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    Go First Resolution : क्या स्पाइसजेट के CMD को मिलेगी दिवालिया एयरलाइन Go First, बोली बढ़ाने के बाद जगी उम्मीद

    देश की बजट एयरलाइन गो फर्स्ट (Go First) ने पिछले साल मई में दिवालिया होने का एलान किया था। उसके लेनदारों को दिवालियापन प्रक्रिया के तहत पिछले दिनों दो वित्तीय बोलियां मिली थीं। स्पाइसजेट के मैनेजिंग डायरेक्टर अजय सिंह और Busy Bee Airways ने मिलकर गो फर्स्ट के लिए 16 सौ करोड़ रुपये की बिड जमा की थी। अब बैंकों के अनुरोध पर उन्होंने अपनी बोली को बढ़ा दिया है।

    By Agency Edited By: Suneel Kumar Updated: Tue, 19 Mar 2024 01:54 PM (IST)
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    स्पाइसजेट ने पहले गो फर्स्ट के लिए करीब 16 अरब रुपये की ज्वाइंट बिड जमा की थी।

    रॉयटर्स, मुंबई : पिछले दिनों भारत की दिवालिया एयरलाइन गो फर्स्ट (Go First) के रिवाइवल के लिए दो बोलियां मिली थीं। लेकिन, ये बिड लेंडर्स यानी गो फर्स्ट को कर्ज देने वाले बैंकों की उम्मीदों के मुताबिक नहीं थी। अब लेंडर्स के अनुरोध के बाद दो में से एक बिडर ने अपनी बोली की रकम बढ़ा दी है। यह जानकारी समाचार एजेंसी रॉयटर्स ने सूत्रों के हवाले से दी है।

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    बिडर ने कितनी बढ़ाई बोली की रकम?

    किफायती उड़ान सेवा देने वाली स्पाइसजेट के चेयरमैन और मैनेजिंग डायरेक्टर (CMD) अजय सिंह ने बिजी बी एयरवेज ने मिलकर गो फर्स्ट के लिए बोली लगाई है। इन्होंने पहले गो फर्स्ट के लिए करीब 16 अरब रुपये की बिड जमा की थी। लेकिन, बैंकों की गुजारिश के बाद दोनों कंपनियों ने अपनी बोली को 1 से डेढ़ अरब रुपये के बीच बढ़ा दिया है। बिजी बी के मेजॉरिटी शेयरहोल्डर निशांत पिट्टी ऑनलाइन ट्रैवल प्लेटफॉर्म EaseMyTrip के सीईओ हैं।

    कब दिवालिया हुई थी गो फर्स्ट?

    गो फर्स्ट ने पिछले साल मई में दिवालिया (bankruptcy) होने की अर्जी लगाई थी। इसकी दिवालिया प्रक्रिया के तहत दो वित्तीय बोलियां मिली हैं। दूसरी बोली शारजाह स्थित स्काई वन एयरवेज (Sky One Airways) थी।

    लेकिन, दोनों ही बिड कमेटी ऑफ क्रेडिटर्स (CoC) की उम्मीदों से काफी कम थीं। इसमें भारी कटौती भी शामिल थी। यह वजह है कि बैंकों ने दोनों बिडर्स से कहा कि वे अपनी बोलियों को बढ़ाएं।

    गो फर्स्ट ने अपनी बैंकरप्सी फाइलिंग में बताया कि उसके लेनदारों की लिस्ट में सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया, बैंक ऑफ बड़ौदा, IDBI बैंक और Deutsche बैंक शामिल हैं। इन सबका गो फर्स्ट पर 65 अरब रुपये से अधिक बकाया है।

    लेनदार बैंक रिजॉल्यूशन प्रोफेशनल के जरिए स्काई वन के साथ बात कर रहे हैं कि वह भी अपनी बिड बढ़ाए। हालांकि, अभी तक उसकी ओर से कोई रिस्पॉन्स नहीं आया है।

    अगले हफ्ते होगी लेनदारों की मीटिंग

    अगले हफ्ते की शुरुआत में लेनदारों की मीटिंग होने वाली है। अगर स्काई वन से बिड बढ़ाने के बारे में कोई सकारात्मक प्रतिक्रिया नहीं मिलती है, तो लेनदार स्पाइसजेट और बिजी बी की ज्वाइंट बिड पर ही चर्चा करेंगे। लेनदार बैंक इस महीने के आखिर तक बिडर्स को अपने फैसले के बारे में बता सकते हैं।

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