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    Ease Of Doing Business Ranking: इस रैंकिंग में आंध्र प्रदेश पहले, उत्तर प्रदेश दूसरे और तेलंगाना तीसरे स्थान पर रहा

    By Pawan JayaswalEdited By:
    Updated: Sat, 05 Sep 2020 07:47 PM (IST)

    Ease Of Doing Business Ranking को श्रम कानून जमीन की उपलब्धता निर्माण की अनुमति पर्यावरण पंजीकरण सूचना तक पहुंच और सिंगल विंडो सिस्टम जैसे मानकों पर मापा जाता है। PC ANI

    Ease Of Doing Business Ranking: इस रैंकिंग में आंध्र प्रदेश पहले, उत्तर प्रदेश दूसरे और तेलंगाना तीसरे स्थान पर रहा

    नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। घरेलू और वैश्विक निवेशकों को आकर्षित करने, कारोबारी माहौल में सुधार लाने और राज्यों के बीच प्रतिस्पर्धा पैदा करने के लिए ईज ऑफ डूइंग बिजनेस मामले में राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की रैंकिंग जारी कर दी गई है। इस रैंकिंग में आंध्र प्रदेश टॉप पर रहा है। वहीं, उत्तर प्रदेश दूसरे व तेलंगाना तीसरे स्थान पर रहा है। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने यह रैंकिंग जारी की है। इससे पहले साल 2018 में इस तरह की रैंकिंग जारी हुई थी।

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    आंध्र प्रदेश ने इस रैंकिंग में शीर्ष पर अपने आप को बरकरार रखा है। वहीं, दूसरे स्थान पर तेलंगाना की जगह उत्तर प्रदेश ने ले ली है। वहीं तेलंगाना एक स्थान खिसककर तीसरे स्थान पर आ गया है।

    इस रैंकिंग में इस बार चौथे स्थान पर मध्य प्रदेश, पांचवें पर झारखंड, छठे पर छत्तीसगढ़, सातवें पर हिमाचल प्रदेश और आठवें स्थान पर राजस्थान रहा है। उत्तर प्रदेश ने रैंकिंग में काफी अच्छा प्रदर्शन किया है। 2017-18 की रैंकिंग में यह 12वें स्थान पर था, जो अब दूसरे स्थान पर आ गया है। वहीं, हिमाचल प्रदेश भी 2017-18 की रैंकिंग में 16वें स्थान पर रहा था।

    वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि कुछ राज्यों ने कार्ययोजनाओं को एक साथ रखने और सुधार सुनिश्चित करने के लिए असाधारण ऊर्जा दिखाई है। राज्यों ने राज्य व्यापार सुधार कार्य योजना के पीछे की सच्ची भावना को अपनाया है।

    साल 2015 से लेकर अब तक अपनी रैंकिंग में सबसे अधिक सुधार लाने वाला लक्ष्यद्वीप रहा है। 2015 में इसकी रैंक 33 थी जो 2019 में 15 हो गई है। इसके बाद दमन और दीव व उत्तराखंड की रैंक में सबसे अधिक सुधार आया है। दमन और दीव की रैंक 15 स्थान व उत्तराखंड की रैंक 12 स्थान ऊपर हुई है। 

    यह रैंकिंग सौ सूचकांकों में राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के प्रदर्शन पर आधारित है। यह ईज ऑफ डूइंग बिजनेस का चौथा संस्करण है। सरकार के अनुसार यह सुधारों के दायित्वों को गहरा और विस्तृत कर रहा है।

    हरदीप सिंह पुरी ने इस वर्चुअल कार्यक्रम में कहा कि 2024-25 तक पांच लाख करोड़ डॉलर की अर्थव्यवस्था और 2030 तक 10 लाख करोड़ डॉलर की अर्थव्यवस्था का लक्ष्य भारत का है। उन्होंने कहा कि आत्मनिर्भर भारत के संकल्प से भारत महामारी के बाद ग्लोबल सप्लाई चेन में तेजी से उभरकर आने को तैयार है। 

    हरदीप सिंह पुरी ने इस वर्चुअल कार्यक्रम में कहा कि 2024-25 तक पांच लाख करोड़ डॉलर की अर्थव्यवस्था और 2030 तक 10 लाख करोड़ डॉलर की अर्थव्यवस्था का लक्ष्य भारत का है। उन्होंने कहा कि आत्मनिर्भर भारत के संकल्प से भारत महामारी के बाद ग्लोबल सप्लाई चेन में तेजी से उभरकर आने को तैयार है।

    डीपीआईआईटी के सचिव ने कहा कि सुधारों के प्रति भारत की दृढ़ प्रतिबद्धता के कारण विश्व बैंक की ईज ऑफ डूइंग बिजनेस रैंकिंग में भारत साल 2019 में साल 2014 के 142वें स्थान से सीधे 63 वें स्थान पर आ गया।

    वहीं, पीयूष गोयल ने कहा कि वाणिज्य और उद्योग मंत्री वन प्रोडक्ट वन डिस्ट्रिक्ट प्रोग्राम पर राज्यों के साथ काम कर रहे हैं। हम जल्द ही एक ऐसे कार्यक्रम का अनावरण करेंगे, जहां देश का प्रत्येक जिला उत्कृष्ट उत्पादों पर अपनी ऊर्जाओं को केंद्रित कर रहा होगा।

    यहां देखें लाइव कार्यक्रम

    इस रैंकिंग को श्रम कानून, जमीन की उपलब्धता, निर्माण की अनुमति, पर्यावरण पंजीकरण, सूचना तक पहुंच और सिंगल विंडो सिस्टम जैसे मानकों पर मापा जाता है।

    यहां बता दें कि ईज ऑफ डूइंग रैंकिंग को बिजनस रीफॉर्म एक्शन प्लान के अंतर्गत डिपार्टमेंट फोर प्रमोशन ऑफ इंडस्ट्री एंड इंटर्नल ट्रेड ( DPIIT) द्वारा आयोजित किया जाता है। पिछली रैंकिंग में आंध्र प्रदेश शीर्ष पर रहा था। इसके बाद तेलंगाना दूसरे और हरियाणा तीसरे स्थान पर आया था।

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