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वैश्विक मंदी की आहट, सेंसेक्स 99.83 अंक गिरा

दुनिया पर आर्थिक मंदी का साया मंडराने लगा है। इस आशंका में चीन से शुरू हुई शेयर बाजारों की गिरावट भारत समेत पूरी दुनिया में फैल गई है। सेंसेक्स 99.83 अंक गिरकर 23.962.21 के स्तर पर बंद हुआ। वहीं निफ्टी 32.50 अंक गिरकर 7,276.80 के स्तर पर बंद हुआ।

By Kamal VermaEdited By: Published: Thu, 21 Jan 2016 08:29 AM (IST)Updated: Thu, 21 Jan 2016 03:53 PM (IST)
वैश्विक मंदी की आहट, सेंसेक्स 99.83 अंक गिरा

मुंबई दुनिया पर आर्थिक मंदी का साया मंडराने लगा है। इस आशंका में चीन से शुरू हुई शेयर बाजारों की गिरावट भारत समेत पूरी दुनिया में फैल गई है। सेंसेक्स 99.83 अंक गिरकर 23.962.21 के स्तर पर बंद हुआ। वहीं निफ्टी 32.50 अंक गिरकर 7,276.80 के स्तर पर बंद हुआ।

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यूरोप के मुख्य शेयर बाजारों में गिरावट का दौर रहा और सबसे अधिक गिरावट लंदन में मुख्य शेयर सूचकांक एफटीएसई 100 में दिखी, जो 3.5 प्रतिशत थी। इसका असर एक बार फिर से भारतीय शेयर बाजार पर भी दिखाई दिया है।

गुरुवार को सेंसेक्स में 132 अंकों की शुरुआती तेजी दिखाई दी और यह 24194.80 अंकों पर खुला। लेकिन यह तेजी ज्यादा देर कायम नहीं रह सकी और जल्द ही इसमें गिरावट दर्ज की गई और अब से कुछ देर पहले यह 133.86 अकों की गिरावट के साथ 23928.18 अंकों पर पहुंच गया था। इसके साथ ही निफ्टी में भी गिरावट दर्ज की गई और यह 5.75 अंकों की गिरावट के साथ 7303.55 अंकों पर खुला और अभी यह 7275 अंकों पर है। वहीं डॉलर के मुकाबले रुपये में हल्की रिकवरी आई है। आज 1 डॉलर के मुकाबले भारतीय रुपया 8 पैसे की बढ़त के साथ 67.88 पर खुला है जबकि कल यानी बुधवार को रुपया 67.96 पर बंद हुआ था।

इससे पहले, बुधवार को भारतीय शेयर बाजार सेंसेक्स 417.80 अंक यानी 1.71 फीसदी गिरावट के साथ 24,062.04 पर बंद हुआ। निफ्टी 125.80 अंक या 1.69 फीसदी गिरकर 7,309.30 के स्तर पर रहा। उधर, अमेरिका में वॉल स्ट्रीट में जमकर बिकवाली हुई। कारोबारी सत्र के दौरान डाउ जोन्स और नैसडेक लगभग तीन प्रतिशत तक लुढ़क गए। हालांकि बाजार बंद होने तक वॉल स्ट्रीट में माहौल सुधरा और डाउ जोन्स 1.56 प्रतिशत और एसएंडपी 500 सूचकांक 1.2 प्रतिशत की गिरावट के साथ बंद हुए।

अमेरिका और यूरोप के बाजारों में इस गिरावट से पहले एशियाई शेयर बाजार भी गिरावट के साथ बंद हुए।
दुबई के शेयर बाजार अपने 28 महीने के सबसे निचले स्तर पर चले गए तो जापान में अक्टूबर 2014 के बाद सबसे बड़ी गिरावट देखी गई।

उभरते हुए बाजारों के शेयरों और मुद्राओं को भी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। रूसी रूबल अमेरिकी डॉलर के मुक़ाबले 80.295 के रिकॉर्ड निचले स्तर पर पहुंच गया है। रुपया भी 68 रुपए प्रति डॉलर के स्तर पर पहुंच गया है।

पढ़ें: निवेशकों को ग्लोबल ग्रोथ की चिंता


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