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    म्युचुअल फंड निवेश पर टैक्स छूट का प्रस्ताव, कड़े किए गवर्नेस नियम

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    Updated: Fri, 14 Feb 2014 10:17 AM (IST)

    सेबी ने निवेशकों को राहत देने के लिए अहम कदम उठाए हैं। अब बड़े कॉर्पोरेट हाउस को अपने निदेशकों का वेतन कम करना पड़ सकता है, वहीं, म्युचुअल फंड में 2 लाख रुपये का निवेश करने पर टैक्स छूट मिलने की उम्मीद है। बाजार नियामक सेबी ने कॉरपोरेट गवर्नेस के नियम और सख्त। सेबी ने स्वतंत्र निदेशक पर

    नई दिल्ली। सेबी ने निवेशकों को राहत देने के लिए अहम कदम उठाए हैं। अब बड़े कॉर्पोरेट हाउस को अपने निदेशकों का वेतन कम करना पड़ सकता है, वहीं, म्युचुअल फंड में 2 लाख रुपये का निवेश करने पर टैक्स छूट मिलने की उम्मीद है।

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    बाजार नियामक सेबी ने कॉरपोरेट गवर्नेस के नियम और सख्त। सेबी ने स्वतंत्र निदेशक पर नए नियम जारी किए हैं। इनके मुताबिक कोई भी व्यक्ति 7 से ज्यादा सूचीबद्ध कंपनी में नहीं रहेगा। यही नहीं बोर्ड में कम से कम एक महिला को भी रखना होगा जरूरी होगी।

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    नए नियमों के मुताबिक, स्वतंत्र निदेशक को स्टॉक ऑप्शन नहीं मिलेगा। स्वतंत्र निदेशक की सैलरी में पारदर्शिता लाना जरूरी है। सेबी के मुताबिक, व्होलटाइम डायरेक्टर सिर्फ 3 कंपनी में रह सकते हैं। स्वतंत्र निदेशक का कार्यकाल सिर्फ 2 बार के लिए होगा। हर कंपनी व्हिसल ब्लोअर मैकेनिज्म जरूरी होगा।

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    सेबी ने नई म्युचुअल फंड पॉलिसी को भी मंजूरी दे दी है। सेबी के मुताबिक 50,000 रुपये का टैक्स इंसेटिव देने वाले लॉन्ग टर्म म्युचुअल फंड प्रोडक्ट लॉन्च होने चाहिए। 80सी के तहत मिलने वाली छूट को 2 लाख रुपये करने की सिफारिश की गई है। म्युचुअल फंड के लिए सीड कैपिटल की व्यवस्था शुरू की गई है। एएमसी को कम से कम 1 फीसद रकम निवेश करनी होगी और अधिकतम सीमा 50 लाख रुपये होगी। एएमसी के मिनिमम नेटवर्थ 50 करोड़ रुपये होना चाहिए। ईपीएफओ अपने कुल रकम का 15 फीसदी बाजार और म्युचुअल फंड में लगा सकता है।