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    चीन को दिखाया ठेंगा, भारत की सबसे बड़ी रेअर अर्थ इंपोर्ट कंपनी अब देश में ही करेगी इनका प्रोडक्शन; EV में होगा इस्तेमाल

    Updated: Mon, 30 Jun 2025 07:57 PM (IST)

    सोना कॉमस्टर अब भारत में ही रेयर अर्थ मैग्नेट बनाएगी जो चीन से आयात पर निर्भरता कम करने का एक महत्वपूर्ण कदम है। चीन के निर्यात प्रतिबंधों के कारण इलेक्ट्रिक वाहन उद्योग को नुकसान हो रहा है। भारत सरकार प्रोत्साहन योजना ला रही है जिससे घरेलू उत्पादन को बढ़ावा मिलेगा।

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    ये कंपनी भारत में ही बनाएगी इलेक्ट्रिक व्हीकल्स के लिए जरूरी रेयर अर्थ मैग्नेट

     नई दिल्ली। भारत की सबसे बड़ी रेयर अर्थ मैग्नेट इंपोर्टर कंपनी सोना कॉमस्टर (Sona BLW Precision Forgings) ने अहम फैसला लिया है। अब वह रेयर अर्थ मैग्नेट को देश में ही बनाएगी। यह कदम चीन के रेयर अर्थ मैग्नेट्स के निर्यात पर सख्त पाबंदियां को देखते हुए लिया गया है। चीन के इस फैसले से दुनियाभर में इलेक्ट्रिक व्हीकल इंडस्ट्री को झटका लगा है।

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    क्यों है बड़ा फैसला? 3 वजह

    1. चीन पर बढ़ती निर्भरता से छुटकारा
    2. भारत में पहली बार रेयर अर्थ मैग्नेट्स का घरेलू उत्पादन
    3. EV सेक्टर को मिल सकती है नई रफ्तार

    सोना कॉमस्टर (Sona Comstar) के सीईओ विवेक विक्रम सिंह ने रॉयटर्स से बातचीत में बताया, "हम भारत में रेयर अर्थ मैग्नेट्स के सबसे बड़े आयातक हैं, इसलिए इसका सबसे बड़ा असर हम पर पड़ रहा है। अब वक्त है कि भारत इन मैग्नेट्स को खुद बनाना शुरू करे और हम इस दिशा में सरकार के साथ मिलकर काम कर रहे हैं।"

    भारत में बनेगा EV मैग्नेट्स का नया हब?

    भारत सरकार रेयर अर्थ मैग्नेट्स के लिए एक नया प्रोत्साहन कार्यक्रम (incentive scheme) ला रही है ताकि इस सेक्टर में चीन पर निर्भरता कम हो सके। भारत के पास दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा कार बाजार और पांचवां सबसे बड़ा रेयर अर्थ भंडार है, लेकिन अब तक इन मैग्नेट्स का अधिकतर हिस्सा चीन से ही मंगाया जाता रहा है।

    सोना कॉमस्टर भारत में घरेलू मैन्युफैक्चरिंग के लिए सरकार की योजनाओं का इंतज़ार कर रही है और उसके बाद निवेश की दिशा तय करेगी।

    हर साल चीन से 200 टन तक इंपोर्ट

    पिछले वित्तीय वर्ष में कंपनी ने 120 टन रेयर अर्थ मैग्नेट्स चीन से आयात किए थे, और इस साल ये आंकड़ा 200 टन तक पहुंचने का अनुमान है। इन मैग्नेट्स का इस्तेमाल इलेक्ट्रिक व्हीकल्स के मोटर्स और गियर्स में होता है। जो कंपनी की एक-तिहाई कमाई का हिस्सा है।

    कंपनी टेस्ला (Tesla), स्टेलांटिस (Stellantis) जैसे अंतरराष्ट्रीय ग्राहकों को मोटर्स और ऑटो पार्ट्स सप्लाई करती है।

    इन देशों से मिल सकते हैं नए ग्राहक

    सोना कॉमस्टर की करीब 40% कमाई अमेरिका से होती है, जबकि भारत और यूरोप से बाकी हिस्सा आता है। हाल ही में कंपनी ने एस्कोर्ट कूबोटा (Escorts Kubota) की रेलवे यूनिट का अधिग्रहण किया है, जिससे अब कंपनी ऑटो सेक्टर से आगे भी विस्तार कर रही है। अब सोना कॉमस्टर जापान, दक्षिण कोरिया और चीन में नए ग्राहकों की तलाश कर रही है ताकि भविष्य में और तेज ग्रोथ की जा सके।

    जून में कंपनी के चेयरमैन संजय कपूर के अचानक निधन के बाद शेयर बाजार में थोड़ी गिरावट देखी गई। हालांकि, अब जेफरी मार्क ओवरले (Jeffrey Mark Overly) को नया चेयरमैन नियुक्त किया गया है।

     

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