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    हजार रुपये न्यूनतम मासिक पेंशन का रास्ता साफ

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    Updated: Thu, 06 Feb 2014 09:30 AM (IST)

    संगठित क्षेत्र के कर्मचारियों को कम से कम 1000 रुपये की मासिक पेंशन मिलना तय हो गया है। कर्मचारी भविष्य निधि संगठन यानी ईपीएफओ के सर्वोच्च निकाय केंद्रीय ट्रस्टी बोर्ड (सीबीटी) की बैठक में इससे जुड़े प्रस्ताव को मंजूरी दे दी गई। अब इस पर कैबिनेट की अंतिम मुहर लगाने की सिर्फ औपचारिकता बाकी रह ग

    जागरण न्यूज नेटवर्क, नई दिल्ली। संगठित क्षेत्र के कर्मचारियों को कम से कम 1000 रुपये की मासिक पेंशन मिलना तय हो गया है। कर्मचारी भविष्य निधि संगठन यानी ईपीएफओ के सर्वोच्च निकाय केंद्रीय ट्रस्टी बोर्ड (सीबीटी) की बैठक में इससे जुड़े प्रस्ताव को मंजूरी दे दी गई। अब इस पर कैबिनेट की अंतिम मुहर लगाने की सिर्फ औपचारिकता बाकी रह गई है। इस फैसले से 28 लाख पेंशनभोगियों को तत्काल फायदा होगा।

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    केंद्रीय श्रम मंत्री ऑस्कर फर्नाडीस की अध्यक्षता में हुई सीबीटी की बैठक में कर्मचारी भविष्य निधि स्कीम (ईपीएफ) में पेंशन स्कीम ईपीएस-95 से जुड़े संशोधन को भी हरी झंडी दे दी गई। इससे अब मूल वेतन की अधिकतम सीमा मौजूदा 6,500 रुपये से बढ़कर 15,000 रुपये हो जाएगी।

    ई-पेंशन प्रणाली लागू

    इस स्कीम के तहत सरकार भी पेंशन फंड में मूल वेतन का 1.16 फीसद योगदान करती है। ट्रस्टी बोर्ड ने पेंशनयोग्य वेतन की गणना का तरीका भी बदलने का फैसला किया है। अब पेंशन लायक वेतन की गणना अंतिम 60 माह की औसत सैलरी के आधार पर की जाएगी। फिलहाल ईपीएस-95 के तहत 12 महीने के औसत वेतन के आधार पर यह गणना की जाती है।

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    नियोक्ताओं के लिए प्रशासनिक शुल्क को भी 1.10 से घटाकर 0.85 फीसद कर दिया गया है। वित्त मंत्रालय पहले ही संगठित क्षेत्र के कर्मचारियों को न्यूनतम 1000 रुपये की मासिक पेंशन देने के लिए अपनी रजामंदी दे चुका है। श्रम मंत्रालय शीघ्र ही न्यूनतम पेंशन राशि बढ़ाने के इस प्रस्ताव को कैबिनेट की मंजूरी के लिए पेश करेगा। अभी संगठित क्षेत्र में तकरीबन 44 लाख पेंशनर हैं। इनमें से विधवाओं समेत 28 लाख पेंशनर को एक हजार रुपये से कम मासिक पेंशन मिलती है। परंतु वेतन सीमा बढ़ने से अब इन्हें कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) द्वारा संचालित कर्मचारी भविष्य निधि पेंशन स्कीम 1995 (ईपीएस-95) के तहत हर माह कम से कम 1,000 रुपये की पेंशन मिलने लगेगी। एक हजार रुपये मासिक पेंशन की शुरुआत 1 अप्रैल, 2014 से होगी।

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    हर पेंशनभोगी को एक हजार न्यूनतम मासिक पेंशन सुनिश्चित करने के लिए सरकार को 1,217 करोड़ रुपये की अतिरिक्त सालाना सब्सिडी देनी पड़ेगी। अभी सरकार स्कीम को तकरीबन 1,400 करोड़ की सब्सिडी देती है। ईपीएस-95 के तहत पेंशन बढ़ाने का प्रस्ताव लंबे अरसे से लंबित था।