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    आज पेश होगी वित्त वर्ष 2021-22 की पहली मौद्रिक नीति समीक्षा, थोड़ी देर में गवर्नर शक्तिकांत दास ब्याज दरों को लेकर करेंगे घोषणा

    By Pawan JayaswalEdited By:
    Updated: Wed, 07 Apr 2021 09:44 AM (IST)

    आरबीआइ की तरफ से देश की आर्थिक विकास दर के अनुमान को लेकर क्या लक्ष्य निर्धारित किए जा रहे हैं इस बारे में घोषणा का सबको इंतजार है। आरबीआइ की पिछली मौद्रिक नीति समीक्षा (पांच फरवरी 2021) में वर्ष 2021-22 के लिए आर्थिक विकास

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    भारतीय रिज़र्व बैंक PC : File Photo

    नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। कोविड-19 की दूसरी लहर के बीच सरकार, वित्तीय बाजार और तमाम वित्तीय संस्थानों को आरबीआइ की समीक्षा बैठक के फैसलों का बेसब्री से इंतजार है। जानकारों का मानना है कि ब्याज दरों में नरमी का दौर अब खत्म होने वाला है। आरबीआइ गवर्नर शक्तिकांत दास द्वारा बुधवार को पेश होने वाली मौद्रिक नीति समीक्षा में रेपो रेट व अन्य वैधानिक दरों को फिलहाल मौजूदा स्तर पर ही रखने की संभावना है। इसके लिए कोविड के बढ़ते मामलों के बीच आर्थिक गतिविधियों के फिर से प्रभावित होने के खतरे को वजह माना जा रहा है।

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    आरबीआइ की तरफ से देश की आर्थिक विकास दर के अनुमान को लेकर क्या लक्ष्य निर्धारित किए जा रहे हैं, इस बारे में घोषणा का सबको इंतजार है। आरबीआइ की पिछली मौद्रिक नीति समीक्षा (पांच फरवरी, 2021) में वर्ष 2021-22 के लिए आर्थिक विकास दर के 10.5 फीसद रहने का अनुमान लगाया गया था। चूंकि यह वित्त वर्ष 2021-22 की पहली मौद्रिक नीति समीक्षा होगी, इसलिए इस बारे में किए जाने वाला एलान महत्वपूर्ण होगा।

    एमके ग्लोबल फाइनेंशिएल सर्विसेज का कहना है कि कोरोना के दोबारा प्रसार के बाद आर्थिक विकास दर के लक्ष्य को लेकर केंद्रीय बैंक बहुत ज्यादा उत्साह नहीं दिखाएगा। साथ ही महंगाई को लेकर भी काफी सोच विचार के बाद कदम उठाएगा, क्योंकि आने वाले दिनों में महंगाई का असर ज्यादा तीखा हो सकता है। वैसे, वित्त मंत्रालय की तरफ से वर्ष 2021 से वर्ष 2026 तक के लिए ब्याज दरों के लक्ष्य को चार फीसद (दो फीसद ऊपर-नीचे) निर्धारित किया जा चुका है।

    एसबीआइ की तरफ से होम लोन और एचडीएफसी बैंक की तरफ से जमा दरों में वृद्धि करना इसका स्पष्ट उदाहरण है कि पिछले तीन वर्षो से ब्याज दरों में नरमी का जो रुख बना हुआ था वह अब धीरे धीरे ऊपर की तरफ आने वाला है। डॉ. दास ने पिछली समीक्षा बैठक के बाद इसके संकेत दिए थे। कोटक म¨हद्रा लाइफ इंश्योरेंस के एमडी व सीईओ जी. मुरलीधर का कहना है कि पॉलिसी दरों को लेकर कोई कदम उठाए जाने की संभावना कम है।

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