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    मार्च से शेयरों का खरीद-बिक्री के दिन ही निपटान, सेबी चेयरपर्सन ने कहा- पूरी तरह से वैकल्पिक होगी नई प्रणाली

    बोर्ड बैठक के बाद सेबी की चेयरपर्सन माधबी पुरी बुच ने बताया कि हम मार्च 2024 के अंत तक शेयरों की खरीद-बिक्री में टी प्लस जीरो (टी+0) निपटान नियम लागू करने की योजना बना रहे हैं। टी+0 का मतलब शेयरों का खरीद और बिक्री वाले दिन ही निपटान करना है। इसके 12 महीने बाद टी प्लस यानी तत्काल निपटान की व्यवस्था लागू की जाएगी।

    By AgencyEdited By: Sonu GuptaUpdated: Sat, 25 Nov 2023 11:35 PM (IST)
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    पूरी तरह से वैकल्पिक होगी नई निपटान प्रणालीः बोर्ड बैठक के बाद सेबी चेयरपर्सन माधबी पुरी बुच। फाइल फोटो।

    पीटीआई, मुंबई। पूंजी बाजार नियामक सेबी अगले वर्ष मार्च से शेयरों की खरीद और बिक्री वाले दिन ही निपटान प्रणाली पेश करने की योजना बना रहा है। इसके बाद तुरंत निपटान प्रणाली लागू की जाएगी। नियामक पहले ही शेयर निपटान की अवधि को घटाकर टी+1 (खरीद-बिक्री के अगले दिन निपटान) कर चुका है। बोर्ड बैठक के बाद सेबी की चेयरपर्सन माधबी पुरी बुच ने बताया कि हम मार्च 2024 के अंत तक शेयरों की खरीद-बिक्री में टी प्लस जीरो (टी+0) निपटान नियम लागू करने की योजना बना रहे हैं।

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    सुझावों पर भी विचार के लिए तैयार है सेबी

    टी+0 का मतलब शेयरों का खरीद और बिक्री वाले दिन ही निपटान करना है। इसके 12 महीने बाद टी प्लस यानी तत्काल निपटान की व्यवस्था लागू की जाएगी। बुच के अनुसार, बाजार से जुड़े लोगों का मानना है कि टी+1 से सीधे तत्काल निपटान व्यवस्था पर जाना ज्यादा बेहतर होगा। टी+0 से कोई फायदा नहीं होगा। उन्होंने कहा कि सेबी तत्काल निपटान को लेकर दिए गए सुझावों पर भी विचार के लिए तैयार है।

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    सेबी ने इसी वर्ष जनवरी में लागू की थी टी+1 व्यवस्था

    उन्होंने कहा कि नए निपटान नियम मौजूदा नियमों के समानांतर होंगे और पूरी तरह से वैकल्पिक होंगे। नए नियम चुनिंदा बड़े उत्पादों के लिए उपलब्ध होंगे और उसमें भी चयन करना वैकल्पिक होगा। सेबी ने इसी वर्ष जनवरी में टी+1 व्यवस्था लागू की थी। इससे पहले टी+2 निपटान व्यवस्था लागू थी। एक सवाल के जवाब पर पुरी ने कहा कि सेबी निश्चित रूप से आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (आइपीओ) के अत्यधिक मूल्यांकन के मुद्दे पर विचार करेगा। इस सप्ताह पांच कंपनियों के आइपीओ में रिकार्ड 2.6 लाख रुपये के आवेदन मिले हैं।

    सूचकांक प्रदाताओं के लिए नियम बनाएगा सेबी

    बोर्ड बैठक में सूचकांक प्रदाताओं के लिए नियामकीय फ्रेमवर्क तैयार करने का फैसला हुआ है। साथ ही नाट फार प्रोफिट आर्गेनाइजेशंस (एनपीओ) को सोशल स्टाक एक्सचेंज के जरिये पैसा जुटाने में आसानी के लिए नियमों में ढील दी गई है।

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    सेबी ने क्या कहा?

    सेबी ने कहा कि एनपीओ की ओर से जुटाई जाने वाली न्यूनतम राशि को एक करोड़ से घटाकर 50 लाख कर दिया गया है। छोटी और मध्यम अवधि के रियल एस्टेट इन्वेस्टमेंट ट्रस्ट्स (एसएम-रीट्स) के लिए भी नए नियम बनाए गए हैं। इसका उद्देश्य वैकल्पिक निवेश फंड (एआइएफ) में निवेश करने वालों के हितों की रक्षा करना है। सभी एआइएफ के लिए कस्टोडियन की नियुक्ति को अनिवार्य बनाया है। सितंबर 2024 से एआइएफ में निवेश भी डीमैट से अनिवार्य किया गया है।