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स्टार्ट-अप कंपनियों से देश में नौकरियों की बहार, इकोनॉमी भी हो रही मजबूत

जहां तक रोजगार में वरिष्ठता क्रम का सवाल है तो अधिकतर स्टार्ट-अप कंपनियों ने उन कर्मियों को प्राथमिकता दी है जिनकी वह पहली या दूसरी नौकरी है। अध्ययन के अनुसार स्टार्ट-अप कंपनियों में मिडिल लेवल के 25 प्रतिशत और सीनियर लेवल के सिर्फ 11 प्रतिशत लोगों को रोजगार मिला है

By NiteshEdited By: Published: Fri, 21 Jan 2022 11:58 AM (IST)Updated: Fri, 21 Jan 2022 12:49 PM (IST)
स्टार्ट-अप कंपनियों से देश में नौकरियों की बहार, इकोनॉमी भी हो रही मजबूत
Start up companies gave jobs in the country economy is also getting stronger

नई दिल्ली, पीटीआइ। भारत में जिस तेजी से स्टार्ट-अप कंपनियों का विस्तार हो रहा है, उसने देश में रोजगार के पूरे परिदृश्य को बदलकर रख दिया है। एक सर्वेक्षण में यह बात सामने आई है कि नए जमाने की ये कंपनियां रोजगार क्षेत्र की सकल तस्वीर बदलने में बेहद महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं। मानव संसाधन से संबंधित सेवाएं मुहैया कराने वाली कंपनी जीनियस कंसल्टेंट्स ने इस विषय पर पिछले दिनों एक सर्वेक्षण किया है। सर्वेक्षण के बाद कंपनी ने कहा कि 77 प्रतिशत से अधिक उत्तरदाताओं के अनुसार स्टार्ट-अप कंपनियों के सामने आने के बाद रोजगार क्षेत्र में आमूल-चूल बदलाव आए हैं।

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रिपोर्ट के अनुसार अधिकतर उत्तरदाताओं को पूरा विश्वास है कि स्टार्ट-अप कंपनियां रोजगार के नए अवसर सृजित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं। इन कंपनियों ने न केवल युवाओं को अधिक से अधिक नौकरियां दी हैं, बल्कि उन युवाओं को खुद के बारे में सोचने और स्वतंत्र रूप से नए कारोबार शुरू करने के योग्य भी बनाया है। सर्वे का कहना है कि सबसे ज्यादा स्टार्ट-अप कंपनियां आइटी सेक्टर में आई हैं और उन्होंने स्टार्ट-अप तंत्र में सबसे अधिक 33 प्रतिशत रोजगारों का सृजन किया है। हेल्थकेयर (26 प्रतिशत), हास्पिटेलिटी (25 प्रतिशत) व ई-कामर्स (16 प्रतिशत) क्षेत्रों का भी योगदान रोजगार देने में बेहद महत्वपूर्ण है।

जहां तक रोजगार में वरिष्ठता क्रम का सवाल है, तो अधिकतर स्टार्ट-अप कंपनियों ने उन कर्मियों को प्राथमिकता दी है, जिनकी वह पहली या दूसरी नौकरी है। अध्ययन के अनुसार स्टार्ट-अप कंपनियों में मिडिल लेवल के 25 प्रतिशत और सीनियर लेवल के सिर्फ 11 प्रतिशत लोगों को रोजगार मिला है। वहीं, 88 प्रतिशत उत्तरदाताओं का मानना है कि स्टार्ट-अप कंपनियां देश की इकोनमी को नया रूप देने में भी बड़ी भूमिका निभा रही हैं। देश में जिस गति से यूनीकार्न (एक अरब डालर से अधिक मूल्यांकन वाली स्टार्ट अप कंपनियां) की संख्या बढ़ रही है, वह इस बात का जीवंत प्रमाण है कि स्टार्ट-अप कंपनियों ने रोजगार सृजन के अलावा इकोनमी को मजबूती देने की दिशा में भी महत्वपूर्ण योगदान दिया है। इस बारे में जीनियस कंसल्टेंट्स के सीएमडी आरपी यादव ने कहा कि स्टार्ट-अप कंपनियां लाखांे युवाओं के लिए प्रेरणास्रोत बन रही हैं और लाखों लोगों को रोजगार दे रही हैं। उन्होंने समाज की कई तात्कालिक दिक्कतों और चुनौतियों का हल पेश करने में भी अपना बहुमूल्य योगदान दिया है।

ऐसे हुआ सर्वे

जीनियस कंसल्टेंट्स ने इस रिपोर्ट के लिए 1,121 कंपनियों के मानव संसाधन प्रमुखों और अन्य शीर्ष अधिकारियों के बीच आनलाइन माध्यम से सर्वे किया। इसमें बैंकिंग व फाइनेंस, कंस्ट्रक्शन व इंजीनियरिंग, शिक्षा, एफएमसीजी, हास्पिटेलिटी यानी आतिथ्य सत्कार, आइटी, मैन्यूफैक्चरिंग, मीडिया, आयल व गैस, फार्मा, रियल एस्टेट, रिटेल, टेलीकाम, आटो व संबद्ध उद्योग तथा अन्य कंपनियों के शीर्ष अधिकारी शामिल हुए।

रिपोर्ट का सच- निचले व मध्यम स्तर की नौकरियां तलाश करने वालों के लिए स्टार्ट-अप कंपनियों में बड़े मौके हैं- स्टार्ट-अप कंपनियों ने अपने कर्मचारियों को बड़ा बनने और एन तरीके से सोचने में भी योगदान दिया है- देश की इकोनमी को नया रूप लेने में ये स्टार्ट-अप कंपनियां बड़ी भूमिका निभा रही हैं


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