नोटबंदी के छह साल: 500 और 1000 की बात छोड़िए... कभी चलन में थे 10,000 रुपये के नोट
आज नोटबंदी को छह साल पूरे हो रहे हैं। हालांकि यह पहला मौका नहीं था जब बैंकनोटों को चलन से बाहर किया गया था। आजादी के बाद ऐसे कई मौके आए जब नोट बंद किए गए। आज कुछ ऐसे ही बैंकनोटों की कहानी।

नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। 8 नवंबर की तारीख का देश की अर्थव्यवस्था में विशेष महत्व है। छह साल पहले 8 नवंबर, 2022 को नोटबंदी का एलान किया गया था। सरकार ने एक साहसिक फैसला करते हुए एक झटके में 500 और 1000 के नोट चलन से बाहर कर दिए। बैंकों में पुराने नोट बदलवाने के लिए मारामारी और नए नोट करेंसी नोट के लिए एटीएम के बाहर लाइन लगाना किसे भूला होगा! लेकिन इसके बाद देश में डिजिटल लेनदेन के नए युग का सूत्रपात हुआ।
नोटबंदी के बाद चलन में आए नए नोट सबके लिए बेशकीमती हो गए और बैन किए गए नोट रद्दी में तब्दील हो गए। यह पहला मौका नहीं था कि नोट बंद किए गए हों। इसके पहले भी कई बार नोटबंदी का फैसला किया जा चुका था। आइए एक नजर डालते हैं उन बैंकनोटों पर जो अब तक बंद किए जा चुके हैं या सर्कुलेशन से बाहर किए जा चुके हैं।
वैध मुद्रा क्या है
देश में केवल वही मुद्रा लेनदेन के काम आती है जो वैध मुद्रा होती है। एक वैध मुद्रा वह सिक्का अथवा बैंकनोट है जिससे कानूनी रूप से लेन-देन किया जाता है और कर्ज अथवा देयता के बदले इनका इस्तेमाल किया जाता है। भारतीय रिजर्व बैंक के नियमों के अनुसार प्रत्येक बैंकनोट (2, 5, 10, 20, 50, 100, 200, 500 तथा 2000) तब तक वैध मुद्रा बने रहेंगे, जब तक कि उसे वापस न ले लिया जाए। इसके अलावा भारत सरकार द्वारा जारी 1 रुपये के नोट भी वैध मुद्रा होंगे। लेकिन महात्मा गांधी शृंखला के अंतर्गत 08 नवंबर 2016 तक जारी किए गए 500 तथा 1000 के बैंकनोट 08 नवंबर 2016 की मध्यरात्रि से वैध मुद्रा नहीं रहे ।
आरबीआई अधिनियम की धारा 22 के अनुसार, भारत में नोट जारी करने का एकमात्र अधिकार रिजर्व बैंक के पास है। धारा 25 में उल्लेख है कि बैंकनोट की डिजाइन और कंटेंट भारतीय रिजर्व बैंक के केंद्रीय बोर्ड की सिफारिश पर विचार करने के उपरांत केंद्र सरकार द्वारा किए गए अनुमोदन के अनुरूप होगी ।
वर्तमान में कौन से मूल्यवर्ग के बैंकनोट प्रचलन में हैं
भारत में वर्तमान में 10, 20, 50, 100 200, 500, तथा 2000 मूल्यवर्ग के बैंकनोट जारी किए जाते हैं। इन नोटों को बैंकनोट कहा जाता है| क्योंकि ये भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा जारी किए जाते हैं। 2 तथा 5 मूल्यवर्ग के नोटों की छपाई बंद हो चुकी है तथा इन मूल्यवर्गों के सिक्के बनाए जा रहे हैं क्योंकि इन बैंकनोट को छापने में काफी पैसे खर्च होते थे और इनका जीवनकाल भी बहुत छोटा होता था। हालांकि पूर्व में जारी किए गए दो और पांच के नोट वैध मुद्रा बने हुए हैं।
कितने रुपये तक के नोट जारी किए जा सकते हैं
आरबीआई अधिनियम, 1934 की धारा 24 के अनुसार दो रुपये, पाच रुपये, दस रुपये, बीस रुपये, पचास रुपये, एक सौ रुपये, पांच सौ रुपये, एक हजार रुपये, पांच हजार रुपये तथा दस हजार रुपये अथवा इस प्रकार का अन्य मूल्यवर्ग, जो दस हजार से अधिक नहीं हो, तक का नोट जारी किया जा सकता। इस संबंध में निर्देश जारी करने की शक्ति केंद्र सरकार के पास है।
10,000 के नोट भी हो चुके हैं मुद्रित
भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा मुद्रित अब तक सबसे अधिक मूल्य का नोट 10000 का था। जिसे 1938 में मुद्रित किया गया है। जनवरी 1946 में इसे छपना बंद कर दिया गया। 1954 में इसे फिर से प्रारंभ किया गया। 1978 में इनका चलन बंद कर दिया गया।
आजादी के बाद जारी किए गए बैंकनोट
आजादी के बाद भारत में कई तरह के बैंकनोट चलन में आए। आइए इन पर एक नजर डालते हैं।
अशोक स्तंभ वाले बैंकनोट
स्वतंत्र भारत द्वारा जारी पहला बैंकनोट एक रुपये का नोट था, जिसे 1949 में जारी किया गया था। नए बैंक नोटों पर जारीकर्ता का नाम, मूल्यवर्ग तथा गारंटी स्टेटमेंट को वर्ष 1951 से हिंदी में छापना शुरू कर दिया गया। अशोक स्तम्भ सीरीज में 1000, 5000 तथा 10000 मूल्यवर्ग के बैंकनोट 1954 में जारी किए गए थे। अशोक स्तंभ वाटरमार्क शृंखला वाले बैंकनोट 10 के मूल्यवर्ग में 1967 तथा 1992 के बीच, 20 मूल्यवर्ग में 1972 तथा 1975। 50 मूल्यवर्ग में 1975 और 1981 और तथा 100 मूल्यवर्ग में 1967-1979 के बीच जारी किए गए थे। 'सत्यमेव जयते' वाले बैंकनोट 1970 में शुरू किए गए थे।
1967 में नोट को आकार को कम किया गया। इसके 13 साल बाद 1980 में सिंबल्स के साथ नए नोट जारी किए गए। दो रुपये के नोट पर आर्यभट्ट उपग्रह, एक रुपये के नोट पर तेल का कुंआ और 10 रुपये के नोट पर मोर का चित्र अंकित था। बढ़ती इकॉनमी और परचेजिंग पावर में कमी के चलते अक्टूबर 1987 में 500 रुपये का नोट शुरू किया गया।
महात्मा गांधी सीरीज 1996
महात्मा गांधी सीरीज के अंतर्गत जारी किए गए बैंक नोट इस प्रकार हैं-
- 5 नवंबर, 2001
- 10 जून, 1996
- 20 अगस्त, 2001
- 50 मार्च, 1997
- 100 जून, 1996
- 500 अक्तूबर, 1997
- 1000 नवंबर 2000
महात्मा गांधी सीरीज 2005
एमजी शृंखला 2005 वाले बैंकनोट 10, 20, 50, 100, 500 तथा 1000 मूल्यवर्ग में जारी किए गए। इसमें 1996 एमजी शृंखला की तुलना में कुछ सिक्योरिटी लेयर्स को शामिल किया गया है।
- 50 तथा 100 अगस्त 2005
- 500 तथा 1000 अक्तूबर 2005
- 10 अप्रैल 2006
- 20 अगस्त 2006
आपको बता दें कि इसी शृंखला के 500 तथा 1000 के बैंकनोटों को 08 नवंबर 2016 की मध्य रात्रि से बैन कर दिया गया था ।
महात्मा गांधी सीरीज के नए नोट
नोटबंदी के बाद महात्मा गांधी बैंकनोट की नई सीरीज को वर्ष 2016 में शुरू किया गया था। इसमें देश की सांस्कृतिक विरासत तथा वैज्ञानिक उपलब्धियों को विशिष्ट रूप से दर्शाया गया है। इस शृंखला के बैंकनोटों को साइज में छोटा बनाया गया है, ताकि उन्हें पर्स में रखने में परेशानी न हो।
इस नई शृंखला का पहला बैंकनोट 08 नवंबर 2016 को जारी किया गया था। यह 2000 के नए मूल्यवर्ग का नोट है जिसमें मंगलयान की थीम को दर्शाया गया है। इस शृंखला में 500, 200, 100, 50, 20 तथा 10 रुपये के बैंकनोट भी जारी किए गए।
अब तक चलन से बाहर हो चुके हैं ये नोट
जनवरी 1946 में सबसे पहले 500, 1000 और 10000 के बैंक नोट चलन से बाहर किए गए। 1954 में शुरू हुए 1000, 5000 तथा 10000 के बैंकनोट जनवरी 1978 में फिर से बंद कर दिए गए। महात्मा गांधी शृंखला के तहत जारी किए गए 500 और 1000 मूल्यवर्ग के बैंकनोट 08 नवंबर 2016 की मध्यरात्रि से वैध मुद्रा नहीं रहे।
(फोटो क्रेडिट- भारतीय रिजर्व बैंक)
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