सरकार ने दोबारा शुरू की Exporters के फायदे वाली यह स्कीम, जानिए क्या हैं लाभ
DGFT ने एडवांस ऑथराइजेशन होल्डर EOU और SEZ की इकाइयों के लिए ड्यूटी और टैक्स वापस करने की स्कीम दोबारा शुरू करने की घोषणा की है। इन इकाइयों से 1 जून 2025 से जो भी निर्यात होगा उन पर यह सुविधा मिलेगी। RoDTEP स्कीम 1 जनवरी 2021 को शुरू हुई थी लेकिन इस साल 5 फरवरी को इस पर रोक लगा दी गई थी।

नई दिल्ली। सरकार ने निर्यातकों को ड्यूटी और टैक्स वापस करने की स्कीम दोबारा शुरू करने की घोषणा की है। इस स्कीम का नाम है रेमिशन ऑफ ड्यूटीज एंड टैक्सेज ऑन एक्सपोर्ट प्रोडक्ट्स (RoDTEP)। एडवांस ऑथराइजेशन होल्डर, एक्सपोर्ट ओरिएंटेड यूनिट (EOUs) और स्पेशल इकोनॉमिक जोन (SEZ) में ऑपरेट करने वाली इकाइयां 1 जून से जो भी निर्यात करेंगी, उन पर उन्हें इस स्कीम का फायदा मिलेगा।
एडवांस ऑथराइजेशन होल्डर उन निर्यातकों को कहते हैं जिन्हें निर्यात वाला प्रोडक्ट बनाने में काम आने वाले कच्चे माल या कम्पोनेंट का ड्यूटी फ्री आयात का लाइसेंस मिलता है। ये लाइसेंसधारक विभिन्न इनपुट, पैकेजिंग मैटेरियल, ईंधन आदि का बिना बेसिक कस्टम ड्यूटी, एडिशनल कस्टम ड्यूटी या अन्य कोई शुल्क चुकाए आयात कर सकते हैं।
क्या है RoDTEP स्कीम, क्या हैं फायदे
यह स्कीम 1 जनवरी 2021 को शुरू की गई थी, लेकिन 5 फरवरी 2025 से इन कैटेगरी के निर्यातकों के लिए यह फायदा बंद कर दिया गया था। स्कीम दोबारा शुरू किए जाने से विभिन्न सेक्टर के निर्यातकों को इसका लाभ मिल सकेगा। RoDTEP स्कीम में निर्यातकों को ड्यूटी, टैक्स तथा लेवी रीइंबर्स की जाती है। यह स्कीम विश्व व्यापार संगठन (WTO) के नियमों के मुताबिक है।
इस स्कीम ने मर्चेंडाइज एक्सपोर्ट्स फ्रॉम इंडिया स्कीम (MEIS) की जगह ली थी। अमेरिका ने WTO में भारत की कई एक्सपोर्ट सब्सिडी स्कीम को चुनौती दी थी और कहा था कि इससे अमेरिकी निर्यात को नुकसान होता है। WTO ने भारत के खिलाफ फैसला दिया और कहा कि भारत सरकार के निर्यात सब्सिडी प्रोग्राम WTO नियमों का उल्लंघन करते हैं। उसके बाद ही भारत सरकार ने RoDTEP स्कीम शुरू की थी।
सरकार 31 मार्च 2025 तक इस स्कीम के तहत 57,976.78 करोड़ रुपये रिफंड कर चुकी है। वित्त वर्ष 2025-26 में सरकार ने RoDTEP स्कीम के लिए 18,233 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं।
फैसले का स्वागत, पर बार-बार निर्णय बदलना ठीक नहीं: एक्सपर्ट
थिंक टैंक ग्लोबल ट्रेड रिसर्च इनिशिएटिव (GTRI) के संस्थापक अजय श्रीवास्तव का कहना है कि RoDTEP स्कीम WTO के नियमों के तहत है। इसके बावजूद एडवांस ऑथराइजेशन धारकों, एक्सपोर्ट ओरिएंटेड यूनिट और स्पेशल इकोनॉमिक जोन की यूनिट के लिए इसे बंद करने से अनिश्चितता बन गई थी। इस तरह कोई स्कीम बार-बार शुरू करने और बंद करने से निर्यातकों को अपने प्रोडक्ट की कीमत तय करने या दीर्घकालिक सौदे करने में दिक्कत होती है। श्रीवास्तव का कहना है कि इस स्कीम को दोबारा शुरू करने का स्वागत है, लेकिन सवाल है कि इसे बीच में बंद क्यों कर दिया गया था। उनका कहना है कि भारत को एक स्थिर और प्रतिस्पर्धी निर्यात हब बनाने के लिए जरूरी है कि सरकार RoDTEP स्कीम को कम से कम 5 साल तक लगातार जारी रखें।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।