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    Onion Price: खुदरा बाजार में 15 दिन में 30 प्रतिशत महंगी हुई प्याज, आलू ने भी दिखाए तेवर

    Updated: Mon, 11 Mar 2024 08:53 PM (IST)

    रबी सीजन में कम बोआई के चलते सरकार ने प्याज उत्पादन में कमी की आशंका जाहिर की है। इस वजह से भी प्याज के दाम में तेजी दिख रही है। सूत्रों के मुताबिक खुदरा महंगाई में सब्जी की प्रमुख भूमिका होती है इसलिए किसी भी कीमत पर सरकार आलू प्याज व टमाटर के दाम को नियंत्रण में रखना चाहती है।

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    चालू सीजन में प्याज का उत्पादन 254 लाख टन रह सकता है!

    जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। खुदरा बाजार में प्याज की कीमतों में पिछले 15 दिनों में लगभग 30 प्रतिशत तक का इजाफा हो गया है। 30 रुपये प्रति किलोग्राम की दर से बिकने वाले प्याज का भाव अब 40 रुपये तक पहुंच गया है। आलू के भाव में भी 25-30 प्रतिशत तक की तेजी है। खुदरा बाजार में 15 रुपये प्रति किलोग्राम वाले आलू की कीमत अब 20 रुपये हो गई है।

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    लोकसभा चुनाव तक निर्यात से प्रतिबंध हटने की नहीं उम्‍मीद

    बढ़ती कीमतों को देखते हुए अब लोकसभा चुनाव तक प्याज के निर्यात पर लगे प्रतिबंध के हटने की कोई उम्मीद नहीं है। हाल ही में सरकार ने प्याज के दाम में नरमी को देखते हुए एक लाख टन प्याज के निर्यात की मंजूरी दी थी, लेकिन सरकार की शर्त थी कि निर्यात तभी जारी रहेगा, जब घरेलू स्तर पर कीमत में बढ़ोतरी नहीं होगी। सरकार ने प्याज किसानों की आमदनी बढ़ाने की मंशा से एक लाख टन निर्यात की इजाजत दी थी।

    पिछले साल की तुलना में कम रह सकता है उत्‍पादन

    रबी सीजन में कम बोआई के चलते सरकार ने प्याज उत्पादन में कमी की आशंका जाहिर की है। इस वजह से भी प्याज के दाम में तेजी दिख रही है। सरकारी अनुमान के मुताबिक, 2023-24 में प्याज के उत्पादन में पिछले साल के मुकाबले 16 प्रतिशत तक की कमी आ सकती है। चालू सीजन में प्याज का उत्पादन 254 लाख टन रह सकता है, जबकि पिछले साल यह उत्पादन 302 लाख टन था। घरेलू प्याज उत्पादन में सबसे अधिक हिस्सेदारी रखने वाले महाराष्ट्र में पिछले साल से कम उत्पादन की आशंका है। रबी फसल के दौरान ही 60 प्रतिशत से अधिक प्याज का उत्पादन होता है।

    सरकार नहीं लेना चाहती कोई जोखिम

    सूत्रों के मुताबिक, लोकसभा चुनाव तक महंगाई को लेकर सरकार कोई जोखिम नहीं लेना चाहती है। खुदरा महंगाई में सब्जी की प्रमुख भूमिका होती है, इसलिए किसी भी कीमत पर सरकार आलू, प्याज व टमाटर के दाम को नियंत्रण में रखना चाहती है। सूत्रों का कहना है कि अगर खुदरा बाजार में प्याज के दाम 30-35 रुपये किलो तक सीमित रहते हैं तो 31 मार्च के बाद प्याज निर्यात पर लगे प्रतिबंध को हटा लिया जाता। लेकिन अब इसकी कोई संभावना नहीं दिख रही है।

    2023-24 में आलू उत्पादन में भी पिछले साल की तुलना में तीन प्रतिशत की कमी की आशंका है। 2023-24 में आलू का उत्पादन 589 लाख टन रहने का अनुमान है जबकि पिछले साल 601 लाख टन आलू का उत्पादन हुआ था।

     

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