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    आईपीओ लिस्टिंग के एक ही हफ्ते में 54 फीसदी शेयर बेच देते हैं निवेशक, क्या है वजह?

    Updated: Mon, 02 Sep 2024 06:47 PM (IST)

    सेबी ने आईपीओ में निवेश करने वालों लोगों के मनोविज्ञान को समझने के लिए एक स्टडी की है। इससे कई दिलचस्प चीजें पता चलती हैं। जैसे कि अगर किसी आईपीओ की लिस्टिंग घाटे में हुई है तो लोग उसे ज्यादा वक्त तक होल्ड करके रखते हैं मुनाफे में आने का इंतजार करते हैं। वहीं पॉजिटिव लिस्टिंग गेन वाली आईपीओ स्टॉक को बेचने के लिए एक किस्म की जल्दबाजी दिखती है।

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    गुजरात के खुदरा निवेशकों को श्रेणी में 39.3 प्रतिशत आवंटन प्राप्त हुआ।

    बिजनेस डेस्क, नई दिल्ली। पिछले दिनों एक गुमनाम कंपनी का आईपीओ आया था, रिसोर्सफुल ऑटोमोबाइल। इसके दिल्ली में सिर्फ दो बाइक शोरूम हैं, जिनमें 8 लोग काम करते हैं। लेकिन, इसके आईपीओ को 418 गुना अधिक सब्सक्राइब किया गया। कंपनी को आईपीओ से सिर्फ 12 करोड़ जुटाने थे, मगर बोली मिली 4800 करोड़ रुपये की। इससे पता चलता है कि निवेशकों में आईपीओ को लेकर कितना क्रेज है। कई निवेशकों तो एक से अधिक डीमैट अकाउंट से आईपीओ के लिए बिडिंग करते हैं।

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    लेकिन, दिलचस्प बात यह है कि आईपीओ के लिए मारामारी करने वाले ज्यादातार रिटेल इन्वेस्टर्स आवंटन के एक हफ्ते के भीतर ही 54 फीसदी शेयर बेच देते हैं। यह बात मार्केट रेगुलेटर सेबी की एक स्टडी से पता चली है। स्टडी में एक मजबूत डिस्पोजिशन इफेक्ट पाया गया यानी वित्तीय लाभ कमाने वाली संपत्तियों को समय से पहले बेचने की प्रवृत्ति।

    सेबी की स्टडी निवेशकों के मनोविज्ञान के बारे में कई दिलचस्प बातें बताती है। जैसे कि अगर किसी आईपीओ की लिस्टिंग घाटे में हुई है, तो लोग उसे ज्यादा वक्त तक होल्ड करके रखते हैं, मुनाफे में आने का इंतजार करते हैं। वहीं, पॉजिटिव लिस्टिंग गेन वाली आईपीओ स्टॉक को बेचने के लिए उनके अंदर एक किस्म की जल्दबाजी दिखती है।

    सेबी ने यह स्टडी क्यों की?

    पिछले कुछ समय से आईपीओ में इन्वेस्टर्स की भागीदारी काफी ज्यादा बढ़ी है। इससे कई कम वैल्यू वाले आईपीओ भी हद से ज्यादा ओवर सब्सक्राइब हो जा रहे हैं, जैसा कि रिसोर्सफुल ऑटोमोबाइल के मामले में हुआ। सेबी ने मेन-बोर्ड आईपीओ में निवेशकों के व्यवहार का विश्लेषण करने के लिए गहन अध्ययन किया। इसमें अप्रैल 2021 और दिसंबर 2023 के बीच सूचीबद्ध 144 आईपीओ के डेटा शामिल हैं।

    सेबी की स्टडी के मुताबिक, "निवेशकों (एंकर निवेशकों को छोड़कर) को आवंटित आईपीओ शेयरों का लगभग 54 प्रतिशत लिस्टिंग से एक हफ्ते के भीतर बेचा गया"। अगर व्यक्तिगत निवेशकों की बात करें, तो उन्होंने लिस्टिंग से एक सप्ताह के भीतर मूल्य के लिहाज से आवंटित 50.2 प्रतिशत शेयरों को बेच दिया। वहीं, गैर-संस्थागत निवेशकों (एनआईआई) ने 63.3 प्रतिशत और खुदरा निवेशकों ने 42.7 प्रतिशत शेयर बेचे।

    अगर भौगोलिक नजरिए से देखें, तो गुजरात के खुदरा निवेशकों को श्रेणी में 39.3 प्रतिशत आवंटन प्राप्त हुआ, उसके बाद महाराष्ट्र (13.5 प्रतिशत) और राजस्थान (10.5 प्रतिशत) का स्थान रहा।

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