Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    RBI ने FY25 के लिए 4.5% पर बरकरार रखी महंगाई दर, गवर्नर दास ने कहा - इन चीजों पर कड़ी निगरानी की जरूरत

    RBI MPC Meet 2024 भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) सामान्य मानसून मानते हुए चालू वित्त वर्ष के लिए खुदरा मुद्रास्फीति के अनुमान को 4.5 प्रतिशत पर बरकरार रखा। आरबीआई ने इस बात पर जोर दिया कि खाद्य मूल्य दृष्टिकोण से संबंधित अनिश्चितताओं पर कड़ी निगरानी की जरूरत है। महंगाई की चीजों में नरमी आने के बावजूद दालों और सब्जियों की मुद्रास्फीति मजबूती से दोहरे अंक में बनी हुई है।

    By Priyanka Kumari Edited By: Priyanka Kumari Updated: Fri, 07 Jun 2024 01:25 PM (IST)
    Hero Image
    RBI ने FY25 के लिए 4.5% पर बरकरार रखी महंगाई दर

    पीटीआई, नई दिल्ली। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) सामान्य मानसून मानते हुए चालू वित्त वर्ष के लिए खुदरा मुद्रास्फीति के अनुमान को 4.5 प्रतिशत पर बरकरार रखा। आरबीआई ने इस बात पर जोर दिया कि खाद्य मूल्य दृष्टिकोण से संबंधित अनिश्चितताओं पर कड़ी निगरानी की जरूरत है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    महंगाई दर का अनुमान

    आरबीआई ने उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) आधारित रिटेल महंगाई को 4.5 फीसदी का अनुमान लगाया। इसमें पहली तिमाही (अप्रैल-जून) में 4.9 प्रतिशत, Q2 में 3.8 प्रतिशत, Q3 में 4.6 प्रतिशत और Q4 में 4.5 प्रतिशत का अनुमान जताया।

    आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने द्विमासिक मौद्रिक नीति की घोषणा करते हुए कहा महंगाई समान रूप से संतुलित हैं।

    भारतीय रिजर्व बैंक ने यह सुनिश्चित करने के लिए बाध्य किया गया है कि मुद्रास्फीति 4 प्रतिशत (दोनों तरफ 2 प्रतिशत के मार्जिन के साथ) पर बनी रहे। आरबीआई मौद्रिक नीति के फैसले के समय मुख्य रूप से सीपीआई को ध्यान में रखता है।

    दास ने एमपीसी बैठक के फैसलों की घोषणा करते हुए कहा कि मार्च-अप्रैल के दौरान सीपीआई हेडलाइन महंगाई में और नरमी आई। हालांकि ईंधन की कीमतों में नरमी आने की वजह से कोर महंगाई को सीमित कर दिया।

    यह भी पढ़ें: RBI MPC Meet: नहीं बदली EMI, बैंकिंग फ्रॉड को कम करने के लिए उठाया कदम, यहां जाने एमपीसी बैठक की मुख्य बातें

    मौद्रिक नीति पर आए फैसलों पर क्रिसिल लिमिटेड के मुख्य अर्थशास्त्री, धर्मकीर्ति जोशी का कहना है कि

    एक तरफ जहां यूरोपीय सेंट्रल बैंक (ईसीबी) ने गुरुवार को दर में कटौती शुरू कर दी, वहीं अमेरिकी फेडरल रिजर्व ने लंबे समय तक ब्याज दर को ऊंचा रखा है। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने उसी के अनुरूप खड़े रहना पसंद किया है। हालांकि, उम्मीद है कि इस साल अक्टूबर तक आरबीआई ब्याज दरों में कटौती कर सकता है।

    महंगाई से कोई राहत नहीं

    महंगाई की चीजों में नरमी आने के बावजूद, दालों और सब्जियों की मुद्रास्फीति मजबूती से दोहरे अंक में बनी हुई है।

    सर्दी के मौसम में हल्की गिरावट के बाद गर्मियों में सब्जियों की कीमतों में बढ़ोतरी देखी जा रही है। ईंधन में महंगाई दर में नरमी देखने को मिली है। इस साल मार्च की शुरुआत में एलपीजी की कीमतों में कटौती से ईंधन की महंगाई में नरमी आई।

    जून 2023 के बाद से लगातार 11वें महीने मुख्य मुद्रास्फीति में नरमी आई। सर्विस सेक्टर महंगाई ऐतिहासिक निचले स्तर पर आ गई और माल मुद्रास्फीति नियंत्रित रही।

    दास ने यह भी कहा कि वैश्विक खाद्य कीमतें बढ़ने लगी हैं। चालू कैलेंडर वर्ष में अब तक औद्योगिक धातुओं की कीमतों में दोहरे अंक की वृद्धि दर्ज की गई है। यदि ये रुझान कायम रहे, तो कंपनियों के लिए इनपुट लागत की स्थिति में हालिया बढ़ोतरी बढ़ सकती है।

    यह भी पढ़ें: RBI MPC Meet Update: नहीं कम होगी लोन की EMI, Repo Rate 6.5 फीसदी पर बरकरार