सर्च करे
Home

Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    RBI का मास्टरस्ट्रोक! गिरते रुपये को बचाने ₹90000 करोड़ का स्वैप ऑक्शन; समझें क्या है पूरा प्लान?

    By Jagran BusinessEdited By: Ankit Kumar Katiyar
    Updated: Wed, 24 Dec 2025 10:34 PM (IST)

    भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने रुपये की अस्थिरता को कम करने और बैंकिंग सिस्टम में लिक्विडिटी बढ़ाने के लिए 13 जनवरी 2026 को 10 अरब अमेरिकी डॉलर का क्रय-ब ...और पढ़ें

    Hero Image

    नई दिल्ली| भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने रुपये की बढ़ती अस्थिरता और बैंकिंग सिस्टम में लिक्विडिटी की कमी को देखते हुए एक तीर से दो निशाना साधने की कोशिश की है। इसके लिए केंद्रीय बैंक की तरफ से 13 जनवरी 2026 को 10 अरब अमेरिकी डॉलर (लगभग 90,000 करोड़ रुपये) के अमेरिकी डॉलर और भारतीय रुपये में क्रय-बिक्री करने का स्वैप आपरेशन आयोजन करने की घोषणा की गई है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    यह 3 साल की अवधि का स्वैप होगा यानी अभी बैंक आरबीआई को डॉलर बेचेंगे और बदले में रुपये लेंगे। लेकिन तीन वर्ष बाद बैंक रुपये दे कर डॉलर वापस खरीद सकेंगे। इससे बैंकिंग सिस्टम में बड़ी मात्रा में तरलता (फंड की उपलब्धता) बढ़ेगी, जिससे ब्याज दरों को स्थिर रखने में मदद मिलेगी और बैंक ज्यादा कर्ज बांट कर अर्थव्यवस्था को सहारा देने में मदद करेंगे।

    RBI ने एक दिन पहले ही किया बड़ा एलान

    एक दिन पहले ही आरबीआई ने ओपन मार्केट ऑपरेशंस (ओएमओ) के जरिए दो लाख करोड़ रुपये की सरकारी प्रतिभूतियों की खरीद का भी ऐलान किया है। यह खरीद चार बराबर किश्तों में, 29 दिसंबर 2025, 5 जनवरी, 12 जनवरी और 22 जनवरी 2026 को 50-50 हजार करोड़ रुपये की होगी। इस तरह से दो दिनों में आरबीआई ने कुल मिलाकर बैंकिंग सिस्टम में करीब तीन लाख करोड़ रुपये की अतिरिक्त डालने का इंतजाम कर दिया है। लेकिन उक्त दोनों कदम भारतीय रुपये को भी स्थिर रखने में मददगार साबित होंगे।

    यह भी पढ़ें- 3 घंटे में चेक क्लियर! RBI ने टाली चेक क्लियरेंस की डेडलाइन, बदला प्रोसेसिंग टाइम; अब कब से होगा लागू?

    डॉलर के मुकाबले 91 के स्तर को छू चुका रुपया

    पिछले एक महीने से डॉलर के मुकाबले भारतीय रुपया काफी दबाव में रहा है। एक डॉलर के मुकाबले रुपये की कीमत 91 के स्तर को छू चुका है। विदेशी निवेशकों के भारतीय बाजार से पैसा निकालने, अमेरिकी व्यापार नीतियों की अनिश्चितता जैसी वजहों को प्रमुख कारण बताया जा रहा है। आरबीआई की तरफ से रुपये की गिरावट को रोकने के लिए सक्रियता बढ़ा दी गई है।

    मुद्रा बाजार में आरबीआई लगातार हस्तक्षेप कर रहा है यानी अपनी तरफ से डॉलर बेच कर इसकी आपूर्ति बढ़ाता है ताकि रुपये की कीमत को स्थिरता मिले। इससे विदेशी मुद्रा भंडार पर भी असर हुआ और सिस्टम में फंड की कमी भी हो गई। वैसे रुपये पर इसका कुछ असर हुआ है।

    आज किस स्तर पर बंद हुआ रुपया?

    गुरुवार, 24 दिसंबर 2025 को रुपया 89.79 के स्तर पर बंद हुआ है। आरबीआई के उपरोक्त दोनों कदमों से फंड की उपब्धता भी बढ़ेगी और रुपये की तेज गिरावट रुकेगी। सनद रहे कि आरबीआई ने 2025 में रुपये की स्थिरता के लिए कई सक्रिय कदम उठाए हैं।

    दिसंबर की शुरुआत में भी पांच अरब डॉलर का तीन साल का स्वैप ऑक्शन (16 दिसंबर 2025 को आयोजित) और एक लाख करोड़ रुपये के ओएमओ की घोषणा की गई थी। आरबीआई के आंकड़े बताते हैं कि वर्ष 2025 में अब तक ओएमओ, स्वैप व अन्य तरीकों से आरबीआइ ने बैंकिंग सिस्टम में नौ से दस लाख करोड़ रुपये की राशि डाली है।

    बिजनेस से जुड़ी हर जरूरी खबर, मार्केट अपडेट और पर्सनल फाइनेंस टिप्स के लिए फॉलो करें