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सेंसेक्स ने तीन दशक में छुआ 1,000 से 50,000 तक का आंकड़ा, जानें इससे जुड़े ऐतिहासिक आंकड़े

कोविड-19 की वजह से विभिन्न देशों द्वारा कई तरह के यात्रा प्रतिबंध लगाए जाने के कारण 09 मार्च 2020 को Sensex टूटकर 35634.95 अंक पर आ गया था। इसके बाद 12 मार्च 2020 को सेंसेक्स लुढ़ककर 32778.14 अंक के स्तर पर आ गया था।

By Ankit KumarEdited By: Published: Fri, 08 Jan 2021 05:20 PM (IST)Updated: Fri, 22 Jan 2021 07:45 AM (IST)
कोविड-19 से जुड़ी अनिश्चितताओं के कारण शेयर बाजारों में गिरावट देखने को मिली थी।

नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। BSE Sensex ने गुरुवार को 50,000 अंक का स्तर पहली बार छू लिया। सेंसेक्स ने 1990 में पहली बार 1,000 अंक के स्तर को छुआ था। इस तरह देखा जाए तो सेंसेक्स ने तीन दशक में 1,000 अंक के स्तर से 50,000 अंक के स्तर तक पहुंच है। इस साल कोरोनावायरस महामारी से जुड़ी अनिश्चितता कम होने के बाद शेयर बाजारों की उड़ान लगातार जारी है। चार दिसंबर, 2020 को सेंसेक्स ने 45,000 अंक के स्तर को छुआ था। इसके बाद 28 दिसंबर, 2020 को सेंसेक्स 47,353.75 अंक के स्तर पर बंद हुआ। नए साल में भी सेंसेक्स की बढ़त जारी है। चार जनवरी, 2021 को सेंसेक्स ने पहली बार 48,000 अंक के स्तर को छुआ। इसके बाद 21 जनवरी, 2021 को सेंसेक्स पहली बार 50 हजारी हो गया। 

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उल्लेखनीय है कि कोरोनावायरस महामारी की वजह से पिछले एक साल में घरेलू शेयरों बाजारों में भी बहुत अधिक उतार चढ़ाव देखने को मिला। साल 2019 के आखिर में सरकार द्वारा उठाए गए विभिन्न कदमों से दिसंबर, 2019 और जनवरी के शुरुआती सत्रों में शेयर बाजार प्रतिदिन नई ऊंचाई को छू रहा था। 16 जनवरी, 2020 को Sensex ने पहली बार 42,000 अंक का आंकड़ा छू लिया था। हालांकि, इसी बीच चीन में कोरोनावायरस के मामलों में तेजी और इस वजह से दुनियाभर में मची उथल-पुथल से बाजार में नरमी का दौर शुरू हुआ। हालांकि, फरवरी तक बहुत अधिक करेक्शन देखने को नहीं मिला लेकिन मार्च आते-आते सेंसेक्स और निफ्टी में एक तरह से भगदड़ मच गई।  

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कोविड-19 की वजह से विभिन्न देशों द्वारा कई तरह के यात्रा प्रतिबंध लगाए जाने के कारण 09 मार्च, 2020 को Sensex टूटकर 35,634.95 अंक पर आ गया था। इसके बाद 12 मार्च, 2020 को सेंसेक्स लुढ़ककर 32,778.14 अंक के स्तर पर आ गया था। इसके बाद देश में लॉकडाउन लगाए जाने की संभावनाओं के बीच 23 मार्च, 2020 को सेंसेक्स  3,934.72 अंक यानी 13.15 फीसद की जबरदस्त गिरावट के साथ 25,981.24 अंक के स्तर पर बंद हुआ। यह अभूतपूर्व था। इस तरह तीन माह में सेंसेक्स में तकरीबन 35 फीसद का करेक्शन देखने को मिला। उल्लेखनीय है कि देश में 25 मार्च, 2020 से संपूर्ण लॉकडाउन लागू कर दिया गया था।  

कोविड-19 से जुड़ी अनिश्चितताओं के कारण शेयर बाजारों में उल्लेखनीय गिरावट देखने को मिली थी। हालांकि, अप्रैल के शुरुआती सप्ताह में सेंसेक्स थोड़ा संभला और सात अप्रैल, 2020 को इसने एक बार फिर 30,000 अंक के स्तर को छू लिया।   

इसके बाद 26 जून, 2020 को शेयर बाजार ने एक बार फिर 35,000 अंक के स्तर को छू लिया। इसके बाद तीन जुलाई, 2020 को सेंसेक्स ने 36,021.42 अंक और17 जुलाई 2020 को 37,020.14 अंक के स्तर को छुआ। इसके बाद 26 अगस्त, 2020 को Sensex ने 39,073.92 अंक के स्तर को छू लिया। इसके बाद करीब सवा महीने तक बाजार में कोई खास चहल-पहल देखने को नहीं मिली। हालांकि, वैक्सीन से जुड़े घटनाक्रम के बाद शेयर बाजारों की रौनक एक बार और लौटने लगी। 

सरकार द्वारा विभिन्न मौकों पर उठाए गए कदमों, राहत पैकेज की घोषणाओं, त्योहारी सीजन में उपभोक्ता मांग में वृद्धि से कैलेंडर वर्ष 2020 की आखिरी तिमाही में शेयर बाजारों में अच्छी खासी तेजी देखने को मिली। इस तरह आठ अक्टूबर, 2020 को सेंसेक्स ने एक बार फिर 40,182.67 अंक के स्तर को छू लिया। इसके बाद नौ नवंबर, 2020 को बाजार 42,597.43 अंक के स्तर पर बंद हुआ।  इसके बाद 21 जनवरी, 2021 आते-आते 50,000 अंक के आंकड़े को छू लिया।  

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