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    UPI का विदेश में बढ़ेगा दबदबा, पांच साल में इस पेमेंट सिस्टम को 20 देशों तक पहुंचाएगा RBI

    रिजर्व बैंक (RBI) ने वित्त वर्ष 2028-29 तक यूपीआई को 20 देशों में पहुंचाने की योजना बनाई है। इसके लिए भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम (एनपीसीआई) की सब्सिडियरी एनपीसीआई इंटरनेशनल पेमेंट्स लिमिटेड (एनआईपीएल) के साथ मिलकर काम किया जाएगा। आरबीआई की वार्षिक रिपोर्ट में यह बात कही गई है। इसके अलावा रूपे का वैश्विक विस्तार बढ़ाने की संभावनाएं भी तलाशी जाएंगी।

    By Jagran News Edited By: Suneel Kumar Updated: Sat, 01 Jun 2024 08:30 PM (IST)
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    रुपे कार्ड का वैश्विक विस्तार बढ़ाने की संभावनाएं भी तलाशी जाएंगी।

    बिजनेस डेस्क, नई दिल्ली। भारत की लोकप्रिय डिजिटल भुगतान प्रणाली यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (UPI) ने शहर से लेकर कस्बों और गांव तक पेमेंट का तरीका ही बदल दिया। आज सब्जी के ठेले से लेकर बड़े-बड़े मॉल में आपको यूपीआई स्कैनर मिल जाएंगे। भारत अपने इस बहुचर्चित और सफल पेमेंट सिस्टम को कई अन्य देशों के साथ भी साझा कर रहा है।

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    रिजर्व बैंक (RBI) ने वित्त वर्ष 2028-29 तक यूपीआई को 20 देशों में पहुंचाने की योजना बनाई है। इसके लिए भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम (एनपीसीआई) की सब्सिडियरी एनपीसीआई इंटरनेशनल पेमेंट्स लिमिटेड (एनआईपीएल) के साथ मिलकर काम किया जाएगा। आरबीआई की वार्षिक रिपोर्ट में यह बात कही गई है।

    रुपे का भी होगा वैश्विक विस्तार

    हाल में जारी हुई रिपोर्ट में कहा गया है कि विकसित भारत 2047 के लक्ष्यों को ध्यान में रखते हुए इस दिशा में चालू वित्त वर्ष 2024-25 में काम शुरू किया जाएगा। इस कार्य को वित्त वर्ष 2028-29 तक पूरा करने का समय तय किया गया है। इसके अलावा रुपे कार्ड का वैश्विक विस्तार बढ़ाने की संभावनाएं भी तलाशी जाएंगी।

    रिपोर्ट में कहा गया है कि यूरोपीय संघ और दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय सहयोग संगठन (सार्क) जैसे देशों के समूह के साथ फास्ट पेमेंट सिस्टम (एफपीएस) के साथ बहुपक्षीय संबंधों की संभावनाएं भी तलाशी जाएंगी। आरबीआइ के पेमेंट विजन डाक्यूमेंट 2025 में यूपीआई और रूपे कार्ड की वैश्विक पहुंच को अंतरराष्ट्रीयकरण स्तंभ के तहत प्रमुख उद्देश्यों में से एक के रूप में रेखांकित किया गया है।

    आरबीआई सहयोगी व्यवस्था में प्रवेश करने के लिए विभिन्न देशों के केंद्रीय बैंकों के साथ बातचीत भी कर रहा है। फ्रांस और नेपाल में क्यूआर कोड के जरिये पहले से ही व्यापारी यूपीआई पेमेंट स्वीकार कर रहे हैं। इसके अलावा सात अन्य देशों के साथ भी अन्य तरीकों से यूपीआइ के जरिये भुगतान को लेकर समझौते किए गए हैं।

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