पहली बार भारत में बनेगा सुखोई पैसेंजर प्लेन SJ-100, HAL और रूसी कंपनी के बीच बड़ा समझौता; क्या होगी खासियत?
SJ-100 India deal: भारत के विमानन इतिहास में एक महत्वपूर्ण कदम, HAL और रूसी कंपनी PJSC-UAC ने सुखोई SJ-100 यात्री विमान के निर्माण के लिए समझौता किया है। यह भारत में पहली बार होगा जब कोई पूर्ण यात्री विमान बनेगा, जिससे 'आत्मनिर्भर भारत' को बढ़ावा मिलेगा। इस समझौते से घरेलू बाजार के लिए 'मेड इन इंडिया' विमान उपलब्ध होंगे और उड़ान योजना को मजबूती मिलेगी।
-1761658582733.webp)
पहली बार भारत में बनेगा सुखोई पैसेंजर प्लेन SJ-100, HAL और रूसी कंपनी के बीच बड़ा समझौता।
नई दिल्ली| भारत की एविएशन इंडस्ट्री के लिए ऐतिहासिक कदम उठाया गया है। हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) और रूस की यूनाइटेड एयरक्राफ्ट कॉरपोरेशन (PJSC-UAC) ने सोमवार को मॉस्को में समझौते ( HAL UAC MoU civil aircraft) पर हस्ताक्षर किए हैं। इस समझौते के तहत दोनों देश मिलकर सुखोई एसजे-100 (Sukhoi SJ-100 production India) पैसेंजर एयरक्राफ्ट का निर्माण भारत में करेंगे।
यह पहली बार होगा, जब भारत में किसी फुल पैसेंजर एयरक्राफ्ट का प्रोडक्शन किया जाएगा। इससे पहले ऐसा प्रोजेक्ट 1961 में शुरू हुए AVRO HS-748 विमान के साथ हुआ था, जो 1988 में बंद हो गया था।
एचएएल ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर यह जानकारी देते हुए लिखा,
"HAL और रूस की PJSC-UAC कंपनी ने 27 अक्टूबर 2025 को मॉस्को में SJ-100 सिविल कम्यूटर एयरक्राफ्ट के निर्माण के लिए समझौता किया है। यह समझौता भारत के नागरिक उड्डयन इतिहास में एक नए अध्याय की शुरुआत है और 'आत्मनिर्भर भारत' की दिशा में अहम कदम है।"
HAL and Public Joint Stock Company United Aircraft Corporation (PJSC-UAC) Russia signed an MoU for production of civil commuter aircraft SJ-100 in Moscow, Russia on October 27, 2025. Shri Prabhat Ranjan, HAL & Mr. Oleg Bogomolov, PJSC UAC, Russia, signed the MoU in the presence… pic.twitter.com/McN8WQjeSl
— HAL (@HALHQBLR) October 28, 2025
घरेलू यात्रियों के लिए बनेगा 'मेड इन इंडिया' प्लेन
इस समझौते के तहत HAL को भारत के घरेलू बाजार के लिए SJ-100 बनाने का अधिकार मिलेगा। इसका मकसद सरकार की उड़ान (UDAN) योजना के तहत छोटी दूरी की हवाई कनेक्टिविटी को मजबूत करना है। विशेषज्ञों के मुताबिक, अगले 10 साल में भारत को इस कैटेगरी के करीब 550 छोटे जेट विमान की जरूरत होगी, जिनमें से 200 क्षेत्रीय रूट्स के लिए और बाकी 350 भारतीय महासागर क्षेत्र व अंतरराष्ट्रीय टूरिस्ट रूट्स के लिए होंगे।
सुखोई SJ-100 की क्या हैं खासियतें?
SJ-100 एक ट्विन-इंजन, नैरो-बॉडी वाला शॉर्ट-हॉल जेट है, जो अभी 16 से ज्यादा एयरलाइन ऑपरेटरों के साथ उड़ान भर रहा है। अब तक दुनिया भर में 200 से अधिक SJ-100 विमान बनाए जा चुके हैं।
- सीट क्षमता- 103 यात्री तक
- फ्लाइट रेंज- 3,530 किलोमीटर
- इंजन- ट्विन जेट इंजन
- कंट्रोल सिस्टम- डिजिटल फ्लाई-बाय-वायर तकनीक
- कॉकपिट- अत्याधुनिक कंट्रोल साइड स्टिक के साथ
- सुविधा- विशाल ओवरहेड बिन्स, आरामदायक इंटीरियर, मुख्यधारा के जेट जैसी कम्फर्ट लेवल
- सिक्योरिटी- एडवांस्ड एरोडायनामिक्स और आधुनिक टेक्नोलॉजी से लैस।
SJ-100 का प्रोडक्शन भारत में शुरू होना न सिर्फ 'मेक इन इंडिया' को नई उड़ान देगा, बल्कि देश को सिविल एविएशन (regional connectivity Indian aviation) के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में भी बड़ा कदम साबित होगा।

कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।