चीनी उत्पादन 13 फीसद बढ़कर तीन करोड़ टन से अधिक हुआ, निर्यात मांग बढ़ने से उद्योग में सुधार की उम्मीद
इस्मा के जारी बयान के मुताबिक पहली अक्टूबर 2020 से 31 मई 2021 के बीच 3.05 करोड़ टन चीनी का उत्पादन हो चुका है। हालांकि सात चीनी मिलों में अभी भी पेराई चालू होने से उत्पादन आंकड़े में सुधार की पूरी गुंजाइश है।

नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। चालू पेराई सीजन में चीनी का उत्पादन पिछले साल के मुकाबले 13 फीसद बढ़कर 3.05 करोड़ टन हो गया है। पिछले वर्ष मानसून की अच्छी बारिश के चलते महाराष्ट्र की मिलों में चीनी उत्पादन इस सीजन में बढ़ा है, जिससे उत्पादन में सुधार हुआ है। किसी भी वर्ष अक्टूबर से अगले वर्ष सितंबर के बीच चलने वाले पेराई सीजन के पहले आठ महीने में ही चीनी का ज्यादातर उत्पादन होता है। इंडियन शुगर मिल्स एसोसिएशन (इस्मा) के अनुसार घरेलू खपत के साथ निर्यात मांग बढ़ने से मिलों की माली हालत में सुधार होगी। चीनी के साथ एथनॉल उत्पादन में वृद्धि ने भी उद्योग को प्रोत्साहित किया है।
इस्मा के जारी बयान के मुताबिक पहली अक्टूबर, 2020 से 31 मई, 2021 के बीच 3.05 करोड़ टन चीनी का उत्पादन हो चुका है। हालांकि, सात चीनी मिलों में अभी भी पेराई चालू होने से उत्पादन आंकड़े में सुधार की पूरी गुंजाइश है। इस बार उत्तर प्रदेश में पिछले साल के 1.25 करोड़ टन के मुकाबले चीनी का उत्पादन घटकर 1.10 करोड़ टन रह गया है। जबकि महाराष्ट्र में चीनी का उत्पादन पिछले साल के मात्र 61.7 लाख टन के मुकाबले 1.06 करोड़ टन चीनी का उत्पादन हो चुका है। हालांकि, राज्य की चीनी मिलों में पेराई बंद हो चुकी है। कर्नाटक में भी चीनी का उत्पादन पिछले साल के 33.80 लाख टन के मुकाबले 41.67 लाख टन हुआ है।
निर्यात के मोर्चे पर सरकार के निर्धारित 60 लाख टन के जारी कोटे के मुकाबले 58 लाख टन चीनी का निर्यात हो चुका है। इस्मा के मुताबिक चालू सीजन के दौरान जनवरी 2021 से मई 2021 के बीच कुल 45 लाख टन चीना का निर्यात किया जा चुका है। जबकि अक्टूबर से दिसंबर 2020 के बीच वाली तिमाही के दौरान 4.48 लाख टन चीनी का निर्यात हुआ था जो पिछले साल की तिमाही से अधिक है।
वैश्विक बाजार में प्रतिस्पर्धी कीमतों के मद्देनजर सरकार ने हाल ही में चीनी निर्यात पर दी जाने वाली सब्सिडी 6,000 रुपये से घटाकर 4,000 रुपये कर दी गई है। अंतरराष्ट्रीय बाजार के मद्देनजर कई मिलों ने बिना किसी निर्यात सब्सिडी के ही निर्यात करने में सफलता प्राप्त की है।
एथनॉल उत्पादन में उद्योग ने अच्छी सफलता प्राप्त की है। 24 मई, 2021 तक कुल 321.14 करोड़ लीटर एथनॉल का कांट्रैक्ट हो चुका है, जिसमें से 145.38 करोड़ लीटर की आपूर्ति भी की जा चुकी है। कुल एथनॉल उत्पादन का 77 फीसद हिस्सा सीधे गन्ना रस से बनाया गया है।
इस्मा को उम्मीद है कि चालू एथनॉल सीजन (दिसंबर से नवंबर) के दौरान पेट्रोल में आठ से 10 फीसद एथनॉल मिलाने में सफलता प्राप्त कर ली जाएगी। हालांकि गैर एथनॉल उत्पादक राज्यों राजस्थान, केरल, बंगाल, असम, पूर्वोत्तर के राज्यों, कश्मीर व लद्दाख में एथनॉल पहुंचाना बड़ी चुनौती है।
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