Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    रेपो रेट में 25 आधार अंकों की कटौती कर सकता है RBI, कल से शुरू होगी MPC की बैठक

    रेपो रेट का निर्धारण करने वाली एमपीसी की 54वीं बैठक सात अप्रैल को शुरू होगी। कयास लगाए जा रहे हैं कि आरबीआई इस सप्ताह रेपो रेट में 25 आधार अंकों की और कटौती कर सकता है। इसी साल फरवरी में गवर्नर संजय मल्होत्रा की अध्यक्षता वाली आरबीआई की मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) ने रेपो रेट को 25 आधार अंक घटाकर 6.25 प्रतिशत कर दिया था।

    By Jagran News Edited By: Abhinav Tripathi Updated: Sun, 06 Apr 2025 08:06 PM (IST)
    Hero Image
    रेपो रेट में 25 आधार अंकों की कटौती कर सकता है RBI। (फाइल फोटो)

    पीटीआई, मुंबई। आरबीआई इस सप्ताह रेपो रेट में 25 आधार अंकों की और कटौती कर सकता है। अमेरिका द्वारा घोषित पारस्परिक शुल्क वैश्विक अर्थव्यवस्था के लिए चुनौती बन रहे हैं, ऐसे में विशेषज्ञों का मानना है कि विकास को प्रोत्साहित करने के लिए केंद्रीय बैंक यह कदम उठा सकता है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    इसी साल फरवरी में गवर्नर संजय मल्होत्रा की अध्यक्षता वाली आरबीआई की मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) ने रेपो रेट को 25 आधार अंक घटाकर 6.25 प्रतिशत कर दिया था। यह मई 2020 के बाद रेपो रेट में पहली कटौती थी और ढाई साल बाद मुख्य ब्याज दर में किया गया पहला संशोधन था।

    सात अप्रैल को शुरू होगी एमपीसी की 54वीं बैठक

    रेपो रेट का निर्धारण करने वाली एमपीसी की 54वीं बैठक सात अप्रैल को शुरू होगी और फैसला नौ अप्रैल को घोषित किया जाएगा। आरबीआई ने फरवरी, 2023 से रेपो रेट (अल्पकालिक उधार दर) को 6.5 प्रतिशत पर अपरिवर्तित रखा था। पिछली बार आरबीआई ने कोरोना के समय (मई 2020) दर में कमी की थी और उसके बाद इसे धीरे-धीरे बढ़ाकर 6.5 प्रतिशत कर दिया था।

    बैंक ऑफ बड़ौदा के मुख्य अर्थशास्त्री मदन सबनवीस ने कहा कि इस सप्ताह घोषित की जाने वाली ऋण नीति ऐसे समय में आएगी, जब दुनिया भर में और अर्थव्यवस्था के भीतर कई चीजें हो रही हैं। उन्होंने कहा कि अमेरिका द्वारा लगाए गए टैरिफ का नए दौर की विकास संभावनाओं और मुद्रा पर कुछ प्रभाव पड़ेगा और एमपीसी को इस पर विचार करना होगा।

    सबनवीस ने कहा,

    ऐसा लगता है कि मुद्रास्फीति के नरम पड़ने और नकदी संकट के लगभग खत्म होने के साथ इस पर रेपो रेट में 25 आधार अंकों की कटौती के लिए समय पूरी तरह उपयुक्त है।

    तटस्थ रुख के साथ दरों में कटौती की उम्मीद: इक्रा

    अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने दो अप्रैल को भारत और चीन सहित लगभग 60 देशों पर 11-49 प्रतिशत के पारस्परिक टैरिफ का एलान किया है। यह नौ अप्रैल से लागू होगा। विशेषज्ञों के अनुसार, भारत के लिए चुनौतियां और अवसर दोनों हैं, क्योंकि निर्यात में उसके कई प्रतिस्पर्धी देश, जैसे चीन, वियतनाम, बांग्लादेश, कंबोडिया और थाइलैंड पर उच्च शुल्क लगाया गया है। रेटिंग एजेंसी इक्रा को भी उम्मीद है कि एमपीसी अपनी आगामी बैठक में तटस्थ रुख बनाए रखते हुए दरों में 25 आधार अंकों की कटौती करेगी।

    दरों में कटौती के बजाय निगरानी का रुख अपनाए आरबीआई

    एसोचैम उद्योग संगठन एसोचैम ने सुझाव दिया कि आगामी मौद्रिक नीति को इस स्तर पर दर में कटौती करने के बजाय प्रतीक्षा और निगरानी का रुख अपनाना चाहिए। प्रेसिडेंट संजय नायर ने कहा कि आरबीआई ने हाल ही में विभिन्न उपायों के माध्यम से बाजार में नकदी डाली है। हमें इन उपायों के पूंजीगत व्यय वृद्धि और खपत पर प्रभाव को देखने के लिए धैर्य रखना चाहिए। ऐसे में मुझे दरों को स्थिर रखने की उम्मीद है।

    उन्होंने कहा कि बाहरी मोर्चे पर चुनौतियों के बावजूद, भारतीय अर्थव्यवस्था के नए वित्त वर्ष में मजबूत स्थिति में रहने की संभावना है। वित्त वर्ष 26 के लिए लगभग 6.7 प्रतिशत की जीडीपी वृद्धि रहने की संभावना है जबकि खुदरा मुद्रास्फीति के नियंत्रण में रहने की संभावना है। फरवरी में खुदरा मुद्रास्फीति सात महीने के निचले स्तर 3.61 प्रतिशत पर आ गई।

    दरों में कटौती से आवास बाजार में बढ़ेगी मांग

    • सिग्नेचर ग्लोबल सिग्नेचर ग्लोबल (इंडिया) लिमिटेड के संस्थापक और अध्यक्ष प्रदीप अग्रवाल ने कहा कि आरबीआई खपत को बढ़ावा देने और आर्थिक विकास को गति देने के लिए रेपो रेट में 25 आधार अंकों की कटौती करके इसे छह प्रतिशत पर ला सकता है।
    • उन्होंने कहा कि नीतिगत दर में कमी उधार लेने में उत्प्रेरक की भूमिका निभाती है, जिससे अधिक लोग घर खरीदने के लिए निवेश करने के लिए प्रोत्साहित होते हैं, जिससे आवास बाजार में मांग बढ़ती है।
    • हालांकि, इस दर में कटौती का वास्तविक प्रभाव काफी हद तक इस बात पर निर्भर करेगा कि वाणिज्यिक बैंक आरबीआद के नीतिगत निर्णय को लोगों को कितनी प्रभावी और तेजी से पहुंचाते हैं।

    यह भी पढ़ें: टैरिफ बढ़ने के बाद अमेरिका जाने वाले सभी ऑर्डर होल्ड, व्यापारियों ने की केंद्र सरकार से दखल देने की अपील

    यह भी पढ़ें: पेट्रोल-डीजल होगा सस्ता? कच्चे तेल के गिरते भाव से जगी उम्मीद, ट्रंप की टैरिफ नीति का भी होगा असर