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    Repo Rate Cut: महंगाई के बीच क्या अक्टूबर में होगी रेपो रेट में कटौती; क्या इशारा कर रही SBI रिसर्च?

    Updated: Sat, 13 Sep 2025 06:54 PM (IST)

    SBI रिसर्च की रिपोर्ट के अनुसार अगस्त में महंगाई 2% से थोड़ा ऊपर रहने के कारण अक्टूबर में ब्याज दरों में कटौती की उम्मीदें कम हो (Repo Rate Cut Prediction) गई हैं। पहली और दूसरी तिमाही के विकास अनुमानों को देखते हुए दिसंबर में भी ब्याज दरों में कटौती मुश्किल है। GST Rate Cut से गैर-खाद्य वस्तुओं पर महंगाई में कमी आ सकती है।

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    अक्टूबर में RBI गवर्नर संजय मल्होत्रा से ब्याज दरों में (Repo Rate Cut) कटौती की उम्मीदें कम हो गई हैं।

    नई दिल्ली। SBI रिसर्च ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि अगस्त में महंगाई के दो फीसदी से थोड़ा ऊपर रहने के चलते अक्टूबर में RBI गवर्नर संजय मल्होत्रा से ब्याज दरों में (Repo Rate Cut) कटौती की उम्मीदें कम हो गई हैं।

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    इतना ही नहीं, रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि अगर पहली और दूसरी तिमाही के विकास अनुमानों को ध्यान में रखा जाए, तो दिसंबर में ब्याज दरों (Repo rate expectations rbi) में कटौती भी थोड़ी मुश्किल लग रही है।

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    रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि सेवाओं पर GST Rate Cut से गैर-खाद्य वस्तुओं पर महंगाई में 50 फीसदी का अतिरिक्त लाभ मिलने पर 40-45 आधार अंकों की कमी आ सकती है।

    सरकार ने कई आवश्यक वस्तुओं (कुल मिलाकर लगभग 295) पर GST दरों में कटौती की है, जिससे उनकी दर 12 फीसदी से घटकर पांच फीसदी या शून्य हो गई है। 

    SBI ईकोरैप ने कहा कि टैक्स में यह कटौती चालू वित्त वर्ष 2025-26 में इन वस्तुओं की महंगाई को 25-30 आधार अंकों तक कम कर सकती है, बशर्ते इसका 60 फीसदी लाभ उपभोक्ताओं तक पहुंचे। इसी साल जुलाई में खुदरा महंगाई 98 महीने के निचले स्तर 1.55 फीसदी पर आ गई थी।

    हालांकि, अगस्त में यह बढ़कर 2.07 फीसदी हो गई। खुदरा महंगाई बढ़ने का प्रमुख कारण खाद्य और पेय पदार्थों की ऊंची कीमतें थीं।

     मुख्य मुद्रास्फीति (जिसमें खाद्य और ईंधन शामिल नहीं हैं) भी बढ़कर 4.16 फीसदी हो गई। ग्रामीण और शहरी दोनों तरह के क्षेत्रों में खुदरा महंगाई में बढ़ोतरी देखी गई।

    ग्रामीण महंगाई बढ़कर 1.69 फीसदी (जुलाई में 1.18 फीसदी से) हो गई और शहरी महंगाई बढ़कर 2.47 फीसदी (2.10 फीसदी से) हो गई।

    यह वृद्धि आंशिक रूप से आधार प्रभाव के कम होने के कारण हुई। इसका अर्थ यह है कि वर्तमान मूल्य वृद्धि की तुलना अब पिछले वर्ष की बहुत ऊंची कीमतों से नहीं की जा रही है। अब, कीमतों में वास्तविक वृद्धि अधिक स्पष्ट रूप से दिखाई दे रही है।

    35 राज्यों में से 26 में महंगाई चार फीसदी से कम रही 

    अगस्त में 35 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में से 26 में महंगाई चार फीसदी से कम रही। केवल केरल और लक्षद्वीप में महंगाई छह फीसदी से अधिक रही।

    दिलचस्प बात यह है कि केरल में महंगाई 9.04 फीसदी पर पहुंच गई, जो राज्य में प्रमुख खाद्यान्न नारियल तेल की कीमतों में भारी वृद्धि के कारण हुई। केरल में ग्रामीणमहंगाई 10.05 फीसदी और शहरी महंगाई 7.19 फीसदी तक पहुँच गई।

    भारी बारिश से पंजाब, हरियाणा में प्रभावित हो सकती है खाद्य आपूर्तिमौसम की बात करें पंजाब, हरियाणा, राजस्थान और गुजरात जैसे प्रमुख कृषि राज्यों में भारी बारिश से खाद्य आपूर्ति प्रभावित हो सकती है और आने वाले महीनों में खाद्य कीमतों में वृद्धि हो सकती है।

    अगस्त और सितंबर की शुरुआत के बीच पूरे भारत में वर्षा सामान्य से लगभग नौ फीसदी अधिक रही, जबकि कुछ राज्यों में यह स्तर इससे भी अधिक रहा।