SBI ने बताए वो 6 कारण, जिस वजह से आपको करना चाहिए Sovereign Gold Bonds में निवेश
Sovereign Gold Bonds की लेटेस्ट किस्त जारी कर दी गई है। इस पर वार्षिक 2.5 प्रतिशत के रिटर्न के साथ-साथ कई फायदे दिए जाते हैं। आइए जानते हैं SGB में क्यों निवेश करना चाहिए। (फोटो - जागरण फाइल)
नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड (Sovereign Gold Bonds/SGB) का सब्सक्रिप्शन 19 जून को आम जनता के लिए खुल चुका है। कोई भी व्यक्ति अपने डीमैट अकाउंट के जरिए आसानी से ऑनलाइन एसजीबी खरीद सकता है। एसजीबी सरकार की ओर से आरबीआई के जरिए जारी किए जाते हैं। इनका मूल्य 24 कैरेट के सोने के बराबार ही होता है। इसे देश में फिजिकल गोल्ड के निवेश के विकल्प के तौर पर लॉन्च किया गया है।
अब देश के सबसे बड़े बैंक एसबीआई से भी ऑनलाइन ही SGB को खरीद सकते हैं। इसे लेकर बैंक की ओर से एक ट्वीट भी किया गया। एसबीआई ने कहा कि सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड के सुरक्षा और रिटर्न दोनों एक साथ पाएं। साथ ही बैंक द्वारा बताया कि क्यों सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड में निवेश करना चाहिए।
Get assured returns and safety on your investment with Sovereign Gold Bonds.
Enjoy the fruits of your golden investment.
To invest in Sovereign Gold Bonds, visit https://t.co/2vAN0e6REw#SBI #AmritMahotsav #SovereignGoldBonds pic.twitter.com/F2SVM1YQ15— State Bank of India (@TheOfficialSBI) June 17, 2023
1. 2.5 प्रतिशत का एश्योर्ड रिटर्न
सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड का खरीदने का एक सबसे बड़ा फायदा यह है कि इसमें निवेश करने पर सोने की कीमत में बढ़ोतरी के साथ-साथ 2.5 प्रतिशत प्रति वर्ष का रिटर्न भी मिलता है, जिसका भुगतान आप हर छिमाही में ले सकते हैं।
2. सोना रखने का झंझट नहीं
SGB पेपर फॉर्म में होते हैं। इस कारण आपको फिजिकल गोल्ड की तरह एसजीबी को रखने के लिए लॉकर आदि की आवश्यकता नहीं होती है। इसके चोरी आदि होने का भी खतरा कम हो जाता है। इस कारण ये फिजिकल गोल्ड की तुलना में ज्यादा सुरक्षित है।
3. कैपिटल गेन टैक्स से छूट
सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड स्कीम को नवंबर 2015 में लॉन्च किया गया था। इसको बेचने पर कोई भी कैपिटल गेन टैक्स नहीं मिलता है।
4. लिक्विडिटी
सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड के जारी होने के बाद इसे आसानी से स्टॉक एक्सचेंज पर ट्रेंड किया जा सकता है, जो इसे फिजिकल सोने के मुकाबले अधिक लिक्विडिटी प्रदान करता है।
5.लोन के लिए गिरवी रख सकते हैं
सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड को एफडी या फिजिकल सोने की तरह ही गिरवी रखा जा सकता है। इसकी लोन टू वैल्यू (LTV) रेश्यो फिजिकल सोने के मुकाबले जितना ही होता है।
6.GST और मेकिंग चार्जेस का न होना
सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड पर फिजिकल गोल्ड की तरह जीएसटी नहीं लगाया जाता है। जब भी आप डिजिटल गोल्ड खरदीते है तो 3 प्रतिशत जीएसटी का भुगतान करना होता है, लेकिन SGB पर कोई मेकिंग चार्जेस भी नहीं लिया जाता है।