RBI MPC Meet 2024 Live: रेपो रेट में नहीं हुआ बदलाव, GDP के अनुमान को किया कम, एमपीसी बैठक में लिए गए कई अहम फैसले
आरबीआई की एमपीसी बैठक के फैसलों का एलान आज किया जाएगा। 6 अगस्त 2024 से यह बैठक शुरू हुई थी। इस बैठक में महंगाई को कंट्रोल करने के लिए रेपो रेट समेत कई फैसले लिए जाएंगे। फैसलों का एलान आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास करेंगे।

हर दो महीने के बाद एमपीसी की बैठक होती है। इस बैठक में समिति द्वारा रेपो रेट (Repo Rate) को लेकर फैसले लिए जाते हैं। अगस्त में 6 तारीख से बैठक शुरू हुई थी और आज इस बैठक के फैसलों का एलान किया जाएगा।
जून में हुए एमपीसी बैठक में रेपो रेट को स्थिर रखने का फैसला लिया गया था। इस बार भी उम्मीद की जा रही है कि रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं होगा। आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने बताया कि रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं किया गया है। यह 6.5 फीसदी पर स्थिर है।
आरबीआई ने चालू वित्त वर्ष के लिए जीडीपी ग्रोथ के अनुमानों में बदलाव किया है। सभी तिमाही के लिए जीडीपी ग्रोथ को कम किया गया है।
ट्रेवॉक के मैनेजिंग डायरेक्टर सहज चावला के अनुसार
आरबीआई का रेपो रेट को जस का तस बनाए रखना और महंगाई पर ध्यान देना खरीदारों, बैंकरों और रियल एस्टेट डेवलपर्स के लिए राहत की खबर है। इससे बाजार में भरोसा बना रहता है और सभी को निवेश और योजना बनाने में मदद मिलती है। स्थिर रेट के चलते रियल एस्टेट सेक्टर में विकास की उम्मीद और मजबूत हो जाती है।
आरबीआई अनधिकृत पेमेंट पर लगाम लगाने के लिए डिजिटल लोन देने वाले ऐप्स का सार्वजनिक भंडार स्थापित करेगा।
आरबीआई गवर्नर नेबताया कि यूपीआई में Delegated Payments शुरू करने के लिए प्रस्ताव पेश किया गया है। जल्द ही यूजर के पास यह ऑप्शन उपलब्ध हो सकता है।
रिसर्जेंट इंडिया के प्रबंध निदेशक ज्योति प्रकाश गादिया के अनुसार
आरबीआई ने कृषि उत्पादन पर असर डालने वाले असमान मानसून और खाद्य पदार्थों की कीमतों में स्थिरता से उत्पन्न चिंताओं के कारण रेपो दर को अपरिवर्तित रखने का फैसला किया है। इसके अलावा, भू-राजनीतिक संकट के नए आयाम प्राप्त करने से संबंधित मुद्दों ने भी मुद्रास्फीति पर स्पष्ट नियंत्रण के बावजूद इस स्तर पर यथास्थिति बनाए रखने के पक्ष में भारी दबाव डाला है।
आरबीआई की अगली एमपीसी बैठक 7 अक्टूबर 2024 से शुरू होगी और इस बैठक के फैसलों का एलान 9 अक्तूबर 2024 को होगा।
श्री प्रदीप अग्रवाल, संस्थापक और अध्यक्ष, सिग्नेचर ग्लोबल (इंडिया) लिमिटेड ने कहा
आरबीआई का दरों को अपरिवर्तित रखने का निर्णय मुद्रास्फीति को नियंत्रण में रखने के इरादे से अपेक्षित तर्ज पर है। जबकि आरबीआई अपनी लक्ष्य सीमा के भीतर मुद्रास्फीति पर लगाम लगाने पर ध्यान केंद्रित कर रहा है, अच्छे मानसून की उम्मीद शीर्ष बैंक को अगले महीनों में ब्याज दरें कम करने के लिए प्रेरित कर सकती है, जिससे रियल एस्टेट की बिक्री में और तेजी आएगी और संभावित घर खरीदारों को इसमें प्रवेश करने का अवसर भी मिलेगा।
आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने बताया कि चेक पेमेंट्स को जल्द से जल्द क्लीयर करने के लिए काम किया जा रहा है। वर्तमान में चेक पेमेंट को क्लीयर होने में 2 दिन का समय लगता है। आरबीआई कुछ ही घंटो में चेक पेमेंट क्लीयर करने पर काम कर रहा है।
एमपीसी बैठक के फैसलों का एलान होने के बाद बाजार में गिरावट भरा कारोबार रहा। 11.10 बजे के करीब सेंसेक्स 307.32 अंक या 0.39 फीसदी गिरकर 79,160.69 अंक पर कारोबार कर रहा था। निफ्टी भी 98.85 अंक या 0.41 फीसदी की गिरावट के साथ 24,198.65 अंक पर ट्रेड कर रहा है।
आरबीआई गवर्नर ने कहा कि डिजिटल लोन देने वाले ऐप्स को सार्वजनिक भंडार बनाने का प्रस्ताव दिया गया है। इस प्रस्ताव में यह ऐप्स अपने डिजिटल लोन की रिपोर्ट आरबीआई को देगी।
श्री मोहित जैन, प्रबंध निदेशक, क्रिसुमी कॉर्पोरेशन के अनुसार
रियल एस्टेट सहित सभी उद्योगों में आर्थिक विकास को बढ़ावा देने के लिए दर में कटौती एक आदर्श परिदृश्य होगा, यथास्थिति बनाए रखने से उधार लेने की लागत को बढ़ने से रोकने, सामर्थ्य को सक्षम करने, आवासीय मांग को बढ़ाने और समग्र अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने में मदद मिलेगी। एक स्थिर नीतिगत माहौल बनाए रखने के आरबीआई के प्रयास से न केवल घर खरीदने वालों को बल्कि रियल एस्टेट डेवलपर्स को भी फायदा होगा, जिनके पास नवाचार करने और उछाल को भुनाने का अवसर है।
श्री अमन सरीन, निदेशक एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी, अनंत राज लिमिटेड के अनुसार
हम आर्थिक विकास को बनाए रखने और मुद्रास्फीति को नियंत्रण में रखने के लिए नीतिगत दर को अपरिवर्तित रखने के भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के फैसले का स्वागत करते हैं। यह निर्णय एक स्थिर आर्थिक माहौल को बढ़ावा देता है, जो निरंतर विकास के लिए महत्वपूर्ण है। हमारा मानना है कि स्थिर ब्याज दरें रियल एस्टेट क्षेत्र के लिए विशेष रूप से फायदेमंद हैं। जब ब्याज दरें स्थिर रहती हैं, तो घर खरीदार संभावित दरों में बढ़ोतरी की अनिश्चितता के बिना अपनी खरीदारी की योजना बना सकते हैं। उधार की लागत भी स्थिर रहती है, इस प्रकार निर्माण की लागत भी स्थिर रहती है।
एमपीसी बैठक में यूपीआई को लेकर भी फैसला लिया गया है। अब यूपीआई के जरिये टैक्स पेमेंट लिमिट को 1 लाख रुपये से बढ़ाकर 5 लाख कर दिया गया है।
आरबीआई गवर्नर ने बताया कि 2 अगस्त 2024 तक भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 675 अरब डॉलर तक पहुंच गया था। एफडीआई रिकॉर्ड उच्च स्तर पर हैं।
RBI गवर्नर ने बताया कि वह नियम उल्लंघन रोकने के लिए काफी सख्त हो गया है। केंद्रीय बैंक इसके लिए फ्रेमवर्क तैयार कर रहा है। बैंकों के लिए नियम पालन करना जररूी है। ऐसे में सुचारु ऑपरेशन व्यवस्था के लिए फ्रेमवर्क आवश्यक है।
आरबीआई गवर्नर ने कहा कि देश के बैंकों के सामने फंडिंग एक चुनौती बना हुआ है। ऐसे में बैंकों को घरेलू बचत को बढ़ावा देना चाहिए। बैंकों को डिपॉजिट में बढ़ोतरी के लिए काम करना होगा।
आरबीआई गवर्नर ने एमपीसी बैठक के फैसलों का एलान करते वक्त कहा कि दूध और मोबाइल टैरिफ बढ़ोतरी का क्या प्रभाव पड़ा इसकी समीक्षा की जाएगी। आरबीआई बढ़ती खाद्य महंगाई को नजरअंदाज नहीं कर सकती है। महंगाई को कंट्रोल करने के लिए आरबीआई का रुख सतर्क है।
आरबीआई ने दूसरी तिमाही के लिए खुदरा महंगाई दर अनुमान को 4.4 फीसदी कर दिया है। तीसरी तिमाही के लिए इसे 4.7 फीसदी और चौथी तिमाही के लिए 4.4 फीसदी किया है। वहीं वित्त वर्ष 2026 के लिए महंगई दर अनुमान 4.4 फीसदी किया है।
शक्तिकांत दास ने चालू वित्त वर्ष के जीडीपी ग्रोथ के अनुमान में बदलाव किया। अब पहली तिमागी के लिए जीडीपी को 7.3 फीसदी से 7 फीसदी कर दिया। दूसरी तिमाही के लिए 7.2 फीसदी, तीसरी तिमाही के लिए 7.3 फीसदी, चौथी तिमाही के लिए 7,2 फीसदी का अनुमान जताया है।
आरबीआई गवर्नर ने कहा कि शहरी खपत के साथ घरेलू ग्रोथ भी बढ़ी है। ग्रोथ की बढ़ोतरी में कीमतों का स्थिर होना बहुत जरूरी है। वर्तमान में ग्लोबल ग्रोथ आउटलुक चुनौती बना हुआ है। डिमांड के बढ़ जाने पर मैन्युफैक्चरिंग गतिविधियों में भी वृद्धि हुई है।
वैश्विक अर्थव्यवस्था की नई चुनौतियों को लेकर आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि एआई जैसी नई प्रौद्योगिकियां अभी दुनिया भर के लिए चुनौती बन गई है।
आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि तीसरी तिमाही तक मुद्रास्फीति को नीचे लाया जा सकता है।
RBI ने देश की इकोनॉमी को लेकर ‘WITHDRAWAL OF ACCOMMODATION’ दृष्टिकोण को बरकरार रखा है।
आरबीआई गवर्नर ने बताया कि 4:2 रेश्यो के मतदान से समिति ने रेपो रेट को स्थिर रखने का फैसला लिया है। रेपो रेट 6.5 फीसदी पर स्थिर है।
आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने एमपीसी बैठक में लिए गए फैसलों का एलान करना शुरू कर दिया है।
द्निमासिक एमपीसी बैठक की अध्यक्षता आरबीआई गवर्नर द्वारा किया जाता है। वर्तमान में आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास हैं।
देश में जब भी महंगाई बढ़ जाती है तो सप्लाई और डिमांड को बैलेंस करने के लिए आरबीआई द्वारा बैठक की जाती है। समय-समय पर होने वाली इस बैठक को ही एमपीसी कहते हैं। इस बैठक में रेपो रेट में कटौती या बढ़ोतरी को लेकर फैसले लिए जाते हैं।
एमपीसी बैठक का फैसला आबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास द्वारा एलान किया जाएगा। करीब 10 बजे आरबीआई गवर्नर इन फैसलों का एलान करेंगे।
जब भी देश में महंगाई बढ़ जाती है तब रेपो रेट में बदलाव किया जाता है। मनी फ्लो और महंगाई को कंट्रोल करने के लिए केंद्र बैंक रेपो रेट में बदलाव करता है। जब भी देश की इकोनॉमी बुरे दौर से गुजरती है तब रेपो रेट में कटौती करके मनी फ्लो बढ़ाया जाता है।
आज सेंसेक्स और निफ्टी लाल निशान पर कारोबार कर रहे हैं। एमपीसी बैठक के फैसलों का असर बाजार पर पड़ सकता है। 9.45 बजे के करीब सेंसेक्स 214 और निफ्टी 60 अंक गिरकर कारोबार कर रहा था।
अश्विनी कुमार, पिरामिड इंफ्राटेक के अनुसार रियल एस्टेट सेक्टर में हाल ही में लग्जरी रेजिडेंशियल प्रॉपर्टीज की मांग में वृद्धि देखी गई है। आगामी मौद्रिक नीति से पहले, यथास्थिति में स्थिरता से इस क्षेत्र को लाभ होगा क्योंकि इससे रेजिडेंशियल प्रॉपर्टीज की मांग बढ़ेगी, जिससे डेवलपर्स को खरीदारों की जरूरतों को पूरा करने वाली अधिक प्रोजेक्ट्स बनाने में मदद मिलेगी। इसके अलावा, अपरिवर्तित होम लोन दरें भी संभावित घर खरीदारों को कुछ बड़ी राहत प्रदान करेंगी। हालांकि, रेपो दर में मामूली कमी से सेक्टर की वृद्धि को बल मिलेगा। इस प्रकार, हम आरबीआई के रेपो दर को स्थिर रखने के निर्णय की कल्पना करते हैं, जिससे उभरते क्षेत्रों में नए प्रोजेक्ट्स और डेवलपमेंट का विस्तार होगा।
फिलहाल देश की महंगाई 4 फीसदी से ऊपर बनी है। जून में महंगाई दर 5 फीसदी थी। बढ़ती महंगाई को लेकर आरबीआई गवर्नर ने पहले ही चेतावनी दे दी थी। उन्होंने कहा था कि जुलाई और अगस्त में महंगाई दर में नरमी आने की संभावना है।
सिग्नेचर ग्लोबल (इंडिया) लिमिटेड के संस्थापक और अध्यक्ष श्री प्रदीप अग्रवाल के अनुसार भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा लगातार आठवीं बार ब्याज दरों पर यथास्थिति बनाए रखने का निर्णय लेने की अधिक संभावना है, यह उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) के अपने लक्ष्य सीमा के भीतर होने के बावजूद लगातार खाद्य मुद्रास्फीति के मद्देनजर संतुलित दृष्टिकोण का संकेत होगा। भविष्य को देखते हुए, अर्थशास्त्रियों ने मुद्रास्फीति में निरंतर गिरावट के आधार पर वित्तीय वर्ष की दूसरी छमाही में 25-50 आधार अंकों की संभावित दर कटौती की भविष्यवाणी की है। ब्याज दरों में इस तरह की कमी रियल एस्टेट क्षेत्र के लिए और भी उत्साहजनक हो सकती है, जो पहले से ही अंतिम उपयोगकर्ताओं द्वारा संचालित मजबूत बाजार मांग से लाभान्वित हो रहा है।
रेपो रेट एक तरह का ब्याज दर है। आरबीआई इसी दर पर बैंक को कर्ज देता है। रेपो रेट का सीधा कनेक्शन लोन से होता है। अगर रेपो रेट में कटौती होती है तो लोन की ईएमआई भी कम हो जाती है।
एमपीसी बैठक में रेपो रेट को लेकर फैसला लिया जाएगा। पिछली बैठक में भी रेपो रेट को स्थिर रखने का फैसला लिया गया था।
आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास आज सुबह 10 बजे एमपीसी बैठक के फैसलों का एलान करेंगे। इस बैठक में रेपो रेट समेत कई फैसले लिए जाएंगे।