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    बंद होगा 10 रुपये का नोट! किलो के भाव बिक रहा है 50 पैसे का सिक्का

    By Edited By:
    Updated: Sat, 15 Mar 2014 11:49 AM (IST)

    बड़े मजे की बात है कि भारतीय रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने साल 2005 के बाद वाले नोटों को बाजार से बाहर करने का फैसला किया। वहीं, आम आदमी ने सिक्कों को बाजार से बाहर निकालने का फैसला बहुत पहले ही ले लिया था, खासतौर पर 50 पैसे का सिक्का। 50 पैसे का सिक्का इस वक्त देश में सबसे कम मूल्य वाला सिक्का है। सरकार ने वर्ष 2011 में 25 पैसे का सिक्का बंद कर दिया था।

    नई दिल्ली। बड़े मजे की बात है कि भारतीय रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने साल 2005 के बाद वाले नोटों को बाजार से बाहर करने का फैसला किया। वहीं, आम आदमी ने सिक्कों को बाजार से बाहर निकालने का फैसला बहुत पहले ही ले लिया था, खासतौर पर 50 पैसे का सिक्का। 50 पैसे का सिक्का इस वक्त देश में सबसे कम मूल्य वाला सिक्का है। सरकार ने वर्ष 2011 में 25 पैसे का सिक्का बंद कर दिया था।

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    आरबीआइ ने पुराने नोटों की जगह नये नोटों को जारी करने की वजह ब्लैक मनी बताया। केंद्रीय बैंक नये नोटों को पहले से ज्यादा बेहतर और सुरक्षित बना रही है। वहीं, एक अंग्रेजी अखबार में छपी खबर के मुताबिक, आम जनता ने पहले ही 50 पैसे के सिक्के को लेने से मना कर दिया है। उनका कहना है कि वर्तमान में यह रोजाना इस्तेमाल के लायक नहीं बचा है।

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    हालांकि, प्रकाशित खबर में एक मजेदार बात को भी उजागर किया है। इसमें कहा गया है कि इस सिक्के को अब वजन के हिसाब से नापा जा रहा है। एक रेड़ीवाला एक किलो 50 पैसे के सिक्के के बदले 30 रुपये देने को तैयार है। इसका साफ मतलब यह निकलता है कि 50 पैसे का सिक्का ज्यादा मूल्यवान हो गया है।

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    अब आप यहां नोटों और मुद्रा की छपाई के पीछे तर्क को समझें। सरकार अब मुद्रा नोटों को कम करने की कोशिश कर रही है। जल्द ही 10 रुपये के नोट की जगह सिक्का ले लेगा क्योंकि पर्स में रखे-रखे नोटों की जिंदगी सीमित रह जाती है और इसकी छपाई भी महंगी पड़ती है। यही वजह है कि कम मूल्य वाले नोटों को बाहर कर दिया जाएगा और सिक्के उनकी जगह ले लेंगे। जल्द ही 50 रुपये का नोट ही न्यूनतम मूल्य वाला नोट होगा, हालांकि, अब भी 20 रुपये का नोट मौजूद है।

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    अर्थशास्त्रियों की माने तो कम मूल्य वाले सिक्कों को इसलिए भी बाहर कर दिया गया है क्योंकि अब 50 पैसे में आप कुछ भी नहीं खरीद सकते। यह दर्शाता है कि महंगाई ने इन सिक्कों का जीवन खत्म कर दिया है। उनके मुताबिक, सिक्के को पिघलाने के बाद इसका मूल्य 30 फीसद तक बढ़ जाता है।

    अकबर के जमाने से चलन में50 पैसे का सिक्का पांच सदी पहले अकबर के शासन काल में प्रचलन में आया था। उस जमाने में यह वजन में 1 रुपये वाले सिक्के की आधी होती थी। तब 1 रुपये का सिक्का 11 ग्राम चांदी से बनता था।