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    RBI MPC: मकान, गाड़ी के लोन किस्त में नहीं होगा बदलाव, आरबीआइ ने रेपो रेट को स्थिर रखा

    By Gaurav KumarEdited By: Gaurav Kumar
    Updated: Fri, 08 Dec 2023 10:07 AM (IST)

    भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) MPC ने एक बार फिर रेपो रेट 6.5 फीसदी पर स्थिर रखा है। आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने एमपीसी की बैठक में लिए गए फैसले की घोषणा करते हुए यह बात कही। मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) ने 6 से 8 दिसंबर तक हुई बैठक में रेपो रेट को 6.5 फीसदी पर स्थिर रखने का फैसला किया।

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    एमपीसी ने रेपो रेट को स्थिर रखने का लिया फैसला।

    राजीव कुमार, नई दिल्ली। आरबीआइ की मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) ने लगातार पांचवीं बार रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं करते हुए इसे 6.5 प्रतिशत पर कायम रखा। रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं होने से बैंक अपने लोन की ब्याज दर में कोई बदलाव नहीं करेंगे। यानी कि मकान, गाड़ी व अन्य प्रकार के लोन की ब्याज दर पहले की तरह ही रहेंगी जिससे पुराने लोन के किस्त में भी बदलाव नहीं होगा। 

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    आर्थिक विशेषज्ञों के मुताबिक महंगाई दर को लेकर आरबीआइ के रुख को देखते हुए अगले साल मई-जून के बाद ही रेपो रेट में किसी कटौती की उम्मीद की जा सकती है। शुक्रवार को आरबीआइ के गवर्नर शक्तिकांत दास ने एमपीसी बैठक के नतीजों की घोषणा करने के दौरान चालू वित्त वर्ष 2023-24 में विकास दर के अपने अनुमान को 6.5 प्रतिशत से बढ़ाते हुए सात प्रतिशत कर दिया। 

    महंगाई पर सचेत रहने की जरूरत

    दास ने कहा कि पिछले छह महीनों के दौरान आर्थिक गतिविधियों में लगातार हो रही मजबूती को देखते हुए आरबीआइ ने अपने अनुमान में बदलाव किया है। उन्होंने कहा कि चालू वित्त वर्ष में खुदरा महंगाई दर 5.4 प्रतिशत रहेगी जो आरबीआइ की तरफ से महंगाई के लिए तय अधिकतम छह प्रतिशत की सीमा से कम है। हालांकि दास ने साफ तौर पर महंगाई और विकास दर दोनों ही मोर्चे पर काफी सचेत रहने की आवश्यकता पर बल दिया। 

    महंगाई में कमी जरूर है, लेकिन आरबीआइ का लक्ष्य इस दर को चार प्रतिशत तक लाना है। उन्होंने कहा कि कुछ सब्जी के दाम अधिक होने से नवंबर व दिसंबर की महंगाई दर में बढ़ोतरी दिख सकती है। रबी के दौरान बुवाई प्रगति पर है, लेकिन दाल, गेहूं और मसाले पर निगरानी रखने की जरूरत है। 

    शक्तिकांत दास, गवर्नर आरबीआई

    वैश्विक रूप से चीनी के दाम में हो रही बढ़ोतरी भी चिंता का विषय है। दूसरी तरफ वैश्विक स्थितियों को देखते हुए विकास के मोर्चे पर भी जोखिम कायम है। इसलिए नीति निर्धारकों को काफी सतर्क रहना होगा। बैंक आफ बड़ौदा के मुख्य अर्थशास्त्री मदन सब्नविस के मुताबिक आरबीआइ ने अगले वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में महंगाई दर पांच प्रतिशत से नीचे आने का अनुमान लगाया है और उसके बाद ही बैंक रेट में किसी कटौती की उम्मीद की जा सकती है। 

    प्रोपर्टी बाजार को मिली राहतआरबीआइ के फैसले से प्रोपर्टी बाजार में जारी तेजी कायम रहेगी। जानकारों के मुताबिक ब्याज दरों में थोड़ी बढ़ोतरी से भी छोटे व सस्ते मकान के खरीदारों के रुख में बदलाव हो जाता। हाउसिंगडाटकाम के समूह सीईओ ध्रुव अग्रवाल ने बताया कि पिछले एक दशक से प्रोपर्टी बाजार सुस्त था और अब इसमें तेजी दिख रही है। 

    ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं होने से मकान खरीदारों को प्रोत्साहन मिलेगा और डेवलपर्स का विश्वास बढ़ेगा। सिग्नेचर ग्लोबल (इंडिया) लिमिटेड के फाउंडर एवं चेयरमैन प्रदीप अग्रवाल ने कहा कि ब्याज दर में यथास्थिति ऋण लेने वालों और डेवलपर दोनों के लिए अच्छा है। ब्याज की स्थिर दरों से संभावित खरीदार लाभान्वित होंगे, जिससे मांग बढ़ेगी। मांग वृद्धि से रियल एस्टेट सेक्टर के विकास में तेजी आएगी जिससे रोजगार निकलने के साथ जीडीपी विकास को मदद मिलेगी।