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    Mutual Fund: निवेशकों को पसंद आ रहा म्यूचुअल फंड, NSE में ऑलटाइम हाई हुई इसकी हिस्सेदारी

    By Agency Edited By: Yogesh Singh
    Updated: Mon, 06 May 2024 08:20 PM (IST)

    मार्च तिमाही के अंत में सरकार की प्रवर्तक के तौर पर हिस्सेदारी सात वर्ष के उच्च स्तर 10.38 प्रतिशत पर पहुंच गई है। डाटा के अनुसार एनएसई की कंपनियों में एलआईसी सबसे बड़ी संस्थागत निवेशक है। मार्च तिमाही में एलआईसी की कुल हिस्सेदारी बढ़कर 3.75 प्रतिशत रही है जो दिसंबर तिमाही में 3.64 प्रतिशत थी। एनएसई में सूचीबद्ध करीब 280 कंपनियों में एलआईसी की एक प्रतिशत से ज्यादा हिस्सेदारी है।

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    दिसंबर 2023 तिमाही के अंत में म्यूचुअल फंड्स की हिस्सेदारी 8.81 प्रतिशत थी।

    पीटीआई, नई दिल्ली। एनएसई में सूचीबद्ध कंपनियों में म्यूचुअल फंड्स (एमएफ) की हिस्सेदारी मार्च के अंत में 8.92 प्रतिशत के सर्वकालिक उच्च स्तर पर पहुंच गई है। जनवरी से मार्च के दौरान म्यूचुअल फंड्स ने 81,539 करोड़ रुपये का निवेश किया है। प्राइमइन्फोबेस डॉट काम के डाटा के अनुसार, दिसंबर 2023 तिमाही के अंत में म्यूचुअल फंड्स की हिस्सेदारी 8.81 प्रतिशत थी।

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    मार्च तिमाही में LIC की कुल हिस्सेदारी 3.75 प्रतिशत

    मार्च तिमाही के अंत में सरकार की प्रवर्तक के तौर पर हिस्सेदारी सात वर्ष के उच्च स्तर 10.38 प्रतिशत पर पहुंच गई है। डाटा के अनुसार, एनएसई की कंपनियों में एलआईसी सबसे बड़ी संस्थागत निवेशक है। मार्च तिमाही में एलआईसी की कुल हिस्सेदारी बढ़कर 3.75 प्रतिशत रही है जो दिसंबर तिमाही में 3.64 प्रतिशत थी। एनएसई में सूचीबद्ध करीब 280 कंपनियों में एलआईसी की एक प्रतिशत से ज्यादा हिस्सेदारी है।

    डीआइआई की कुल हिस्सेदारी बढ़कर 16.05 प्रतिशत

    बीती तिमाही में घरेलू संस्थागत निवेशकों (डीआइआई) की कुल हिस्सेदारी बढ़कर 16.05 प्रतिशत रही है जो दिसंबर तिमाही में 15.96 प्रतिशत थी। डीआइआई में घरेलू म्यूचुअल फंड्स, बीमा कंपनियां, बैंक, वित्तीय संस्थान, पेंशन फंड्स और गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियां (एनबीएफसी) शामिल हैं।

    बीती तिमाही में डीआइआई ने 1.08 लाख करोड़ रुपये का भारी-भरकम निवेश किया है। दूसरी ओर, विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) की हिस्सेदारी घटकर 11 वर्ष के निचले स्तर 17.68 प्रतिशत पर आ गई है जो दिसंबर तिमाही के अंत में 18.19 प्रतिशत थी।

    प्राइम डाटाबेस समूह के प्रबंध निदेशक प्रणव हल्दिया का कहना है भारतीय बाजार आत्मनिर्मभरता की दिशा में बढ़ रहे हैं। आने वाली कुछ तिमाहियों में डीआइआई एफपीआई को पछाड़ सकते हैं। यह विश्लेषण कुल 1,989 कंपनियों में से 1,956 कंपनियों की ओर से जमा किए गए शेयरहोल्डिंग पैटर्न पर आधारित है।

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