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    चालू मार्केटिंग वर्ष में 85 लाख टन हो सकता है चीनी निर्यात, अभी तक देश में कुल इतना हुआ प्रोडक्शन

    By Lakshya KumarEdited By:
    Updated: Tue, 05 Apr 2022 10:24 AM (IST)

    चालू मार्केटिंग वर्ष में चीनी का निर्यात बढ़ने की उम्मीद है। यह बढ़कर सर्वाधिक 85 लाख टन हो सकता है। अभी तक 72 लाख टन का निर्यात सौदा हो चुका है। इसके अलावा इंडियन शुगर मिल्स एसोसिएशन (इस्मा) ने चीनी प्रोडक्शन के कुछ आंकड़े भी सामने रखे हैं।

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    चालू मार्केटिंग वर्ष में 85 लाख टन हो सकता है चीनी निर्यात, अभी तक देश में कुल इतना हुआ प्रोडक्शन

    नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। वैश्विक बाजार में बढ़ती मांग के मद्देनजर चालू मार्केटिंग वर्ष में चीनी का निर्यात बढ़कर सर्वाधिक 85 लाख टन हो सकता है जबकि 72 लाख टन का निर्यात सौदा हो चुका है। घरेलू बाजार में भी कीमतों के तेज होने की संभावना है। पेराई सीजन अभी तक जारी है। मार्च के आखिर तक देशभर में कुल 366 मिलों में पेराई हो रही थी। हालांकि, गरमी बढ़ने और गन्ने की अनुपलब्धता से कुल 152 मिलों में पेराई बंद हो चुकी है।

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    पेट्रोल की बढ़ती कीमतों के चलते एथनाल उत्पादन में भी तेजी का रुख है। अभी तक कुल तेल कंपनियों को 131,69 करोड़ लीटर एथनाल की सप्लाई की जा चुकी है। इंडियन शुगर मिल्स एसोसिएशन (इस्मा) के जारी आंकड़ों के मुताबिक, चालू मार्केटिंग वर्ष 2021-22 के मार्च महीने तक देश में चीनी का कुल उत्पादन 3.10 करोड़ टन हो चुका है। महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश और कर्नाटक चीनी उत्पादन के शीर्ष पर बने हुए हैं।

    महाराष्ट्र में अब तक कुल 1.19 करोड़ टन चीनी का उत्पादन हुआ है, जो पिछले साल की इसी अवधि कुल एक करोड़ टन के आसपास हुआ था।

    उत्तर प्रदेश में चीनी का उत्पादन 87.50 लाख टन हुआ है जबकि पिछले साल इसी अवधि तक कुल 93.71 लाख टन चीनी का उत्पादन हुआ था। देश में तीसरे सबसे बड़े चीनी उत्पादक राज्य कर्नाटक में चीनी का उत्पादन मार्च तक बढ़कर 57.65 लाख टन हो गया, जो साल भर पहले की समान अवधि में 42.38 लाख टन था।

    चीनी उद्योग के लिए सबसे फायदेमंद साबित हो रहे एथनाल का उत्पादन तेजी से हुआ है। एथनाल उत्पादक मिलों ने 27 मार्च तक 131.69 करोड़ लीटर एथनाल की सप्लाई पूरी कर दी है। राष्ट्रीय स्तर पर पेट्रोल में एथनाल के मिश्रण का अनुपात 9.60 फीसद के स्तर पर पहुंच गया है। इसे लगातार बढ़ाने पर जोर दिया जा रहा है। यह लक्ष्य दिसंबर 2021 से मार्च 2022 के बीच पूरा किया गया है। इस्मा के मुताबिक, चीनी वर्ष 2021-22 के दौरान कुल 3.33 करोड़ टन होने का अनुमान है।