सर्च करे
Home

Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    नई सरकार के लिए चुनौती भरा होगा पहला साल

    By Edited By:
    Updated: Tue, 01 Apr 2014 07:59 PM (IST)

    नई दिल्ली [जागरण ब्यूरो]। अर्थव्यवस्था के लिहाज से नई सरकार के लिए पहला साल आसान नहीं होगा। उद्योगों के प्रदर्शन के ताजा आंकड़ों में सुधार के बावजूद च ...और पढ़ें

    Hero Image

    नई दिल्ली [जागरण ब्यूरो]। अर्थव्यवस्था के लिहाज से नई सरकार के लिए पहला साल आसान नहीं होगा। उद्योगों के प्रदर्शन के ताजा आंकड़ों में सुधार के बावजूद चालू वित्त वर्ष 2014-15 में अगली सरकार के लिए चुनौतियां कम नहीं होंगी। रिजर्व बैंक ने महंगाई, औद्योगिक उत्पादन और आर्थिक विकास दर की रफ्तार को लेकर चेताया है। वहीं, एशियाई विकास बैंक [एडीबी] ने विकास दर के अपने अनुमान को घटा दिया है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    नई सरकार के सामने अर्थव्यवस्था की रफ्तार बढ़ाने में सबसे बड़ी चुनौती परियोजनाओं की मंजूरी में लगने वाले समय को कम करना होगा। साथ ही परियोजनाओं के क्रियान्वयन में आने वाली अड़चनों को दूर करके ही आर्थिक विकास की रफ्तार को बढ़ाया जा सकेगा।

    केंद्रीय बैंक ने नए वित्त वर्ष की पहली कर्ज व मौद्रिक नीति की घोषणा करते हुए कहा है कि बीते वित्त वर्ष 2013-14 की तीसरी तिमाही में सुस्ती बनी रही। आर्थिक आंकड़ों में कुछ सुधार दिखने के बावजूद औद्योगिक गतिविधियां अर्थव्यवस्था को सुस्त बनाए रखेंगी। कृषि पैदावार से विकास दर को मिली राहत का असर चौथी तिमाही में खत्म हो सकता है। सब्जियों की कीमतों से महंगाई में जो कमी दिखी थी उसमें बदलाव हो रहा है। दूध, फल और अन्य उत्पादों के दामों में फिर से मजबूती आती दिख रही है। ऐसे में आरबीआइ के लिए ब्याज दरों में नरमी लाना आसान नहीं होगा।

    साल 2014-15 के लिए पहली बार किसी अंतरराष्ट्रीय एजेंसी ने 5.5 फीसद आर्थिक विकास दर का अनुमान लगाया है। एडीबी का कहना है कि भले ही अर्थव्यवस्था में सुधार के संकेत दिख रहे हों, लेकिन इसे रफ्तार पकड़ने में अभी वक्त लगेगा। एशियाई विकास बैंक के मुताबिक जब तक अर्थव्यवस्था के रास्ते आने वाली अड़चनों को दूर नहीं कर लिया जाता, विकास दर में तेजी लाना मुमकिन नहीं होगा। हालांकि 2015-16 में एडीबी ने छह फीसद विकास दर का अनुमान लगाया है।

    आरबीआइ का मानना है कि मौजूदा हालात में साल 2014-15 में आर्थिक विकास की दर पांच से छह फीसद के बीच रहने का अनुमान है। हालांकि साढे़ पांच फीसद के केंद्रीय बैंक के अनुमान में भी कमी आने की आशंका बरकरार है।

    पढ़े : आरबीआइ डिप्टी गवर्नर पद की दौड़ में कामथ आगे

    बिजनेस से जुड़ी हर जरूरी खबर, मार्केट अपडेट और पर्सनल फाइनेंस टिप्स के लिए फॉलो करें