2026 में दुनिया भर में अनिश्चितता बरकरार, फिर भी RBI ने क्यों कहा भारत की बुनियाद मजबूत
RBI Financial Stability Report: दिसंबर की FSR में RBI ने भारत की मजबूत वित्तीय स्थिति के बारे में बताया है। गवर्नर संजय मल्होत्रा का कहना है कि उतार-च ...और पढ़ें

भारतीय बैंक कई दशकों की बेहतर स्थिति में
RBI Financial Stability Report 2026: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने साल के आखिरी दिन, बुधवार को दिसंबर 2025 की वित्तीय स्थिरता रिपोर्ट (FSR) जारी की। इसमें एक ऐसी अर्थव्यवस्था की तस्वीर पेश की गई है जो वैश्विक स्तर पर ‘स्थिरता का स्तंभ’ बनी हुई है। उन्नत अर्थव्यवस्थाओं में भू-राजनीतिक तथा व्यापारिक तनाव और नीतिगत अनिश्चितता के बावजूद भारत की वित्तीय प्रणाली ने असाधारण मजबूती और लचीलापन दिखाया है।
रिपोर्ट की प्रस्तावना में आरबीआई गवर्नर संजय मल्होत्रा ने इस बात पर जोर दिया कि 2026 के लिए वैश्विक परिदृश्य अनिश्चितता से घिरा हुआ है, लेकिन भारत की व्यापक वित्तीय बुनियाद मजबूत और लचीली बनी हुई है। यह ताकत वित्तीय और गैर-वित्तीय फर्मों की स्वस्थ बैलेंस शीट, मजबूत घरेलू खपत और पर्याप्त पूंजी भंडार पर टिकी है, जो बाहरी झटकों के खिलाफ महत्वपूर्ण सुरक्षा कवच के रूप में कार्य करते हैं।
भारतीय बैंक कई दशकों की बेहतर स्थिति में
रिपोर्ट में कहा गया है कि भारतीय बैंक इस समय पिछले कई दशकों की अपनी सबसे बेहतर स्थिति में हैं। सितंबर 2025 तक सकल गैर-निष्पादित संपत्ति (GNPA) अनुपात गिरकर 2.2% पर आ गया जो कई दशकों का सबसे निचला स्तर है। नेट एनपीए (NNPA) अनुपात भी 0.5% के रिकॉर्ड निचले स्तर पर बना हुआ है।
भारतीय बैंकों का पूंजी-जोखिम संपत्ति अनुपात 17.2 प्रतिशत है, जो रेगुलेटरी आवश्यकताओं से काफी ऊपर है। लिक्विडिटी कवरेज रेशियो (LCR) 131.7% पर है, जो सुनिश्चित करता है कि बैंकों के पास अल्पकालिक तनाव से निपटने के लिए उच्च गुणवत्ता वाली पर्याप्त तरलता है।
गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (NBFC) की स्थिति भी मजबूत है। उनका कंसोलिडेटेड CRAR 24.9% है और खुदरा तथा सेवा क्षेत्रों में मजबूत ऋण वृद्धि से उनकी एसेट क्वालिटी में निरंतर सुधार हुआ है।
घरेलू मांग से विकास को गति
भारत की जीडीपी ने चौंकाते हुए वित्त वर्ष 2025-26 की दूसरी तिमाही (Q2) में 8.2% वृद्धि दर्ज की। यह तेजी मजबूत निजी खपत और ऊंचे सार्वजनिक निवेश के कारण आई है। कई अन्य देशों के विपरीत भारत में महंगाई नियंत्रण में है, जिससे आरबीआई ने 2025-26 के लिए अपने विकास अनुमान को संशोधित कर 7.3% कर दिया है।
भले ही दूसरी तिमाही में चालू खाता घाटा (CAD) थोड़ा बढ़कर 1.3% हो गया, लेकिन सेवा निर्यात और रिकॉर्ड रेमिटेंस के कारण यह पूरी तरह से नियंत्रण में है। इसके अलावा, दिसंबर के मध्य तक भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 693.3 अरब डॉलर तक पहुंच गया, जो 11 महीने के आयात के लिए पर्याप्त है।
बाहरी प्रभाव और बाजार की कमजोरियां
भले ही रिपोर्ट काफी सकारात्मक है, लेकिन आरबीआई बाहरी प्रभावों से उत्पन्न निकट-अवधि की चुनौतियों पर सतर्क नजर बनाए हुए है। इसका कहना है कि उन्नत अर्थव्यवस्थाओं में जोखिम वाली संपत्तियों, विशेष रूप से अमेरिकी शेयरों में सुधार की स्थिति भारत जैसे उभरते बाजारों से पूंजी निकालने का कारण बन सकती है। व्यापारिक तनाव और टैरिफ विनिमय दर में अस्थिरता बढ़ा सकते हैं और संवेदनशील क्षेत्रों में कॉर्पोरेट आय को कम कर सकते हैं।
रिपोर्ट में एक विशेष चेतावनी निजी स्टेबलकॉइन्स (Stablecoins) को लेकर दी गई है। इसमें कहा गया है कि इनमें तीव्र वृद्धि मौद्रिक संप्रभुता के लिए जोखिम पैदा करती है। आरबीआई डिजिटल युग के लिए सेंट्रल बैंक डिजिटल मुद्रा (CBDCs) को एक सुरक्षित और अधिक विश्वसनीय विकल्प के रूप में प्राथमिकता देता है।
इनोवेशन और उपभोक्ता संरक्षण
आरबीआई ने इस बात पर जोर दिया कि वित्तीय स्थिरता अपने आप में अंत नहीं है, बल्कि इनोवेशन और उत्पादकता की नींव है। व्यापार करने में आसानी (Ease of doing business) को बेहतर बनाने के लिए महत्वपूर्ण नियामक पहल की गई हैं, जिसमें 9,000 से अधिक नियामक निर्देशों को 244 मास्टर दिशानिर्देशों में पुनर्गठित करना शामिल है।
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) के जिम्मेदार उपयोग के लिए नए ढांचे पेश किए गए हैं ताकि साइबर सुरक्षा खतरों को कम करते हुए नैतिक इनोवेशन को बढ़ावा दिया जा सके। इसके अतिरिक्त, रिपोर्ट उपभोक्ता संरक्षण के लिए एक बड़े प्रयास का उल्लेख करती है, जो लावारिस वित्तीय संपत्तियों को उनके असली मालिकों को वापस करने के देशव्यापी अभियान को बताता है।
2026 की ओर एक नजर
आरबीआई के मैक्रो स्ट्रेस टेस्ट बैंकिंग प्रणाली के लचीलेपन की पुष्टि करते हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि अगर अगर जीडीपी विकास में भारी गिरावट और मुद्रास्फीति में वृद्धि होती है, तब भी प्रमुख बैंकों का CRAR 9% के न्यूनतम नियामक स्तर से काफी ऊपर बना रहेगा। वर्ष 2025 के आखिरी दिन जारी यह रिपोर्ट बताती है कि भारत आने वाले वर्ष की चुनौतियों का सामना करने के लिए आवश्यक सुरक्षा कवच के साथ अच्छी तरह से सुसज्जित है।

कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।