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    RBI के बाद अब SBI ने भरा सरकार का खजाना, दिया इतने करोड़ का डिविडेंड

    Updated: Sat, 22 Jun 2024 11:56 AM (IST)

    SBI ने सरकार को 6959 करोड़ रुपये का लाभांश (dividend) दिया है। यह डिविडेंड पिछले वित्त वर्ष यानी 2023-24 के लिए दिया गया है। SBI चेयरमैन दिनेश कुमार खारा ने फाइनेंशियल सर्विसेज सेक्रेटरी विवेक जोशी की मौजूदगी में शुक्रवार को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण का डिविडेंड सौंपा। इससे पहले आरबीआई ने सरकार को 2.11 लाख करोड़ रुपये का रिकॉर्ड डिविडेंड दिया था।

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    एसबीआई ने वित्त वर्ष 2023-24 के लिए 13.70 रुपये प्रति शेयर के डिविडेंड दिया है।

    बिजनेस डेस्क, नई दिल्ली। देश के सबसे बड़े लेंडर- स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) ने सरकार को 6,959 करोड़ रुपये का लाभांश (dividend) दिया है। यह डिविडेंड पिछले वित्त वर्ष यानी 2023-24 के लिए दिया गया है। SBI चेयरमैन दिनेश कुमार खारा ने फाइनेंशियल सर्विसेज सेक्रेटरी विवेक जोशी की मौजूदगी में शुक्रवार को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण का डिविडेंड सौंपा।

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    वित्त मंत्रालय ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर एक्स पर पोस्ट किया, 'वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने वित्त वर्ष 2023-24 के लिए एसबीआई के चेयरमैन दिनेश कुमार खारा से 6959.29 करोड़ रुपये का डिविडेंड प्राप्त किया।' एसबीआई ने वित्त वर्ष 2023-24 के लिए 13.70 रुपये प्रति शेयर के डिविडेंड दिया है। यह एक साल पहले के मुकाबले अधिक है, जब 11.30 रुपये प्रति इक्विटी का डिविडेंड दिया गया था।

    वित्त वर्ष 2023-24 के दौरान एसबीआई ने 67,085 करोड़ रुपये का रिकॉर्ड कंसालिडेटेड नेट प्रॉफिट दर्ज किया। इससे एक साल पहले बैंक को 55,648 करोड़ रुपये का शुद्ध मुनाफा हुआ था।

    आरबीआई ने दिया था रिकॉर्ड डिविडेंड

    इससे पहले भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने वित्त वर्ष 2023-24 के लिए भारत सरकार को 2.11 लाख करोड़ रुपये का डिविडेंड दिया था। इससे एक साल पहले केंद्रीय बैंक ने सरकार को 87,416 करोड़ रुपये का डिविडेंड दिया था। लेकिन, इस बार आरबीआई ने सरकार को अपने इतिहास का सबसे अधिक लाभांश दिया।

    इससे पहले आरबीाआई ने सबसे ज्यादा डिविडेंड वित्त वर्ष 2018-19 के लिए दिया था। उस दौरान कुल 1,76,051 करोड़ रुपये का लाभांश केंद्र को मिला था। यह कोरोना महामारी से ठीक पहले की बात है, जब अर्थव्यवस्था सुचारू ढंग से चल रही थी। लेकिन, इस बार का डिविडेंड एक साल पहले दिए गए लाभांश के दोगुने से भी अधिक है।

    बजट में मौजूदा वित्त वर्ष के सरकार ने आरबीआई और सार्वजनिक क्षेत्र के वित्तीय संस्थानों से कुल 1.02 लाख करोड़ रुपये की डिविडेंड मिलने का अंदाजा लगाया था। अब अनुमान से ज्यादा लाभांश मिलने से सरकार को राजकोषीय घाटा कम करने में मदद मिलेगी।

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