर रिलीफ, टूरिज्म, पुलिसिंग, फायरफाइटिंग और पैसेंजर ट्रांसपोर्ट जैसे कामों में हो सकता है। यह दुनिया का अकेला हेलिकॉप्टर है जिसने माउंट एवरेस्ट पर लैंडिंग की है।

    60 साल पुराना है भारत-एयरबस का रिश्ता

    फ्रांस की कंपनी एयरबस और भारत का रिश्ता 60 साल पुराना है। पहले HAL के साथ मिलकर चीता और चेतक हेलिकॉप्टर बनाए गए थे। अब H125M उन्हीं का आधुनिक विकल्प माना जा रहा है।

    TASL इससे पहले वडोदरा, गुजरात में एयरबस C295 सैन्य विमान का असेंबली प्लांट बना चुकी है। यह कदम भारत में मैन्युफैक्चरिंग, डिजाइन, मेंटेनेंस और एयरोस्पेस सेक्टर के विकास की दिशा में एयरबस की लंबी प्रतिबद्धता को दिखाता है।

    भारत से 1.4 अरब डॉलर के पुर्जे लेता है एयरबस

    आज एयरबस भारत से हर साल 1.4 अरब डॉलर से ज्यादा के पुर्जे और सर्विस लेता है। H125 हेलिकॉप्टर की अब तक 40 मिलियन से ज्यादा फ्लाइट घंटे दर्ज हो चुके हैं। यह सिंगल-इंजन हेलिकॉप्टर अपनी कैटेगरी में सबसे ज्यादा बिकने वाला मॉडल है।