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    RBI MPC Meet 2024: आरबीआई एमपीसी की बैठक आज से शुरू, एक्सपर्ट- रेपो रेट अपरिवर्तित रहने की संभावना

    Updated: Wed, 04 Dec 2024 12:46 PM (IST)

    RBI MPC Meet 2024 हर दो महीने में भारतीय रिजर्व बैंक की द्विमासिक मौद्रिक समीक्षा बैठक होती है। इस बैठक में बढ़ती महंगाई और देश की अर्थव्यवस्था को देखते हुए रेपो रेट (Repo Rate) में बदलाव या स्थिरता को लेकर फैसला लिया जाता है। आज से आरबीआई एमपीसी बैठक शुरू हो गई। एक्सपर्ट के अनुसार इस एमपीसी बैठक में भी रेपो रेट को स्थिर रखा जा सकता है।

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    RBI MPC Meet 2024: 6 दिसंबर को होगा फैसलों का एलान

    बिजनेस डेस्क, नई दिल्ली। भारतीय रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति की बैठक आज से शुरू हो गई है। इस बैठक के फैसलों का एलान 6 दिसंबर 2024 (शुक्रवार) को किया जाएगा। पिछले एक साल से ज्यादा समय से रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं हुआ है। इस बैठक में भी रेपो रेट स्थिर रहने का अनुमान जताया गया है। विश्लेषकों का मानना है कि आरबीआई वित्तीय स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए यथास्थिति बनाए रखेगा।

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    एमपीसी की घोषणा पर अर्थव्यवस्था में इसके संभावित प्रभावों के लिए बारीकी से नजर रखी जाएगी। आइये जानते है कि रियल एस्टेट से जुड़े दिग्गजों की क्या प्रतिक्रिया है।

    क्या कहते एक्सपर्ट

    हम दिसंबर तिमाही में ब्याज दरों में कमी की संभावना पर ध्यान दे रहे हैं। यह रियल एस्टेट सेक्टर के लिए एक लंबी प्रतीक्षित खबर होगी। सिर्फ लग्‍जरी हाउसिंग ही नहीं बल्कि पूरे सेक्‍टर को प्रोत्‍साहित करेगी। होम बायर्स को तो लाभ मिलेगा ही, निवेशकों का उत्‍साह भी बढ़ेगा।

    काउंटी ग्रुप के डायरेक्टर, अमित मोदी

    एसकेए ग्रुप के डायरेक्टर, संजय शर्मा के मुताबिक यह फैसला केवल रियल एस्टेट क्षेत्र के लिए ही नहीं, बल्कि पूरे देश के घर खरीदारों के लिए भी महत्वपूर्ण है। जब रेपो दर घटती है, तो होम लोन की ब्याज दरें भी कम हो जाती हैं, जिससे घर खरीदने की प्रक्रिया सस्ती और अधिक सुलभ हो जाती है।

    रहेजा डेवलपर्स के वाईस प्रेजिडेंट,मोहित कालिया के अनुसार रेपो रेट में कटौती रियल एस्टेट सेक्टर के लिए एक बड़ा सकारात्मक कदम साबित होगी। इससे होम बायर्स को कर्ज की बढ़ती ब्याज दरों से राहत मिलेगी और वे निवेश के लिए प्रोत्साहित होंगे।

    पिछले दो सालों में रियल एस्टेट सेक्टर में जो तेजी आई है, उसका एक बड़ा कारण आरबीआई की नीतियां रही हैं। खासकर रेपो रेट में एक साल से ज्यादा समय से कोई बदलाव नहीं हुआ है, जिससे बाजार में स्थिरता बनी रही। अब हम उम्मीद करते हैं कि इस बार आरबीआई रेपो रेट में कुछ कटौती कर सकता है। अगर आरबीआई दरों में कटौती करता है, तो इससे होम लोन की ब्याज दरें भी कम होंगी, और होम बायर्स के लिए ईएमआई पर दबाव नहीं पड़ेगा। इससे रियल एस्टेट सेक्टर में और भी तेजी आएगी।

    सौरभ सहारन , ग्रुप मैनेजिंग डायरेक्टर एचसीबीएस डेवलपमेंट

    नंदनी गर्ग, निदेशक, राजदरबार वेंचर्स ने कहा कि रेपो दर के फैसले रियल एस्टेट क्षेत्र के भविष्य को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। आरबीआई द्वारा रेपो दर में कटौती से उधार लेने की लागत कम हो जाएगी। ऐसे में बाजार में नए निवेश को बढ़ावा मिलेगा।

    रियल एस्टेट उद्योग रेपो दर की घोषणाओं पर गहरी नजर रखता है, क्योंकि आरबीआई द्वारा किए गए बदलाव बाजार की स्थितियों को काफी प्रभावित कर सकते हैं। दर में कटौती से उधार लेने की लागत कम हो सकती है, इससे घर खरीदने वालों को प्रोत्साहन मिलेगा और निवेश आकर्षित होगा, जिससे अंततः बढ़ावा मिलेगा।

    नीरज शर्मा, एमडी, एस्कॉन इंफ्रा रियल्टर

    कुशाग्र अंसल, डायरेक्टर अंसल हाउसिंग के अनुसार रियल एस्टेट क्षेत्र एक महत्वपूर्ण बिंदु पर खड़ा है जहां संभावित रेपो दर में कटौती एक गेम-चेंजर हो सकती है। यह न केवल घर खरीदारों के लिए वित्तीय भार को हल्का करेगा बल्कि बाजार में नई गति लाएगा, मांग को बढ़ावा देगा और दीर्घकालिक निवेश को आकर्षित करेगा। यह कदम सतत विकास को बढ़ावा दे सकता है, जिससे व्यापक अर्थव्यवस्था को लाभ होगा।