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    सेबी ने सख्त किए SME IPO के नियम, अब नहीं होगा निवेशकों के हितों से खिलवाड़

    Updated: Mon, 10 Mar 2025 07:01 PM (IST)

    सेबी (SEBI) ने लघु एवं मध्यम उद्यमों (SME) के आईपीओ के नियमों को सख्त कर दिया है। अब आईपीओ के लिए कम से कम दो वर्षों में ₹1 करोड़ का संचालन लाभ अनिवार्य होगा। प्रमोटर आईपीओ का अधिकतम 20% हिस्सा ही बेच सकेंगे। विक्रेता शेयरधारक 50% से अधिक हिस्सेदारी नहीं बेच पाएंगे। सेबी ने न्यूनतम आवेदन आकार बढ़ाकर दो लॉट कर दिया है ताकि छोटे निवेशकों को अधिक सुरक्षा मिले।

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    आईपीओ फंड से प्रमोटरों का कर्ज चुकाना मना।

    बिजनेस डेस्क, नई दिल्ली। कैपिटल मार्केट रेगुलेटर सेबी (SEBI) ने लघु एवं मध्यम उद्यमों (SME) के आईपीओ से जुड़े नियमों को कड़ा कर दिया है। नए नियमों के तहत प्रमोटर अब ऑफर फॉर सेल (OFS) के तहत कुल आईपीओ का 20% से अधिक हिस्सा नहीं बेच पाएंगे। इसके अलावा, विक्रेता शेयरधारकों को अपनी मौजूदा हिस्सेदारी के 50% से अधिक बिक्री की अनुमति नहीं होगी।

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    आईपीओ के लिए मुनाफे की शर्त अनिवार्य

    अब एसएमई को आईपीओ लाने के लिए पिछले तीन वित्त वर्षों में से कम से कम दो वर्षों तक न्यूनतम ₹1 करोड़ का संचालन लाभ (Operational Profit) दिखाना अनिवार्य होगा। यह नियम उन कंपनियों को हतोत्साहित करेगा जो बिना स्थिर लाभ के बाजार से पूंजी जुटाना चाहती हैं।

    सेबी ने SME IPO में गैर-संस्थागत निवेशकों (NII) के लिए आवंटन पद्धति को मुख्य बाजार (Mainboard) के अनुरूप बनाने का फैसला किया है। इससे निवेशकों को अधिक पारदर्शिता और समान अवसर मिलेगा।

    सामान्य कॉरपोरेट उद्देश्य (GCP) के लिए सीमा तय

    सेबी ने एसएमई आईपीओ से जुटाई गई राशि में से सामान्य कॉरपोरेट उद्देश्य (GCP) के लिए अधिकतम 15% या ₹10 करोड़ (जो भी कम हो) की सीमा तय की है। इससे IPO के फंड का दुरुपयोग रोकने में मदद मिलेगी।

    SME IPO में डीआरएचपी (DRHP) की प्रक्रिया हुई पारदर्शी

    अब SME IPO में ड्राफ्ट रेड हेरिंग प्रॉस्पेक्टस (DRHP) को 21 दिन तक सार्वजनिक टिप्पणियों के लिए उपलब्ध रखा जाएगा। साथ ही, DRHP तक आसान पहुंच के लिए समाचार पत्रों में घोषणाएं प्रकाशित करने और QR कोड शामिल करने की जरूरत होगी।

    आईपीओ फंड से प्रमोटरों का कर्ज चुकाना मना

    सेबी ने स्पष्ट कर दिया है कि एसएमई आईपीओ से जुटाए गए फंड का इस्तेमाल प्रमोटर, प्रमोटर समूह या संबंधित पक्षों के कर्ज चुकाने में नहीं किया जा सकेगा। इससे यह सुनिश्चित होगा कि कंपनियां IPO से प्राप्त पूंजी का सही उपयोग करें।

    न्यूनतम आवेदन आकार बढ़ा, निवेशकों को मिलेगा सुरक्षा कवच

    अब एसएमई आईपीओ के लिए न्यूनतम आवेदन आकार को बढ़ाकर दो लॉट कर दिया गया है। इससे छोटे निवेशक बिना पर्याप्त रिसर्च किए केवल शेयर की बढ़ती कीमतों को देखकर जल्दबाजी में निवेश नहीं करेंगे। कॉरपोरेट अनुपालन विशेषज्ञ मकरंद एम. जोशी के अनुसार, "सेबी का यह कदम एसएमई आईपीओ से जुड़ी अटकलों को कम करेगा और छोटे निवेशकों की सुरक्षा सुनिश्चित करेगा।"

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