होम लोन पर टैक्स लाभ की सीमा बढ़ाने से रियल एस्टेट सेक्टर होगा मजबूत, सिंगल विंडो सिस्टम की वकालत
बिल्डर्स का मानना है कि मकान बनाने में इस्तेमाल होने वाले सीमेंट स्टील जैसे कच्चे माल पर जीएसटी कम करने से क्रेता और विक्रेता दोनों को लाभ मिलेगा। सीमेंट पर अभी 28 प्रतिशत जीएसटी है जिसे 18 प्रतिशत तक लाया जा सकता है।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। रियल एस्टेट सेक्टर का मानना है कि बजट में होम लोन पर टैक्स छूट की सीमा बढ़ने से उनकी मांग बनी रहेगी। इतना ही नहीं, छोटे और सस्ते मकान बनाने पर बिल्डर्स को भी कम से कम पांच साल के लिए इनकम टैक्स में छूट मिलनी चाहिए।
परियोजनाओं की मंजूरी के लिए सिंगल वडो सिस्टम होना चाहिए और मकान बनाने में इस्तेमाल होने वाले कच्चे माल पर जीएसटी की दर को कम किया जाना चाहिए ताकि मकान खरीदार को कीमत में राहत मिल सके। कोरोना काल के दौरान रियल एस्टेट सेक्टर का काम बिल्कुल ठप रहा। अब फिर से रियल एस्टेट सेक्टर में तेजी आई है, लेकिन पिछले चार-पांच महीनों से होम लोन ब्याज दर में बढ़ोतरी का सिलसिला शुरू हो गया है जिससे उन्हें अपनी बिक्री प्रभावित होने की आशंका है।
जीरो ब्याज दर नीति लाने की जरूरत
नेशनल रियल एस्टेट डेवलपमेंट काउंसिल (नरेडको) के चेयरमैन प्रवीण जैन कहते हैं, 'पिछले एक साल से रियल एस्टेट का बाजार अच्छा चल रहा है। बजट में सरकार होम लोन पर टैक्स छूट की सीमा बढ़ा देगी तो मांग बनी रह सकती है।' उन्होंने यह भी बताया कि प्रदूषण जैसी समस्या की वजह से पूरे शहर में निर्माण का काम रोक दिया जाता है जबकि एक ही शहर में प्रदूषण का स्तर अलग-अलग होता है। इससे श्रमिक वापस चले जाते हैं और उन्हें फिर से काम शुरू करने में महीनों लग जाते हैं, जिससे लागत बढ़ती है। इस मामले में सुपरटेक के सीईओ आरके अरोड़ा ने बताया कि कई बार सरकार की नीति की वजह से निर्माण रोकना पड़ता है तो उस अवधि में खरीदार और निर्माता के लिए जीरो ब्याज दर नीति लाने की जरूरत है। ताकि उन पर अतिरिक्त आर्थिक बोझ नहीं पड़े।
होम लोन लेने वालों को मिले राहत
हाउसिंगडाटकाम समूह के सीईओ ध्रुव अग्रवाल का कहना है कि होम लोन लेने वालों को मूलधन और ब्याज दोनों पर टैक्स इंसेंटिव मिलना चाहिए। अभी सिर्फ होम लोन के ब्याज पर टैक्स छूट का लाभ मिलता है।
सीमेंट और सरिया पर कम की जाए जीएसटी
बिल्डर्स का मानना है कि मकान बनाने में इस्तेमाल होने वाले सीमेंट, स्टील जैसे कच्चे माल पर जीएसटी कम करने से क्रेता और विक्रेता दोनों को लाभ मिलेगा। सिग्नेचर ग्लोबल इंडिया के चेयरमैन प्रदीप अग्रवाल ने बताया कि सीमेंट पर अभी 28 प्रतिशत जीएसटी है जिसे 18 प्रतिशत तक लाया जा सकता है। वहीं स्टील पर लगने वाले 18 प्रतिशत जीएसटी को पांच प्रतिशत किया जा सकता है। उन्होंने बताया कि सरकार चाहे तो यह फायदा 90 मीटर से कम एरिया में बनने वाले मकान को दे सकती है। इससे छोटे मकान के दाम कम होंगे। उन्होंने बताया कि सार्वजनिक कंपनियों की काफी जमीन बेकार पड़ी है। अगर बजट में सरकार इन जमीन पर बिल्डर्स के सहयोग से सस्ते मकान बनाने का काम करे तो रियल एस्टेट सेक्टर को काफी प्रोत्साहन मिलेगा।
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