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    पढ़ें कैसे भारत में आधार की शुरुआत हुई और यह लोगों की पहचान के लिए बन गया जरूरी दस्तावेज

    By Sanjay PokhriyalEdited By:
    Updated: Fri, 03 Jun 2022 08:32 AM (IST)

    भारत में आधार कार्ड एक महत्वपूर्ण सरकारी दस्तावेज है जिसका उपयोग इन दिनों बैंक में खाता खुलवाने से लेकर स्कूलों में बच्चों के एडमिशन तक में होता है। भारत में अब तक 133 करोड़ से अधिक आधार नंबर जारी किए जा चुके हैं

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    अमृत महोत्सव श्रृंखला के तहत पढ़ें कैसे भारत में आधार की शुरुआत हुई

    नई दिल्‍ली, फीचर डेस्क। आज देश में तकरीबन 99 प्रतिशत से अधिक वयस्कों के पास आधार कार्ड मौजूद हैं। 12 अंकों वाले आधार कार्ड की शुरुआत सितंबर 2009 में महाराष्ट्र से हुई थी। पैन कार्ड बनवाने, आयकर रिटर्न भरने से लेकर सरकार की तमाम कल्याणकारी योजनाओं का फायदा लेने के लिए इसकी जरूरत पड़ती है। आधार कार्ड की शुरुआत यूपीए सरकार के दौरान हुई थी। इन्फोसिस के सह-संस्थापक नंदन नीलेकणि को भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआइडीएआइ) का चेयरमैन बनाया गया।

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    आधार कार्ड के आने से भारत में कई बदलाव हुए हैं। आज आधार कार्ड किसी व्यक्ति की आइडेंटिटी प्रूफ की तरह है। यूआइडीएआइ का गठन जनवरी 2009 में भारत सरकार द्वारा किया गया था। इस प्राधिकरण के गठन के बाद सितंबर 2010 से आधार कार्ड बनाने का कार्य शुरू हुआ था। आपको बता दें कि देश में पहला आधार कार्ड 29 सितंबर, 2010 को महाराष्ट्र के नंदुबार जिले की रंजना सोनावाने का बना था।

    आधार का सफर : तीन मार्च, 2006 को सूचना प्रौद्योगिकी विभाग, संचार और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रलय, भारत सरकार द्वारा ‘बीपीएल परिवारों के लिए विशिष्ट पहचान’ नामक परियोजना के लिए स्वीकृति दी गई थी। इसके बाद 28 जनवरी, 2009 को तत्कालीन योजना आयोग (अब नीति आयोग) ने विशिष्ट संख्या वाले पहचान-पत्र बनाने के लिए यूआइडीएआइ के गठन का नोटिफिकेशन जारी किया। फिर सितंबर 2010 में सरकार ने प्रायोगिक तौर पर महाराष्ट्र के कुछ ग्रामीण इलाकों में आधार कार्ड की योजना को लांच किया।

    सरकार की तरफ से नेशनल आइडेंटिफिकेशन अथारिटी आफ इंडिया बिल 2010 संसद में पेश किया गया। फिर आधार से लिंक खातों के लिए डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर स्कीम की शुरुआत की गई। एक जनवरी, 2013 को आधार प्रोजेक्ट देश के 51 जिलों में लागू कर दिया गया। इसके बाद मार्च 2015 में सरकार ने आधार से लिंक्ड डिजिलाकर सर्विस शुरू की। इस सर्विस के तहत लोग अपने दस्तावेजों की स्कैन कापी डिजिलाकर में सेव कर सकते हैं। मार्च 2017 में सरकार ने आयकर अधिनियम में एक नया सेक्शन 139-एए शामिल किया और पैन कार्ड के साथ-साथ आयकर रिटर्न फाइल करने के लिए आधार को अनिवार्य कर दिया। आज यह एक महत्वपूर्ण सरकारी दस्तावेज है।