MSME को कर्ज में दिक्कत, ब्याज भी ज्यादा, RBI ने बताया कारण
बैंकिंग रेगुलेटर RBI ने 2024-25 की annual report में MSME को लेकर कई बातें कही हैं। उसने बताया है कि पिछले वित्त वर्ष के दौरान एमएसएमई को कर्ज की उपलब्धता बढ़ाने के लिए रेगुलेटरी ढांचे को किस तरह सशक्त किया गया। हालांकि तमाम कदमों के बावजूद इन इकाइयों के लिए कर्ज की उपलब्धता और अधिक ब्याज दर की समस्या बरकरार है।

नई दिल्ली। लघु, छोटे और मझोले उपक्रमों (MSME) के लिए कर्ज का प्रवाह बढ़ाना रिजर्व बैंक और सरकार की प्राथमिकता रही है। इसके लिए रेगुलेटरी ढांचे को सशक्त करने के कदम भी उठाए गए हैं। इसके बावजूद बड़ी संख्या में एमएसएमई कर्ज से वंचित हैं। यही नहीं, उनके लिए कर्ज पर ब्याज की दर भी अधिक होती है।
बैंकिंग रेगुलेटर रिजर्व बैंक ने 2024-25 की सालाना रिपोर्ट (RBI MSME loan report 2025) में बताया है कि 2023-24 की तुलना में 2024-25 के दौरान बैंकों की तरफ से MSME पर बकाया ऋण (Outstanding Loan) में 14.6% की वृद्धि हुई।
कितना ब्याज चुकाना पड़ता है एमएसएमई को
आरबीआई ने सालाना रिपोर्ट में बताया है कि रेपो रेट से जुड़े सभी तरह के कर्ज में सबसे अधिक स्प्रेड एजुकेशन लोन पर 4.66% था। उसके बाद सबसे अधिक 3.31% स्प्रेड एमएसएमई लोन पर ही था। MSME के लिए कर्ज (small business loan interest rates India) पर औसत ब्याज दर (WALR) जून 2024 में 10.28% और मार्च 2025 में 10.01% थी।
RBI ने बताया कर्ज में क्यों आती है दिक्कत
देश में 6.3 करोड़ एमएसएमई हैं और आरबीआई की रिपोर्ट के अनुसार 2024-25 में सिर्फ 2.45 करोड़ एकाउंट को बैंकों से कर्ज मिला था। रिजर्व बैंक ने 2024-25 के लिए जो एजेंडा तय किया था, उसमें MSME के लिए कर्ज की उपलब्धता बढ़ाने के लिए रेगुलेटरी ढांचे को सशक्त करना भी शामिल था।
रिपोर्ट में कहा गया है कि MSME के विकास और उनकी सस्टेनेबिलिटी के लिए कर्ज तक पहुंच बहुत जरूरी है। लेकिन बैंक जैसे औपचारिक स्रोतों से कर्ज प्राप्त करने में MSME को कई तरह की चुनौतियों (MSME finance challenges India) का सामना करना पड़ता है। इनमें सूचनाओं में अंतर, अत्यधिक डॉक्यूमेंटेशन और पारदर्शिता की कमी शामिल हैं। इन चुनौतियों से निपटने के लिए बैंकों को 11 जून 2024 को कुछ निर्देश जारी किए थे।
MSME के लिए बैंकों को क्या हैं निर्देश
बैंकों से कहा गया कि वे माइक्रो और स्मॉल एंटरप्राइज (MSE) को 25 लाख रुपये तक के कर्ज के लिए 14 दिनों का समय सुनिश्चित करें, ताकि उनके आवेदन जल्दी स्वीकृत किए जा सकें। बैंकों से अपनी वेबसाइट पर कर्ज संबंधी सभी सूचनाएं एक अलग टैब में स्पष्ट रूप से प्रदर्शित करने को भी कहा गया।
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