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    मंदी के साथ आंख मिचौली खेल रही हैं छोटी कारें

    By Edited By:
    Updated: Mon, 30 Mar 2015 06:40 PM (IST)

    देश में चारों ओर आर्थिक संकट और आर्थिक मंदी की चर्चा हो रही है। सरकार, उद्योग जगत और आम आदमी सभी इससे आहत हैं। अधिकांश औद्योगिक सेक्टर इस मंदी की चपेट ...और पढ़ें

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    नई दिल्ली। देश में चारों ओर आर्थिक संकट और आर्थिक मंदी की चर्चा हो रही है। सरकार, उद्योग जगत और आम आदमी सभी इससे आहत हैं। अधिकांश औद्योगिक सेक्टर इस मंदी की चपेट में नुकसान झेल रहे हैं। भारतीय ऑटो सेक्टर भी इससे अछूता नहीं है। लेकिन बाजार में अब भी ऐसी पैसेंजर कारें मौजूद हैं जो मंदी के साथ आंख मिचौली खेल रही हैं। मंदी के दौर में मिनी कार सेगमेंट में शामिल मारुति ऑल्टो, वैगन आर, हुंडई सेंट्रो और ईऑन के पहले चार माह के बिक्री आंकड़ों से सभी को चौका दिया है। इस साल अप्रैल से जुलाई माह के बीच इस सेगमेंट की कुल बिक्री 6.5 फीसद बढ़कर 180,085 यूनिट हो गई। वहीं, कॉम्पेक्ट कार सेगमेंट में इसी अवधि के दौरान 10 फीसद से ज्यादा की गिरावट दर्ज की गई है। इस सेगमेंट में सबसे ज्यादा कारें मौजूद हैं, जैसे मारुति स्विफ्ट, हुंडई आई10 और आई20, फोर्ड फिगो, होंडा ब्रियो, फॉक्सवैगन पोलो और टोयोटा एटियॉस लिवा आदि शामिल हैं।

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    बाजार विशेषज्ञों का कहना है कि इसमें कोई शक नहीं है कि मिनी कार सेगमेंट की मांग में इजाफा हो रहा है। एंट्री लेवल कार को खरीदने वाले एक बार फिर बाजार में लौट रहे हैं क्योंकि इन कारों पर भारी डिस्काउंट दिया जा रहा है। ऐसे में यह ग्राहकों के लिए अच्छा मौका साबित हो रहा है। सबसे ज्यादा बिक्री मारुति वैगन आर की रही, पिछले साल की तुलना में इस कार की बिक्री ग्रोथ 31 फीसद दर्ज की गई। इसके बाद, ईयॉन (15 फीसद) और सेंट्रो (6 फीसद) का नाम आता है। इनके मुकाबले इनसे बड़ी और मंहगी कारें फिगो, आई20, स्विफ्ट और पोलो की बिक्री में क्रमश: 40 फीसद, 25 फीसद, 12 फीसद और 1.4 फीसद की गिरावट दर्ज की गई है।

    कंपनियों का कहना है कि छोटी कारों की मांग ग्रामीण भारत और छोटे शहरों से आ रही है। हुंडई की एंट्री लेवल कार ईयॉन की 45 फीसद बिक्री ग्रामीण और अ‌र्द्ध शहरी बाजारों से हो रही है। मारुति के मुताबिक, कारों की मांग होने के बावजूद इस साल ग्रामीण इलाकों से होने वाली बिक्री में 20 फीसद का इजाफा हुआ है।

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