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    Non-Banking कंपनियां भी जारी कर सकेंगी e-RUPI वाउचर, आरबीआई गवर्नर ने बताया पूरा प्लान

    By Gaurav KumarEdited By: Gaurav Kumar
    Updated: Thu, 08 Jun 2023 01:13 PM (IST)

    मौद्रिक नीति के बैठक का फैसला सुनाते हुए आरबीआई गर्वनर शक्तिकांत दास ने कहा कि देश में ई-रुपी वाउचर जारी करने के दायरे को व्यापक बनाने के उद्देश्य से अब गैर-बैंक कंपनियां भी ई-रूपी वाउचर जारी कर सकती हैं।

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    Now NBFC will also be able to issue e-RUPI vouchers

    नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क: भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के गवर्नर शक्तिकांत दास ने आज ई-रुपी वाउचर के दायरे को बढ़ाने का फैसला लिया है। दास ने कहा कि ई-रुपी वाउचर जारी करने के दायरे को व्यापक बनाने के उद्देश्य से अब गैर-बैंक कंपनियां भी ई-रूपी वाउचर जारी कर सकती हैं।

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    अभी तक सिर्फ बैंक ही जारी करता था e-RUPI

    आरबीआई गवर्नर ने कहा कि वर्तमान में, बैंकों द्वारा उद्देश्य-विशिष्ट ई-रूपी डिजिटल वाउचर जारी किए जाते हैं, लेकिन अब नॉन बैंक प्रीपेड पेमेंट इंस्ट्रूमेंट (PPI) ई-रूपी वाउचर जारी कर सकेंगें।

    इसके अलावा पीपीआई व्यक्तियों की ओर से ई-रूपी वाउचर जारी कर पाएंगे। गवर्नर ने कहा कि इसके अलावा e-RUPI वाउचर्स के इश्यूएंस और रिडेंपशन आदि जैसे प्रोसेस को भी सरल बनाने का प्रयास है।

    देश में बढ़ाना है डिजिटल भुगतान- गवर्नर

    गवर्नर ने कहा कि ई-रूपी में इन बदलावों से eRUPI डिजिटल वाउचर के लाभों को यूजर्स के व्यापक समूह तक पहुंचाना आसान होगा जिससे देश में डिजिटल भुगतान की पैठ और गहरी होगी।

    2021 में लॉन्च हुआ था e-RUPI

    आपको बता दें कि अगस्त 2021 में e-RUPI डिजिटल वाउचर को लॉन्च किया गया था। यह भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम (NPCI) के यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (UPI) सिस्टम पर चलता है।

    वर्तमान में उद्देश्य-विशिष्ट वाउचर बैंकों द्वारा केंद्र और राज्य सरकारों की ओर से और एक सीमित सीमा तक कॉर्पोरेशन की ओर से जारी किए जाते हैं।

    रेपो रेट में नहीं हुआ बदलाव

    आज आरबीआई के गर्वनर शक्तिकांत दास ने मौद्रिक नीति समिति के फैसलों का एलान कर बताया कि फिलहाल रेपो रेट में कई भी बदलाव नहीं किया जाएगा।

    इसका मतलब यह हुआ कि अभी भी रेपो रेट 6.5 फीसदी तक बनी हुई है। 6 से 8 जून तक चली आरबीआई की मौद्रिक नीति समिति अप्रैल में हुई बैठक में भी रेपो रेट को बढ़ाने का फैसला नहीं किया था। इसके अलावा शक्तिकांत दास ने बाताया कि वित्त वर्ष 24 में देश की जीडीपी 6.5 प्रतिशत पर ही बनी रह सकती है।