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    India's Services PMI: सर्विस सेक्टर की ग्रोथ तीन महीने के उच्चतम स्तर पर, रोजगार के भी बढ़ रहे हैं मौके

    Indias Services PMI एसएंडपी ग्लोबल की ओर से सर्विस सेक्टर पीएमआई का सर्वे जारी किया गया है जिसमें बताया गया है कि भारत के सर्विस सेक्टर में नवंबर के महीने में ग्रोथ तीन महीने के उच्चतम स्तर पर पहुंच गई है।

    By Abhinav ShalyaEdited By: Updated: Mon, 05 Dec 2022 01:00 PM (IST)
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    India's services sector output growth hits 3-month high in Nov on strong demand (Jagran File Photo)

    नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। भारत के सर्विस सेक्टर के लिए अच्छी खबर है। सोमवार को एक सर्वे में बताया गया है कि नवंबर में सर्विस सेक्टर की ग्रोथ तीन महीने के उच्च स्तर पर पहुंच गई है। ये बाजार की परिस्थितियों में सुधार और मांग में इजाफा होने के कारण हुआ है।

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    एसएंडपी ग्लोबल की ओर से बताया गया कि इंडिया सर्विसेज का पीएमआई नवंबर में 56.4 हो गया है, जो कि अक्टूबर में 55.1 था। पिछले तीन महीने में होने वाली ये सबसे बड़ी बढ़ोतरी है और यह ऐसे समय पर हुआ है, जब इंडस्ट्री उच्च परिचालन लागत के दौर से गुजर रही है। सर्वे में प्रतिभागियों की ओर से बताया गया कि मांग में तेजी, अच्छी मार्केटिंग और बिक्री में इजाफा होने के कारण ये संभव हुआ है।

    घरेलू मांग से मिल रहा फायदा

    एसएंडपी ग्लोबल मार्केट इंटेलिजेंस में इकोनॉमिक्स एसोसिएट डायरेक्टर पोलियाना डी लीमा ने कहा कि भारतीय सेवा कंपनियों को मजबूत घरेलू मांग से फायदा मिल रहा है। इसकी मदद से उन्हें नए कारोबार को पाने और आउटपुट को बढ़ाने मदद मिल रही है।

    16 महीने से सर्विस सेक्टर में तेजी कायम

    नवंबर को मिलाकर यह लगातार 16 वां महीना है, जब भारतीय सर्विस सेक्टर का पीएमआई 50 के अधिक बना हुआ है। 50 को एक न्युट्रल स्तर माना जा जाता है। इसका मतलब यह है कि 50 के नीचे पीएमआई होने पर सेक्टर में गिरावट और इसके ऊपर होने को वृद्धि मानी जाती है।

    तेजी से बढ़ रहे रोजगार के अवसर

    सर्वे में बताया गया कि सर्विस सेक्टर में ग्रोथ का असर रोजगार के अवसरों पर भी देखने को मिल रहा है और यह पिछले तीन सालों में सबसे तेज गति से बढ़ रहे हैं।

    लागत में हुआ इजाफा

    सर्वे के अनुसार, भारतीय सर्विस कंपनियां उच्च परिचालन लागत का सामना कर रही हैं। इसके साथ ही एनर्जी, फूड, पैकेजिंग ,पेपर, प्लास्टिक और इलेक्ट्रिकल प्रोडक्ट्स की कीमत बढ़ने के कारण कंपनियों की लागत में इजाफा हो गया है।

    (एजेंसी इनपुट के साथ)

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