Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    SBI के ग्राहकों के लिए महत्‍वपूर्ण है यह खबर, 1 अक्टूबर से बदल जाएंगे ये सारे नियम

    By NiteshEdited By:
    Updated: Fri, 13 Sep 2019 03:25 PM (IST)

    SBI monthly balance requirement new rules अगर आप SBI के ग्राहक हैं तो 1 अक्टूबर से आपके लिए कई बदलाव होने जा रहे हैं। बैंक 1 अक्टूबर कई नियमों में बदलाव करने जा रहा है।

    SBI के ग्राहकों के लिए महत्‍वपूर्ण है यह खबर, 1 अक्टूबर से बदल जाएंगे ये सारे नियम

    नई दिल्ली, आइएएनएस। अगर आप SBI के ग्राहक हैं तो 1 अक्टूबर से आपके लिए कई बदलाव होने जा रहे हैं। बैंक 1 अक्टूबर कई नियमों में बदलाव करने जा रहा है। इसमें सबसे पहले तो आपको अपने खाते में मिनिमम बैलेंस मेंटेन नहीं रखने पर चार्ज में 80 फीसद की कमी का फायदा मिलेगा। इसके अलावा NEFT और RTGS के जरिये भी ट्रांजेक्शन सस्ता हो जाएगा। अर्बन शहरों में मिनिमम बैलेंस को 5000 से घटाकर 3000 रुपये कर दिया जाएगा। नए नियमों में बदलाव के तहत, अगर कोई ग्राहक अपने खाते में 3000 रुपये मिनिमम बैलेंस नहीं रख पाता है और उसकी रकम घटकर 1500 हो जाती है तो उसे 10 रुपये का चार्ज और जीएसटी वसूला जाएगा। किसी के अकाउंट का मिनिमम बैलेंस 3000 रुपये से 75 फीसदी से ज्यादा कम हुआ तो पेनल्टी 15 रुपये प्लस जीएसटी लग सकता है, जो कि अभी 80 रुपये और जीएसटी है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    वहीं सेमी अर्बन ब्रांच में एसबीआई के ग्राहकों को अपने खाते में मंथली मिनिमम बैलेंस के तौर पर 2000 रुपये मेंटेन करना होगा। रूरल ब्रांच में 1000 रुपये मिनिमम बैलेंस का अवरेज मेंटेन करना होगा। सेमी अर्बन ब्रांच में अगर ग्राहक 50 फीसद से कम बैलेंस मेंटेन कर पाता है तो उसे 7.50 रुपये प्लस जीएसटी देना होगा। 50 से 75 फीसद तक की रकम को मेंटेन करने पर 10 रुपये चार्ज के साथ जीएसटी देना होगा। 75 फीसद से ऊपर की रकम को मेंटेन रखने पर 12 रुपये और जीएसटी चार्ज लगेगा।

    रूरल ब्रांच में 1000 रुपये मंथली अवरेज मेंटेन करना होगा और अगर कोई ग्राहक 50 फीसद से कम रकम मेंटेन रखता है तो उसे 5 रुपये प्लस जीएसटी देना होगा, 50 फीसद से ज्यादा की रकम पर और 75 फीसद तक 7.50 रुपये प्लस जीएसटी देना होगा। 75 फीसद से ज्यादा की रकम पर 10 रुपये चार्ज लगेगा साथ में जीएसटी भी देना होगा।

    नेशनल इलेक्ट्रॉनिक फ़ंड ट्रांसफ़र (NEFT) और रियल-टाइम ग्रॉस सेटलमेंट (RTGS) के शुल्क में भी परिवर्तन होगा। यह डिजिटल पेमेंट माध्यम मुफ्त है और इसकी फीस ब्रांच पर लगाई जाती है। 10,000 रुपये तक का एनईएफटी लेनदेन पर 2 रुपये प्लस जीएसटी लगेगा। 2 लाख से अधिक की राशि NEFT करने पर 20 रुपये पर प्लस जीएसटी देना होगा। वहीं, RTGS से 2 लाख से 5 लाख तक रुपये को भेजने पर ग्राहक को 20 रुपये प्लस जीएसटी देना होगा। 5 लाख रुपये से ज्यादा के लेनदेन पर 40 रुपये प्लस जीएसटी चार्ज लगेगा।

    RTGS के लिए 2 लाख रुपये से 5 लाख रुपये के बीच ग्राहक को 20 रुपये जीएसटी का भुगतान करना होगा। 5 लाख रुपये से अधिक के आरटीजीएस ट्रांसफर पर 40 रुपये जीएसटी लगेगा।

    नए बदलाव के मुताबिक, अगर कोई ग्राहक बचत खाते में एक महीने में तीन बार जमा और निकासी करता है तो यह लेनदेन मुफ्त होगा। उसके बाद के प्रत्येक लेनदेन के लिए 50 रुपये प्लस जीएसटी लगेगा।

    गैर-होम ब्रांच में नकदी जमा करने की अधिकतम सीमा 2 लाख रुपये प्रतिदिन है। इसके बाद गैर-होम ब्रांच मैनेजर तय करेगा कि वह और नकदी स्वीकार करता है या नहीं।

    25,000 रुपये की अवरेज मंथली बैलेंस राशि वाले खाताधारक महीने में दो बार मुफ्त नकद निकासी कर सकते हैं। 25,000 रुपये से 50,000 रुपये के बीच अवरेज मंथली बैलेंस राशि वाले 10 मुफ्त नकद निकासी का फायदा उठा सकते हैं। 50,000 रुपये से ज्यादा और 1,00,000 रुपये तक के लिए 15 रुपये शुल्क प्लस जीएसटी है, जबकि 1,00,000 रुपये से अधिक वाले ग्राहक असीमित लेनदेन कर सकते हैं।