RBI का तोहफा, अब NEFT-RTGS करने पर नहीं लगेगा कोई चार्ज
RBI (भारतीय रिजर्व बैंक) ने अपनी द्विमासिक मौद्रिक नीति समीक्षा में रेपो रेट में 0.25 फीसद की कटौती की है।
नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। RBI (भारतीय रिजर्व बैंक) ने अपनी द्विमासिक मौद्रिक नीति समीक्षा में रेपो रेट में 0.25 फीसद की कटौती की है। अब होम और ऑटो लोन लेने वालों को उनकी EMI का बोझ घटेगा। इसके साथ ही शीर्ष बैंक की मॉनेटरी पॉलिसी कमेटी (एमपीसी) ने RTGS और NEFT पर बैंको की ओर से वसूले जाने वाले चार्जेस को पूरी तरह से खत्म करने का फैसला किया है। RBI ने बैंकों को कहा कि फायदा ग्राहकों को देना सुनिश्चित करे।
RBI ने कहा है कि एनबीएफसी सेक्टर की निगरानी की जा रही है साथ ही सिस्टम में पर्याप्त तरलता वह सुनिश्चित करेगा। इसके अलावा फैसला किया गया है कि ATM इंटरचेंज चार्ज (एक बैंक का ATM दूसरे में इस्तेमाल ) को लेकर एक कमेटी बनाई जाएगी जिसका नेतृत्व IBA के CEO करेंगे।
पिछले दिनों RBI ने रियल टाइम ग्रॉस सेटलमेंट (RTGS) के जरिए पैसे भेजने का समय डेढ घंटे बढ़ाकर शाम 6 बजे तक करने का फैसला किया था। यह नई व्यवस्था 1 जून से प्रभावी हो गई है।
क्या है आरटीजीएस
आरटीजीएस यानी रियल टाइम ग्रॉस सेटलमेंट वह प्रणाली है जिसके माध्यम से मनी ट्रांसफर का कार्य रियल टाइम में ही तुरंत हो जाता है। इससे व्यक्तिगत खाताधारकों या समूह में ग्राहकों को फंड ट्रांसफर किया जा सकता है। यह सिस्टम मुख्यत: बड़ी राशि के ट्रांजेक्शन के लिए प्रयोग होता है। इसके माध्यम से न्यूनतम 2,00,000 रुपये का ट्रांजेक्शन किया जा सकता है, वहीं ट्रांजेक्शन के लिए अधिकतम राशि की कोई सीमा नहीं है।
NEFT भी है लोकप्रिय माध्यम
आरटीजीएस के अलावा मनी ट्रांजेक्शन का एक अन्य लोकप्रिय माध्यम नेशनल इलेक्ट्रॉनिक फंड ट्रांसफर (NEFT) भी है। इसकी सबसे खास बात यह है कि, इसमें न्यूनतम और अधिकतम रुपयों की कोई सीमा नहीं है। इसकी कमी यह है कि, इसमें फंड ट्रांसफर एक निर्धारित समय पर ही होता है।
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