RBI MPC Meeting 2024: Repo Rate में नहीं हुआ बदलाव, ग्राहकों को राहत, नहीं बढ़ेगी होम-कार लोन की किस्त
RBI MPC LIVE: हर दो महीने में आरबीआई की एमपीसी बैठक (RBI MPC Meet 2024) होती है। इस बैठक में देश की महंगाई को ध्यान में रखते हुए रेपो रेट का फैसला लिया जाता है। चालू वित्त वर्ष की पहली बैठक 3 अप्रैल 2024 से शुरू हुई थी। आज इस बैठक के फैसलों का एलान किया गया। इस बार भी रेपो रेट को स्थिर रखने का फैसला लिया गया।

बिजनेस डेस्क, नई दिल्ली। RBI MPC Meeting LIVE Updates: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने इस बार भी रेपो रेट को स्थिर रखने का फैसला लिया है। इसका मतलब है कि रेपो रेट 6.5 फीसदी पर स्थिर रहेगा।
डॉलर के मुकाबले रुपया 9 पैसे की तेजी के साथ बंद हुआ है। आज इंटरबैंक विदेशी मुद्रा बाजार में भारतीय करेंसी ग्रीनबैक के मुकाबले 83.44 पर खुली। इंट्रा-डे में रुपया 83.26 का उच्चतम स्तर और 83.45 का न्यूनतम स्तर छुआ।
शुक्रवार को वायदा कारोबार में सोने की कीमत 157 रुपये गिरकर 69,550 रुपये प्रति 10 ग्राम रह गई। मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज पर, जून डिलीवरी वाले सोने के अनुबंध की कीमत 157 रुपये या 0.23 प्रतिशत की गिरावट के साथ 69,550 रुपये प्रति 10 ग्राम हो गई, जिसमें 23,973 लॉट का कारोबार हुआ।
बैंक, एफएमसीजी, रियल्टी सेक्टर के शेयर 0.5-1.5 प्रतिशत ऊपर हैं। वहीं आईटी और मीडिया सेक्टर के शेयर 0.4 प्रतिशत नीचे हैं। बीएसई मिडकैप और स्मॉलकैप इंडेक्स 0.5 फीसदी चढ़े।
एमपीसी बैठक के फैसलों के एलान से पहले शेयर बाजार गिरावट के साथ खुला था। बैठक में रेपो रेट को स्थिर रखने का फैसला लिया गया है। इसके बाद शेयर बाजार तेजी के साथ बंद हुआ। आज सेंसेक्स 20.59 अंक या 0.03 फीसदी की तेजी के साथ 74,248.22 अंक पर बंद हुआ है।
श्री रोहित गर्ग सह-संस्थापक और सीईओ ऑलिव (पूर्व में स्मार्टकॉइन) के अनुसार
आरबीआई का नीतिगत निर्णय बिल्कुल उम्मीद के मुताबिक था, जिसमें ब्याज दरों, नीतिगत रुख या जीडीपी और मुद्रास्फीति के पूर्वानुमानों में कोई बदलाव नहीं हुआ। बाजार की प्रतिक्रिया काफी धीमी रही है, अब ध्यान वैश्विक घटनाक्रमों पर केंद्रित हो गया है जैसे कि जून में अमेरिकी फेडरल रिजर्व की दर में कटौती की संभावना और यह हमारी अर्थव्यवस्था के लचीलेपन को दर्शाता है। हालाँकि सीपीआई मुद्रास्फीति आरबीआई के आरामदायक क्षेत्र के भीतर है, फिर भी यह उच्च स्तर पर है। बाजार में उतार-चढ़ाव के बावजूद चुनाव से पहले तेजी देखने को मिलने की संभावना है। संभावित परिणामों के संबंध में एनबीएफसी आशा और आशावाद से भरे हुए प्रतीत होते हैं। इसके अतिरिक्त, यह निर्णय एक अनुकूल नियामक माहौल का संकेत देता है, जो फिनटेक स्टार्टअप में आगे निवेश और विकास को प्रोत्साहित कर सकता है।
रिजर्व बैंक ने घोषणा की कि वह गांधीनगर के अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय सेवा केंद्र (आईएफएससी) में सॉवरेन ग्रीन बॉन्ड (एसजीआरबी) के निवेश और व्यापार की अनुमति देगा।
डिजिटल पेमेंट को बढ़ावा देने और यूपीआई यूजर को लाभ देने के लिए आरबीआई यूपीआई की नई सर्विस शुरू करेगा। यूपीआई यूजर को जल्द ही यूपीआई के माध्यम से कैश डिपॉजिट करने की सुविधा मिलेगी।
रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने भी अप्रैल-जून के बीच उच्च तापमान के पूर्वानुमान को देखते हुए खाद्य पदार्थों की कीमतों पर सतर्क रहने की जरूरत पर जोर दिया।
डॉ. वी के विजयकुमार, मुख्य निवेश रणनीतिकार, जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के अनुसार
मौद्रिक नीति, जो नीति दरों और रुख में कोई बदलाव नहीं होने के साथ अपेक्षित तर्ज पर आई है, हालांकि, चालू वित्त वर्ष के बारे में बहुत आशावादी है। इस बात पर जोर देते हुए कि "सीपीआई मुद्रास्फीति घट रही है और जीडीपी वृद्धि तेज है" गवर्नर ने वित्त वर्ष 25 के लिए सीपीआई मुद्रास्फीति 4.5% और जीडीपी वृद्धि 7% रहने का अनुमान लगाया है। यह आशावाद शेयर बाजार के लिए अच्छा संकेत है। गवर्नर की यह टिप्पणी कि "निजी पूंजीगत व्यय चक्र व्यापक हो रहा है और क्षमता उपयोग में सुधार हो रहा है" पूंजीगत सामान क्षेत्र के लिए अच्छी खबर है।
विपुल भोवर, निदेशक, सूचीबद्ध निवेश, वॉटरफील्ड सलाहकार के अनुसार
भारतीय रिज़र्व बैंक ने फिलहाल नीतिगत दर को अपरिवर्तित रखने का फैसला किया है। मुद्रास्फीति पर ध्यान केंद्रित है, हालांकि गिरावट की राह पर है, खाद्य कीमतों, तेल की कीमतों और मानसून को लेकर अनिश्चितता है। यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि आरबीआई दरों में कटौती की जल्दी में नहीं है, क्योंकि विकास बरकरार है।
शक्तिकांत दास ने कहा कि सोने की कीमतों में लगातार इजाफा हो रहा है। दुनिया के सेंट्रल बैंक के गोल्ड रिजर्व में 19 टन की तेजी देखने को मिली है। लगातार 9 महीने से गोल्ड रिजर्व में तेजी आई है। आरबीआई के भी गोल्ड रिजर्व में भी बढ़ोतरी हुई है।
सरकार ने आरबीआई को सीपीआई मुद्रास्फीति को दोनों तरफ 2 प्रतिशत के मार्जिन के साथ 4 प्रतिशत पर सुनिश्चित करने का आदेश दिया है।
इस सप्ताह की शुरुआत में प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि रिजर्व बैंक को विकास को "सर्वोच्च प्राथमिकता" देनी होगी। इसके साथ ही विश्वास और स्थिरता पर ध्यान केंद्रित करना होगा।
शक्तिकांत दास ने कहा कि वित्त वर्ष 2025 के लिए जीडीपी वृद्धि 7 प्रतिशत रहने का अनुमान है। पहली तिमाही में यह 7.1 फीसदी, दूसरी तिमाही में 6.9 फीसदी और तीसरी-चौथी तिमाही में 7 प्रतिशत रह सकता है।
RBI MPC Meeting 2024 LIVE: केंद्रीय बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने FY25 के लिए पहली और दूसरी तिमाही के सीपीआई में संशोधन किया।
चालू वित्त वर्ष की Q1 में सीपीआई 4.9 प्रतिशत, Q2 में 3.8 प्रतिशत, Q3 में 4.6 प्रतिशत, Q4 में 4.5 प्रतिशत हो सकती है।
Share Market Today: इस बार भी रेपो रेट को स्थिर रखने का फैसला लिया गया है। एमपीसी बैठक में लिए गए फैसलों के बाद बाजार में हल्की गिरावट देखने को मिली है। 10.20 पर बीएसई 186 अंक गिरकर 74,041 पर कारोबार कर रहा था।
आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि वित्त वर्ष 2025 के लिए भारत की जीडीपी वृद्धि 7 प्रतिशत रहने का अनुमान है।
आरबीआई गवर्नर ने कहा कि ग्रामीण मांग जोर पकड़ रही है। ऐसे में वित्त वर्ष 2025 में खपत में आर्थिक वृद्धि को समर्थन मिलने की उम्मीद है।
आरबीआई गवर्नर ने बताया कि जीडीपी अनुपात में तेजी देखने को मिल सकती है। उभरती अर्थव्यवस्थाओं पर इसका प्रभाव पड़ सकता है।
रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि फरवरी में खाद्य मुद्रास्फीति का दबाव बढ़ा है।एमपीसी महंगाई के बढ़ने के जोखिम के प्रति सतर्क है।
इस बार भी रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं किया गया है। समिती ने रेपो रेट में बदलाव ना करने का फैसला लिया है। समिती में 5ः1 के बहुमत के साथ रेपो रेट को स्थिर रखने का फैसला लिया गया है। लगातार सातवीं बार रेपो रेट को स्थिर रखा गया है।
एमपीसी बैठक के फैसलों का एलान करते हुए आरबीआई गवर्नर ने कहा कि देश की अर्थव्यवस्था से रिर्जव बैंक का गहरा संबंध है। बता दें कि 1 अप्रैल 2024 को आरबीआई 90 वर्ष का हो गया है।
रिजर्व बैंक की यात्रा का भारतीय अर्थव्यवस्था के विकास से गहरा संबंध है: आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास।
RBI MPC Meet: आरबीआई गवर्नर ने एमपीसी बैठक में लिए गए फैसलों का किया एलान। उन्होंने कहा कि इस बार भी रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं करना का फैसला लिया गया है। इसका मतलब है कि रेपो रेट में 6.5 फीसदी पर स्थिर रहेगा।
अंसल हाउसिंग के निदेशक कुशाग्र अंसल के अनुसार पिछली कई बार की घोषणाओं में आरबीआई ने रेपो दरों को यथावत रखा है, जो रियल एस्टेट कंपनियों और होम बॉयर्स के लिए सकारात्मक रुख का संकेत देता है। हम इस बैठक के बाद भी केंद्रीय बैंक की ओर से रेपो दर बरकरार रहने की उम्मीद कर रहे हैं।
Repo Rate Unchanged: देश में महंगाई को कंट्रोल करने और मनी फ्लो को बैलेंस करने के लिए काफी समय से रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं हुआ है। इस बार भी रेपो रेट स्थिर रहने का फैसला लिया जा सकता है।
Dollar Vs Rupee: शेयर मार्केट के साथ ही आज भारतीय करेंसी के मूल्य में भी गिरावट देखने को मिली है। आज डॉलर के मुकाबले रुपया 6 पैसे गिरकर खुला है।
RBI MPC Meet Update: मिगसन ग्रुप के निदेशक यश मिगलानी ने कहा कि रेपो रेट फरवरी 2023 से 6.5 प्रतिशत के उच्चस्तर पर बनी हुई है। देश की आर्थिक बुनियाद मजबूत है और महंगाई नियंत्रण में है। उम्मीद है कि आरबीआई रेपो रेट में किसी तरह का कोई बदलाव नहीं करेगी और होम बॉयर्स और डेवलपर्स को ध्यान में रखते हुए ही कोई फैसला करेगी।
Share Market Update: शुक्रवार को सेंसेक्स 154.20 अंक गिरकर 74,073.43 अंक पर खुला। निफ्टी 52.50 अंक या 0.23 फीसदी फिसलकर 22,462.20 पर अंक पर पहुंच गया।
Share Market Open: आज शेयर मार्केट गिरावट के साथ खुला है। बीएसई 220 अंक गिरकर 74,006 अंक पर खुला है।
Share Market Pre-Open: आज मार्केट के प्री-ओपन पर बीएसई हरे अंक पर था। सेंसेक्स 100 अंक की तेजी से खुलने की संभावना है।
स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) की मुख्य आर्थिक सलाहकार सौम्य कांति घोष ने एक रिसर्च रिपोर्ट में कहा कि इस बार भी रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं होने की उम्मीद है। चालू वित्त वर्ष तीसरी तिमाही में रेपो रेट में कटौती हो सकती है।
Repo Rate: पिछले एक वित्त वर्ष से रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं हुआ है। आखिरी बार फरवरी 2023 में रेपो रेट को बढ़ाकर 6.5 फीसदी किया गया था।
RBI MPC Meet: पिछला एमपीसी बैठक फरवरी में हुआ था। इस बैठक में भी रेपो रेट को स्थिर रखने का फैसला लिया गया था। फरवरी में भी रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं हुआ, इसकी वजह से बैंक लोन की ब्याज दर में भी कोई बदलाव नहीं हुआ।
What is Repo Rate: देश के सभी बैंक आरबीआई से कर्ज लेते हैं। आरबीआई जिस दर पर कर्ज देता है उसे रेपो रेट कहते हैं। रेपो रेट का असर लोन की ईएमआई पर पड़ता है। रेपो रेट में कटौती के बाद लोन की ईएमआई कम हो जाती है।
RBI Repo Rate: महंगाई को कंट्रोल करने और मनी फ्लो को बैलेंस करने के लिए केंद्रीय बैंक एमपीसी बैठक करता है। इस बैठक में देश की आर्थिक आंकड़ों और महंगाई को कंट्रोल करने के लिए रेपो रेट में कटौती या फिर इजाफा को लेकर फैसले लिए जाते हैं।