साबुन, कोक और चॉकलेट-कैंडी... इन अमेरिकी कंपनी के प्रोडक्ट से खचाखच भरी हैं हर गली-मोहल्ले की दुकानें
भारत में अमेरिकी कंपनियों के साबुन डिटर्जेंट कोक आदि घरेलू उपयोग के उत्पादों की बड़ी मांग है। Hindustan Unilever जैसे कंपनियां भारतीयों को उत्पाद बेचक ...और पढ़ें
नई दिल्ली। कई अमेरिकी कंपनियाँ हैं जो घर में राजमर्रा उपयोग होने वाली चीजें बनाती हैं। इनका भारतीय उपभोक्ता जमकर इस्तेमाल करता है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप भले भारत पर टैरिफ का राग अलाप रहे हैं। लेकिन इनके देश की ज्यादातर कंपनियों की आमदनी भारतीय ग्राहकों पर निर्भर है।
अमेरिकी प्रोडक्ट की डिमांड भारत में इतनी ज्यादा है कि आपको बड़े-बडे मॉल ही नहीं हर गली-मोहल्ले की दुकानों में ट्रंप के देश की कंपनियों के उत्पाद देखने को मिल जाएंगे। वह चाहे साबुन-डिटर्जेंट हो, कोलड्रिंक्स हो या फिर चॉकलेट्स-कैंडी हो।
इन प्रोडक्ट की कंपनियों में प्रॉक्टर एंड गैंबल (P&G), कोलगेट-पामोलिव, जॉनसन एंड जॉनसन और हिंदुस्तान यूनिलीवर आदि शामिल हैं। जिनकी भारत में बड़ी प्रोडक्ट सीरीज है। तो चलिए यदि आप भी इनके प्रोडक्ट यूज करते हैं पर कंपनियों के नाम नहीं जानते हैं तो आज जान लीजिए। साथ ही ये कंपनियां भारत में सामान बेच कितनी कमाई या प्रॉफिट कर लेते हैं इसके बारे में भी जानते हैं।
एरियल, टाइड डिटर्जेंट और पैंटीन शैम्पू
P&G एक अमेरिकी कंपनी है जिसके उत्पाद दुनिया भर में बिकते हैं। वैश्विक दिग्गज कंपनी है जो भारत में कपड़े धोने के डिटर्जेंट (एरियल, टाइड) से लेकर ओरल केयर और हेयर केयर (हेड एंड शोल्डर्स, पैंटीन) तक के उत्पादों की एक लंबी सीरीज पेश करती है। कंपनी भारत में लिस्टेड है। इसका मार्केट कैप 43,173 करोड़ रुपये है। इन प्रोडक्ट के बलबूते मात्र तीन महीनों यानि Q1 में 937 करोड़ रुपये बिक्री कर ली।
कोलगेट टूथपेस्ट 1434 करोड़ के बेचे
कोलगेट-पामोलिव ओरल हाइजीन उत्पाद जैसे कोलगेट टूथपेस्ट और टूथब्रश, माउथवॉस बनाती है। इसका मार्केट कैप 60,341 करोड़ रुपये है। इसकी सेल्स Q1 में 1,434 करोड़ रुपये की रही।
जॉनसन एंड जॉनसन
इस कंपनी के बेबी प्रोडक्ट उत्पाद जैसे जॉनसन बेबी पाउडर और तेल और स्किन केयर प्रोडक्ट शामिल हैं।
लक्स, लाइफबॉय, डव साबुन (HUL)
HUL एक प्रमुख भारतीय कंपनी है, यह यूनिलीवर के साथ एक संयुक्त उद्यम है और इसके द्वारा बेचे जाने वाले कई उत्पाद अमेरिकी कंपनियों के हैं या लाइसेंस के तहत उत्पादित होते हैं। उदाहरण के तौर पर लक्स, लाइफबॉय, डव साबुन; सर्फ एक्सेल, रिन डिटर्जेंट और फेयर एंड लवली शामिल हैं।
एक्सपर्ट्स का मानना है कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के भारत पर 50 फीसदी के टैरिफ (trump on india tariff) के एलान से अमरिका की कंपनियों को डर है कि इन प्रोड्क्ट का भारतीय बाहिष्कार न करने लगे। भारत हर क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनने की दिशा में अग्रसर है। पीएम नरेंद्र मोदी भी आए दिन अत्मनिर्भर की बात दोहराते हैं। ये जो अमेरिकी कंपनियों ने भारत में प्रोडक्ट बेचने का अपना बिजनेस जमाया है। उसमें कई भारतीय कंपनी भी आगे हैं। यदि ये अमेरिकी प्रोडक्ट भारत में नहीं खरीदे जाते तो देसी कंपनियों का मुनाफा और रेवेन्यू बढ़ सकता है।

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